2 घंटे 25 मिनट की इस फिल्म ने उड़ा दी थी रातों की नींद! विलेन का रोल निभाने वाला एक्टर बन गया था सुपरस्टार
हिंदी सिनेमा की कुछ पुरानी फिल्मों का जिक्र अक्सर लोगों के बीच चलता है। 26 साल पहले एक फिल्म ऐसी रिलजी हुई थी जिसमें विलेन का रोल निभाने वाला एक्टर सुपरस्टार बन गया। मूवी को देखने के बाद लोगों के होश उड़ गाए थे। आइए जानते हैं कि इस फिल्म की कहानी क्या थी और स्टार कास्ट में किन सितारों का नाम शामिल था।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। सिनेमा लवर्स समझ सकते हैं कि बेहतरीन फिल्म उसे माना जाता है, जिसे देखने के बाद महीनों तक उसकी कहानी दिमाग में बस जाए। इतना ही नहीं, फिल्म के किरदार बिल्कुल असल लगे और खलनायक से नफरत महसूस हो। आज बात 26 साल पहले रिलीज हुई एक बॉलीवुड फिल्म की कर रहे हैं, जिसके किरदारों का जिक्र अक्सर दर्शकों के बीच आज भी चलता है।
हिंदी सिनेमा की कुछ चुनिंदा फिल्में ऐसी हैं, जिनमें खलनायक का किरदार निभाने वाले एक्टर के काम की काफी चर्चा हुई। इतना ही नहीं, हीरो के रोल पर भी वह भारी पड़ते नजर आए। यहां जिस फिल्म की बात कर रहे हैं, उसका खौफ महीनों तक लोगों के दिमाग में बैठ गया था।
आशुतोष राणा थे फिल्म में विलेन
संजय दत्त अपने करियर में एक से बढ़कर एक बेहतरीन फिल्मों में काम कर चुके हैं। साल 1988 में उनकी एक फिल्म रिलीज हुई थी, जिसमें उनके साथ काजोल ने काम किया। अगर आप इस मूवी के नाम का अंदाजा नहीं लगा पाए हैं, तो बता दें कि हम दुश्मन फिल्म का जिक्र कर रहे हैं।
Photo Credit- IMDb
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दुश्मन में आशुतोष राणा ने विलेन का रोल निभाया था। फिल्म में उनके किरदार का नाम गोकुल पंडित था। जब भी उनके बेहतरीन किरदारों की चर्चा होती है, तो इसका नाम जरूर शामिल किया जाता है। दरअसल, उन्होंने किरदार की जरूर को बखूबी पूरा किया और अपनी खौफनाक एक्टिग से लोगों के बीच दहशत फैल दी थी। बता दें कि दुश्मन से ही आशुतोष राणा ने लोगों का दिल जीता था।
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'दुश्मन' की कहानी को दर्शकों ने खूब पसंद किया
26 साल पहले रिलजी हुई इस फिल्म की कहानी की बात करें, तो इसमें संजय दत्त ने एक दिव्यांग का रोल निभाया है, जिन्हें बाद में काजोल के किरदार से प्यार हो जाता है। इस मूवी में दिग्गज एक्ट्रेस ने सोनिया और नैना सहगल का डबल रोल निभाया था।
आशुतोष फिल्म में काजोल की बहन का बेरहमी से कत्ल करते हैं, जिसे देखने के बाद हर किसी की रूह कांप उठती है। काजोल अपनी बहन के मर्डर का बदला लेने की आग में जलती रहती है। वहीं, दूसरी तरफ आशुतोष का किरदार इतना खौफनाक और मजबूत होता है कि कोई भी उनसे पंगा लेने की हिम्मत नहीं करता। यही कारण है कि फिल्म के क्लाइमैक्स में दिखाया गया है कि संजय और काजोल मिलकर कैसे इस विलेन से बदला लेते हैं।
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