Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Meena Kumari: सिनेमा की सुपरस्टार जिसने संघर्ष में बिताया पूरा जीवन, बेहद कड़वाहट से भरा था वैवाहिक जीवन

    Updated: Tue, 29 Jul 2025 10:38 PM (IST)

    हिंदी सिनेमा की ट्रेजेडी क्वीन मीना कुमारी उस रहस्य की तरह रहीं जिसे जितना जानो वह उतना ही गहराता जाएगा। बड़े पर्दे पर उनके निभाए दुखद किरदार जितना आकर्षित करते रहे मीना कुमारी की तन्हाई भी उतना ही उनकी ओर खींचती रही। मीना कुमारी की जन्मतिथि एक अगस्त को है। इस पर मेघनाद देसाई का आलेख...

    Hero Image
    दुख से भरा था मीना कुमारी का जीवन (फोटो-इंस्टाग्राम)

    मेघनाद देसाई, मुंबई। भारतीय सिनेमा के इतिहास में कुछ ऐसे नाम दर्ज हैं, जो सिर्फ कलाकार ही नहीं, बल्कि एक युग की संवेदनाओं के प्रतीक बन गए। इन्हीं में से एक हैं ‘ट्रेजेडी क्वीन’ मीना कुमारी (Meena Kumari)। एक अगस्त, 1932 को महजबीं बानो के रूप में जन्मी इस अदाकारा ने अपनी छोटी सी जिंदगी में अभिनय के ऐसे आयाम छुए, जो आज भी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। उनकी हर मुस्कुराहट में दर्द छिपा था और हर आंसू में अनकही कहानी बता रहे हैं मेघनाद देसाई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पाकीजा फिल्म में किया काम

    मीना कुमारी की बात हो और ‘पाकीजा’ का जिक्र न हो, यह हो ही नहीं सकता। ‘पाकीजा’ आज भी हिंदी सिनेमा की सबसे यादगार फिल्मों में से एक है। इस फिल्म ने निर्माण में लगे लंबे समय के लिए भी रिकार्ड बना दिया था। ‘महल’ जैसी क्लासिक फिल्म बना चुके निर्माता कमाल अमरोही उन दिनों शुरुआती दौर में चल रहे सिनेमास्कोप के साथ भी प्रयोग करना चाहते थे। यह उनका परफेक्शन और अपने निर्णय पर अटल विश्वास था कि जब उन्होंने कैमरों के लेंस में खराबी पाई तो अपनी बात साबित करने के लिए विदेशी फिल्म प्रयोगशालाओं से अपील की कि ‘लेंस थोड़े फोकस से बाहर’ थे। यहां कुछ महीने बीत गए।

    यह भी पढ़ें- Kiara Advani बायोपिक में बनेगी मीना कुमारी? डायरेक्टर ने सच्चाई से उठाया पर्दा

    तवायफ के रोल के लिए परफेक्ट

    मीना कुमारी की ट्रेजेडी क्वीन छवि ने उन्हें तवायफ की भूमिका के लिए सबसे उपयुक्त बना दिया, जिससे एक कुलीन व्यक्ति (राज कुमार) को ट्रेन में सोई हुई लड़की के पांवों को देखकर ही प्यार हो जाता है। मीना कुमारी इसमें मां का भी किरदार निभाती हैं, जिससे अशोक कुमार (जो एक कुलीन के बेटे हैं) शादी नहीं कर पाते, क्योंकि वह तवायफ है। इत्तेफाक से नायक (राज कुमार) उसी तवायफ की बेटी (नायिका) के पिता (अशोक कुमार) का भतीजा है।

    पूरा जीवन संघर्ष में बिताया

    फिल्म निर्माण तो जारी था, मगर कमाल-मीना का रिश्ता टूटने की कगार पर आ गया। बड़ी कड़वाहट के साथ वैवाहिक रिश्ता खत्म हो गया मगर शूटिंग सालों तक चलती रही। मीना कुमारी ने इस बीच ‘दिल अपना और प्रीत पराई’ जैसी बेहतरीन फिल्में तो कीं मगर शराब का सेवन करने लगीं। कुछ सालों बाद उन्होंने खुद तय किया कि अधूरी फिल्म को पूरा करने के लिए एक और प्रयास की आवश्यकता है, अन्यथा बहुत पैसा बर्बाद हो जाएगा। इसलिए, वह यूरोप में अपने कमजोर हो रहे लिवर के इलाज के दौरान भी वापस आईं और फिल्म को पूरा किया। इधर फिल्म प्रदर्शित हुई, उधर उनकी मृत्यु हो गई।

    संगीत के लिए आए कई बड़े नाम

    इस फिल्म को फलक तक पहुंचाने की एक वजह इसका संगीत भी रहा। जिसे रचा था गुलाम मोहम्मद ने। गुलाम मोहम्मद खुद अनुभवी संगीत निर्देशक थे और इससे भी पहले महान संगीत निर्देशक नौशाद अली के सहायक भी रह चुके थे। ‘चलते चलते’ सहित फिल्म के गीत कैफी आजमी व कुछ अन्य की कलम ने उकेरे। गुलाम मोहम्मद का स्वास्थ्य भी लगातार गिर रहा था मगर फिल्म का संगीत पूरा करने में नौशाद उनकी दीवार बने रहे, हालांकि उन्हें संयुक्त संगीत निर्देशक के रूप में श्रेय नहीं मिला। इसके बाद वह जादू सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर ने इसके गीतों में बिखेरा कि इसने ‘पाकीजा’ को क्लासिक फिल्म बना दिया!

    लखनवी संस्कृति का आदर्श चित्रण

    ‘पाकीजा’ ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा हटाए गए नवाब राजा वाजिद अली शाह द्वारा निर्मित लखनवी मुस्लिम संस्कृति का एक आदर्श चित्रण है। कमाल अमरोही ने अपनी कल्पना से नर्तकियों के मोहल्ले के माहौल को खूबसूरत सिनेमास्कोप प्रभावों के साथ दर्शाया। जहां घरों में नर्तकियां अपने कद्रदानों का मनोरंजन करते हुए दिखती हैं, जैसे हम मीना कुमारी को ‘इन्हीं लोगों ने ले लीना दुपट्टा मेरा’ गाते हुए देखते हैं। ‘पाकीजा’ उस दौर की फिल्मों की ही तरह थी सो इसका भी दुखद अंत भी तय था। इसलिए, क्लाइमैक्स में तवायफ के अपने प्रेमी के विवाह समारोह में नाचने और अंत में मर जाने के साथ फिल्म पूरी होती है। हां, उसके पिता को बहुत पहले खोई हुई बेटी मिल जाती है!

    यह भी पढ़ें- 14 साल में बन पाई थी Meena Kumari की पाकीजा, पति कमाल अमरोही के वजह से अटक की थी फिल्म