Baramulla से है मानव कौल का स्पेशल कनेक्शन, इस वजह से मिली सुपरनैचुरल थ्रिलर फिल्म
Baramulla On Netflix: 'अजीब दास्तां', 'थप्पड़' और 'बदला' जैसी फिल्मों के बाद अब मानव कौल नेटफ्लिक्स रिलीज फिल्म 'बारामूला' में नजर आ रहे हैं, जिसमें वह इंस्पेक्टर के किरदार में हैं। इस सुपरनैचुरल थ्रिलर को चुनने की मानव कौल के पास खास वजह थी। क्या है उनका 'बारामूला' कनेक्शन, चलिए जानते हैं:

बारामूला करने के लिए इस कारण बोला हां/ फोटो- Youtube
प्रियंका सिंह, मुंबई। कला से प्यार होगा, तो पैसे को बहुत अहमियत देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आज नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई फिल्म बारामूला के अभिनेता मानव कौल भी कला को अहमियत देते हैं। इसीलिए मानव की कहानियों का मंचन कोई भी निशुल्क कर सकता है।
मुंबई में बारामूला फिल्म के लिए हुई मुलाकात के दौरान मानव ने इसका कारण बताया। वह कहते हैं कि हमारे यहां कला को आज भी कई लोग हॉबी मानते है। ऐसे में अब कोई छोटे शहर या साधारण पृष्ठभूमि का व्यक्ति मेरी लिखी कहानी पर नाटक करना चाहे, तो उसके लिए पैसे मांगना बेवकूफी है।
कश्मीर की इस खूबसूरत जगह से ताल्लुक रखते हैं मानव
मानव कौल ने कला के बारे में बात करते हुए और साथ ही बारामूला चुनने का कारण बताते हुए आगे कहा, "हमने तो कभी हरिशंकर परसाई, चेखव (रशियन लेखक एंटोन चेखव) जैसे लेखकों द्वारा लिखी गई कहानियों पर नाटक मंचन करने के लिए उन्हें पैसे नहीं दिए। अपने गांव में मैंने उनके कई नाटक किए हैं। मैंने अपनी कहानियों से अधिकार इसलिए हटा लिया है"।
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मानव स्वयं बारामूला से हैं। ऐसे में फिल्म बारामूला की कहानी जब आई, तो वह चौंक गए थे। वह बताते हैं कि स्क्रिप्ट पर बारामूला लिखा था। मुझे लगा फिल्म के निर्देशक को पता होगा कि मैं वहीं से हूं। हालांकि उन्हें नहीं पता था। सबसे बड़ी वजह हां करने की यह थी कि इसे बारामूला में ठंड में शूट करने वाले थे। वह मेरा पसंदीदा मौसम है। कहानी भी अच्छी थी।
क्यों मानव कौल को कहा जाता है तानाशाह?
नाटकों की दुनिया में मानव कौल को तानाशाह किस्म का निर्देशक माना जाता है। सेट पर अभिनय करते वक्त वह तानाशाह कितना भीतर रह पाता है, इस पर मानव कहते हैं कि, "फिल्म की कल्पना करते वक्त निर्देशक अपने कलाकार की भी कल्पना करते हैं कि वह कैसा होना चाहिए'।
वह आगे कहते हैं कि, "मैं अपने निर्देशक के लिए उनके मन का एक्टर बनना चाहता हूं। जहां सीन को लेकर अपने विचार उनसे साझा कर सकूं। फिर वह तय करें। मुझे पता है कि मैं चाहे जो करूं, पात्र के बाहर नहीं जाऊंगा"।

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