'हमें तुम पर गर्व...' धनश्री वर्मा को इस खास ने दी थी Yuzvendra Chahal से अलग होने की सलाह
भारतीय क्रिकेटर युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा को गुरुवार 20 मार्च को मुंबई की एक पारिवारिक अदालत ने तलाक दे दिया। अब एक्ट्रेस कोरियोग्राफर और फेमस यूट्यूबर धनश्री वर्मा ने क्रिकेटर संग अपने तलाक पर चुप्पी तोड़ी है और बताया कि किसने इस फैसले में उनकी सबसे ज्यादा मदद की।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। क्रिकेटर युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा का तलाक एक टाइम पर बॉलीवुड में सबसे ज्यादा चर्चित विषयों में से एक था। कपल ने 22 दिसंबर साल 2020 में शादी की थी और रिश्ते के पांच साल बाद इन्होंने अलग होने का फैसला किया।
सेपरेशन का पहुंचा गहरा दुख
दोनों के लिए ही सालों बाद इस तरह का फैसला लेना इमोशनल और मानसिक पीड़ा देने वाला था। युजवेंद्र जहां पहले भी इस बारे में बोल चुके हैं वहीं तलाक के बाद धनश्री ने पहली बार इस मामले पर अपना पक्ष रखा। धनश्री ने बताया कि इस अलगाव का उन पर गहरा असर पड़ा और फैसले वाले दिन वो कोर्ट में काफी ज्यादा रोई थीं। धनश्री ने ये भी बताया कि ये फैसला लेने में उन्हें किसने मदद की थी।
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साल 2025 में हुए अलग
साल 2025 में युजी ने धनश्री से तलाक की अंतिम सुनवाई के दौरान 'बी योर ओन शुगर डैडी' टी-शर्ट पहनकर बांद्रा फैमिली कोर्ट में पहुंचे थे। इस अलगाव का असर न केवल पूर्व जोड़े पर पड़ा, बल्कि धनश्री के माता-पिता को भी इसका दर्द महसूस हुआ। अभिनेत्री और कोरियोग्राफर ने ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि कैसे उनके माता-पिता ने उन्हें पिछले पांच सालों से अपने जीवन के सबसे दर्दनाक चैप्टर को खत्म करने में मदद की।
फैसले में किसने दिया धनश्री का साथ?
धनश्री ने कहा, "यह फैसला लेने के लिए भी बहुत साहस की जरूरत होती है। यह जानते हुए कि आप किसी ऐसे व्यक्ति के साथ हैं जो आपसे ज्यादा शक्तिशाली है, उस साझेदारी को छोड़ने का फैसला लेने के लिए भी बहुत साहस की जरूरत होती है। मेरे माता-पिता मुझे हर दिन यह याद दिलाते थे। वे मुझे बताते रहते थे कि उन्हें इस फैसले पर कितना गर्व है। यह आसान नहीं है।"
पेरेंट्स ने की धनश्री की तारीफ
धनश्री ने कहा कि वो हमेशा से अपने माता-पिता की आभारी रहेंगी, जिन्होंने उनका साथ दिया और जब उन्होंने अलग होने का फैसला लिया तो उन्हें हिम्मत दी। वे उन्हें रोज याद दिलाते थे कि शादी से बाहर निकलना ही उनका सबसे समझदारी भरा फैसला था। उन्हें अपने जीवन से जुड़े उनके फैसले पर बहुत गर्व था।
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