'ख्वाजा' की वजह से मिला ऑस्कर...A R Rahman ने सालों बाद बताई पॉपुलर गाने के पीछे की कहानी
जोधा अकबर का ख्वाजा मेरे ख्वाजा गाना जितना खूबसूरत और दिल को सुकून देने वाला है उतनी ही दिलचस्प इस गाने के बनने की पीछे की कहानी है। ए आर रहमान ने बताया कि कैसे यह गाना इस फिल्म का हिस्सा बना और उनकी जिंदगी पर इसका क्या असर पड़ा।
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एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। आशुतोष गोवारिकर की फिल्म जोशा अकबर को दर्शकों ने खूब पसंद किया था। ऋतिक रोशन और ऐश्वर्या ने इसमें बेहतरीन एक्टिंग की थी। इसके अलावा फिल्म के म्यूजिक ने भी दर्शकों के दिलों पर अलग छाप छोड़ी थी। खासकर फिल्म का गाना ख्वाजा मेरे ख्वाजा ने। इस गाने को ए ऐर रहमान ने बनाया था। इसके दो साल ए आर रहमान ने स्लमडॉग मिलिनेयर के लिए ऑस्कर भी जीता था। अब ए आर रहमान ने कहा कि ख्वाजा मेरे ख्वाजा गाने की वजह से ही हॉलीवुड में जाने का मौका मिला, आखिर उन्होंने ऐसा क्यों कहा आइए जानते हैं।
भारतीय सिनेमा में ख्वाजा मेरे ख्वाजा जैसी आध्यात्मिक गूंज बहुत कम गानों में मिलती है। संगीतकार ए.आर. रहमान के लिए, आशुतोष गोवारिकर की 2008 की फिल्म जोधा अकबर का यह गाना सिर्फ एक भक्ति गीत नहीं था - बल्कि यह एक आशीर्वाद भी था। जिसके बारे में उनका मानना है कि इसी ने उन्हें अगले साल स्लमडॉग मिलियनेयर के लिए दो अकादमी पुरस्कार जीतने की राह पर ला खड़ा किया।
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जोधा अकबर के लिए नहीं बना था ये गाना
हाल ही में एक इंटरव्यू में रहमान ने इस गाने के बारे में खुलासा करते हुए कहा कि असल में यह गाना जोधा अकबर के लिए नहीं था। रहमान ने बताया कि इस गीत का बीज ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की पवित्र सूफी दरगाह अजमेर शरीफ की यात्रा के दौरान पड़ा। उन्होंने बताया, 'वहां के एक खादिम ने मुझसे कहा, 'आप ख्वाजा पर एक गीत क्यों नहीं लिखते? आपने पिया हाजी अली तो गाया, लेकिन ख्वाजा के लिए कुछ नहीं।' मैंने उनसे कहा, 'पता नहीं... अभी मुझे कुछ अच्छा नहीं लग रहा। दुआ कीजिए कि मुझे यह गीत मिल जाए।'
कुछ महीने बाद, ऑस्ट्रेलिया जाते समय, रहमान को एक रोमांटिक गाने की धुन ढूंढ़ने में दिक्कत हुई। उन्होंने याद करते हुए कहा, 'मुझे धुन ठीक से नहीं मिल रही थी। इसलिए मैंने इसे ख्वाजा को समर्पित एक गीत के रूप में प्रयोग करने की कोशिश की। मैंने पूरा ट्रैक रिकॉर्ड किया और गीतकार काशिफ से इसे पूरा करने को कहा। एक साल बाद, आशुतोष गोवारिकर मेरे पास जोधा अकबर लेकर आए'।
ख्वाजा की ब्लेसिंग से मिला ऑस्कर
रहमान ने बताया कि गोवारिकर ने जोधा अकबर के एक सीन के बारे में बताया जिसमें ऋतिक रोशन के किरदार बादशाह अकबर अजमेर दरगाह जाते हैं। उन्होंने मुझसे कहा कि उन्हें पूरा गाना नहीं चाहिए - सिर्फ दो पंक्तियां चाहिए। मैंने उनसे कहा कि यह एक पूरी रचना है'। जब गोवारिकर ने ख्वाजा मेरे ख्वाजा सुना, तो वे भावुक हो गए। उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया और कहते रहे, 'प्लीज यह गाना मुझे दे दो।' मैंने कहा, 'ठीक है, लेकिन आप कुछ नहीं बदल सकते। फिर, दो साल बाद, मुझे ऑस्कर मिला। ये ख्वाजा का आशीर्वाद ही था।
रहमान का संगीत से जुड़ाव हमेशा से ही भक्तिमय रहा है। उन्होंने याद किया कि कैसे उनके दिवंगत पिता हर सुबह लता मंगेशकर की तस्वीर के सामने संगीत रचना करते थे, जिससे उन्हें एक दिन उनके साथ काम करने की प्रेरणा मिली। जोधा अकबर 2008 में रिलीज हुई थी।
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