'घर पर जुआ खेलने...' Farah Khan ने बताया मां ने कैसे जमा किए पैसे, घर जाने से बचती थीं कोरियोग्राफर
फिल्म निर्माता और कोरियोग्राफर फराह खान (Farah Khan) ने कई हिट फिल्मों और चार्ट बस्टर गानों के साथ बॉलीवुड में अपनी जगह बनाई है। हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने अपने कठिन बचपन, कम उम्र में अपने पिता को खोने, अपने परिवार के साथ एक कमरे के घर में रहने और उनका पालन-पोषण करने के लिए कमाई करने के बारे में बात की है। सानिया मिर्ज़ा के साथ सर्विंग इट अप विद सानिया पॉडकास्ट में, फराह ने स्वीकार किया कि अपनी सफलता के बावजूद वह अभी भी आर्थिक रूप से असुरक्षित महसूस करती हैं।
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फराह खान ने देखी बहुत गरीबी (फोटो-इंस्टाग्राम)
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। फराह खान अक्सर अपनी फैमिली और लाइफ से जुड़ी चीजों पर खुलकर बात करती हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने अपनी फैमिली की आर्थिक स्थिति और पिता को शराब की लत लगने के मुद्दे पर बात की। फराह ने बताया कि उनके पिता की फिल्में नहीं चल रही थीं जिसकी वजह से उन्हें शराब की लत लग गई थी।
पैसों के लिए बेचना पड़ा घर
परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी जिसकी वजह से उनकी मां ने एक्स्ट्रा पैसे कमाने के लिए घर किराए पर दे दिया जिसमें जुआरी वगैरह रहने आ गए। सान्या मिर्जा के पॉडकास्ट पर बात करते हुए कहा, हमारे पास पूरा फ्लोर हुआ करता था फिर अपने फ्लैट्स बेचना शुरू कर दिया। पांच बड़े बेडरूम और एक हॉल को बेचते बेचते हमारे पास सिर्फ एक बेडरूम और एक हॉल बचा। इसे इसलिए नहीं बेच पाए क्योंकि ये मेरी मां के नाम था।
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घर पर जुआं खेलते थे लोग
आपको बता दूं कि ये जो हॉल था इसमें लोग कार्ड्स खेलने आते थे और इससे हमें पैसे मिलते थे। फिल्म निर्माता ने आगे बताया कि वे लोग परिवार के गुज़ारे के लिए उन्हें पांच-पांच रुपये देते थे। फराह ने कहा, "उन 30-35 रुपये से अगले दिन के लिए दूध, थोड़ी बहुत भाजी और मेरे पिताजी के लिए एक चौथाई या आधी बोतल शराब खरीद लेते थे। अगर वे किसी भी कारण से खेलने नहीं आते थे, तो अगले दिन के लिए दूध नहीं मिलता था। अगर दो और लोग आ जाते थे, तो हम बहुत खुश होते थे कि चलो आज मटन मिलेगा।"
पिता पीते थे बहुत शराब
फराह खान ने स्वीकार किया कि गरीबी ने उन्हें पैसों को लेकर असुरक्षित बना दिया था। उन्होंने कहा, "हमारे लिए गुजारा करना मुश्किल था। यहां से वापस आना बहुत निराशाजनक है। अपने पिता को इस हालत में देखकर, जब भी मैं सफर करती हूं, मुझे शराब की स्मेल का तुरंत पता चल जाता है। मेरे मन में बचपन की यादें ताजा हो जाती हैं। मैं कॉलेज में साढ़े छह-सात बजे तक रुकती थी ताकि मुझे घर न जाना पड़े। आज भी, मैं पैसों को लेकर असुरक्षित महसूस करती हूं। मुझे समझ आ गया है कि मेरे पिता ने शराब क्यों पी थी।"

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