Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बॉलीवुड का वो खलनायक जिससे रियल लाइफ में भी लोग करने लगे थे नफरत, सिगरेट से छल्ले बनाते हुए मिली थी पहली फिल्म

    Updated: Sat, 12 Jul 2025 05:28 PM (IST)

    हिंदी सिनेमा का एक कलाकार था जिसने अपने दमदार अभिनय के दम पर ऐसी खलनायिकी निभाई कि रील लाइफ हीरो या हीरोइन क्या दर्शक भी उनसे नफरत करने लगे। कोई भी मां अपने बेटे का नाम उनके रियल नेम पर नहीं रखना चाहता था। चलिए आपको उनके बारे में बताते हैं।

    Hero Image
    खलनायक के नाम से भी लोगों को होती थी चिढ़। फोटो क्रेडिट- इंस्टाग्राम

     एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। बॉलीवुड के इतिहास में कुछ ऐसे नाम हैं, जिनकी पहचान केवल उनके किरदारों से बनी। इन नामों में से एक हैं प्राण कृष्ण सिकंद, जिन्हें हम सब प्राण के नाम से जानते हैं। उन्हें भारतीय सिनेमा का सबसे बड़ा खलनायक कहना शायद गलत नहीं होगा। उनकी ऑन-स्क्रीन उपस्थिति इतनी दमदार होती थी कि दर्शक सिनेमाघरों में तालियां बजाने को मजबूर हो जाते थे और कभी-कभी तो उनसे असल जिंदगी में भी नफरत करने लगते थे। यह उनकी अदाकारी का ही कमाल था कि लोग फिल्म और असलियत के बीच का फर्क भूल जाते थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कैसे खलनायक बने प्राण?

    प्राण ने अपने करियर की शुरुआत 1940 में पंजाबी फिल्म 'यमला जट' से की थी लेकिन उन्हें असली पहचान मिली हिंदी सिनेमा में, जहां उन्होंने खलनायक की भूमिकाओं को एक नया आयाम दिया। उनका हर किरदार चाहे वह 'मिलन' का क्रूर जमींदार हो या 'जंजीर' का शेर खान, दर्शकों के दिलों में अपनी छाप छोड़ गया। उनकी आवाज, उनकी आंखों का एक्सप्रेशन और उनके चेहरे पर एक खास किस्म की मुस्कान, ये सब मिलकर उन्हें एक अद्वितीय खलनायक बनाते थे।

    Pran

    प्राण नाम रखने से डरती थीं मांएं

    प्राण के बारे में एक मशहूर किस्सा है कि जब भी किसी नवजात शिशु का नामकरण होता था तो मां-बाप प्राण नाम रखने से कतराते थे, सिर्फ इसलिए क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं उनका बच्चा बड़ा होकर खलनायक न बन जाए। यह उनकी अभिनय क्षमता का ही परिणाम था कि लोग उन्हें पर्दे पर देखने के बाद इतना प्रभावित होते थे। 

    यह भी पढ़ें- Guru Dutt की पोतियां भी दादा की तरह बॉलीवुड में दिखा रहीं अपना जलवा, एक हैं सुपरहिट वेब सीरीज का हिस्सा

    सिगरेट की दुकान में मिली पहली फिल्म

    प्राण के करियर की शुरुआत का किस्सा भी बड़ा दिलचस्प है। कहा जाता है कि वे लाहौर में एक पान की दुकान पर सिगरेट के छल्ले बना रहे थे, जब एक फिल्म निर्माता मोहम्मद वली की नर उन पर पड़ी। वली साहब उनके लुक्स और उनके सिगरेट के छल्ले बनाने के अंदाज से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने तुरंत उन्हें अपनी अगली फिल्म में काम करने का ऑफर दे दिया। यह फिल्म थी 1940 में आई 'यमला जट'। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

    Actor pran

    Photo Credit - Instagram

    प्राण ने सिर्फ खलनायक के किरदार ही नहीं निभाए, बल्कि 'उपकार' और 'जॉनी मेरा नाम' जैसी फिल्मों में उन्होंने सकारात्मक भूमिकाएं निभाकर भी अपने अभिनय कौशल को साबित किया है। उन्हें फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड और दादा साहब फाल्के अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। 

    यह भी पढ़ें- Dilip Kumar को 'प्यासा' में कास्ट करने के लिए Guru Dutt ने मान ली थीं सारी शर्तें, फिर क्यों फिल्म से किया बाहर?