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    'वह चाहते हैं भारत और पाकिस्तान....', Javed Akhtar ने पहलगाम हमले के बाद Abir Gulal पर छिड़ी जंग पर दिया तर्क

    Updated: Tue, 29 Apr 2025 07:58 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद कई फिल्म फेडरेशन ने फवाद खान और वाणी कपूर की फिल्म अबीर गुलाल को इंडिया में बैन करने की मांग की थी। ये हुआ भी क्योंकि अब अबीर गुलाल इंडिया में रिलीज नहीं हो रही है। इस बीच ही अब फवाद खान की अबीर गुलाल के बैन पर जावेद अख्तर ने प्रतिक्रिया जाहिर की है।

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    jजावेद अख्तर ने अबीर गुलाल के बैन पर किया रिएक्ट/ फोटो- Instagram

    एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। पहलगाम में हुए आतंकी हमले से हर भारतवासी काफी आक्रोश में है। बड़े-बड़े सितारों ने निर्दोष टूरिस्टों की निमर्म हत्या पर अपना गुस्सा व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। कश्मीर के पहलगाम में हुए इस आतंकी हमले के बाद फवाद खान की 'अबीर गुलाल' के साथ बॉलीवुड में री-एंट्री पर भी बैन लगा दिया गया है। अब ये फिल्म 9 मई को इंडिया में नहीं रिलीज की जाएगी। 

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    अबीर गुलाल को इंडिया में बैन करना सही है या नहीं, इसे लेकर काफी डिबेट चल रहा है। अब हाल ही में 'शोले' और 'दीवार' जैसी सुपरहिट फिल्मों की कहानी लिखने वाले लिरिसिस्ट और लेखक जावेद अख्तर ने फिल्म 'अबीर गुलाल' के इंडिया में बैन होने पर रिएक्ट किया है। साथ ही उन्होंने डिटेल में इंडिया-पाकिस्तान में किस तरह से आर्टिस्ट में फर्क किया गया है, इस पहलू को भी समझाया और बताया कि 'अबीर गुलाल' को इंडिया में रिलीज करना चाहिए या फिर नहीं। 

    इंडिया के दिग्गजों को कभी पाकिस्तान नहीं बुलाया- जावेद अख्तर 

    जावेद अख्तर ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत करते हुए कहा, "इसके दो जवाब है और दोनों ही लॉजिकल हैं। कौन सा जवाब सही है, उसके लिए आपको टॉस करना पड़ेगा। ये हमेशा एक तरफा रहा है। नुसरत फतेह अली खान, गुलाम अली, नूर जहां इंडिया आए और उनका हमने बहुत अच्छे से स्वागत किया। फैज अहमद, जो एक बहुत बड़े कवि थे, वह पाकिस्तान में रहते थे, क्योंकि उनका जन्म वहीं हुआ था। मैं ये नहीं कहूंगा कि वह पाकिस्तानी कवि थे। जब वह अटल बिहारी बाजपेयी जी के शासनकाल में इंडिया आए थे, तो उन्हें राष्ट्राध्यक्ष की तरह सम्मान मिला था। 

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    "हालांकि, पाकिस्तान की तरफ से ऐसा कभी नहीं हुआ। वहां के बड़े-बड़े कवियों ने लता मंगेशकर पर कविताएं लिखीं। 60-70 के दशक में वह उन इंडियन सिंगर्स की लिस्ट में शुमार थीं, जिन्हें पाकिस्तान में बेहद पसंद किया जाता था, लेकिन इसके बावजूद वहां पर (Pakistan) में उन्होंने कभी परफॉर्म नहीं किया। वहां कुछ रूकावटे रहीं, जो पाकिस्तानी सिस्टम ने पैदा की हैं, वह मुझे नहीं समझ आती। ये एकतरफा रहा है, जोकि सही नहीं है"। 

    पाकिस्तान और इंडिया के बीच दीवार खड़ी करना चाहते हैं

    जावेद अख्तर यहीं पर शांत नहीं हुए, उन्होंने पाकिस्तानी आर्टिस्ट के इंडिया में बैन होने पर भी प्रतिक्रिया दी। लिरिसिस्ट ने कहा,

    "दूसरा मेरा जो नजरिया है, वह ये है कि अगर हम पाकिस्तानी आर्टिस्ट को इंडिया में बैन कर देते हैं, तो हम पाकिस्तान में किसे खुश करने की कोशिश कर रहे हैं? वहां की आर्मी और कट्टरपंथियों को, वह यही चाहते हैं। इंडिया और पाकिस्तानियों के बीच एक बड़ी दीवार खड़ी हो जाए, ताकि पाकिस्तानी ये नहीं देख सकें कि इंडिया का हर नागरिक किस तरह की फ्रीडम एन्जॉय कर रहा है। वह दूरियां चाहते हैं, जो उन पर सूट होती है, मेल-जोल उनके अनुकूल नहीं है"। 

    javed akhtar on abir gulal

    Photo Credit- Instagram

    जावेद अख्तर ने इस बातचीत को खत्म करते हुए और पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद इस वक्त 'अबीर गुलाल' के इंडिया में बैन और पाकिस्तानी कलाकारों का यहां पर काम न करने को सही निर्णय बताया। 

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