Shweta Tripathi: 'काम से बनाई पहचान,' रियल लाइफ में भी दबंग हैं मिर्जापुर की 'गोलू पंडित'
वेब सीरीज मिर्जापुर 3 (Mirzapur 3) में गोलू पंडित का दमदार किरदार निभाने वालीं एक्ट्रेस श्वेता त्रिपाठी (Shweta Tripathi) को भला कौन नहीं जानता। हाल में जागरण संग बातचीत में श्वेता ने अपने आप को लेकर खुलकर बात की है और बताया है कि किस तरह से वह काम से दावेदारी देना पसंद करती हैं। इसके अलावा उन्होंने कमर्शियल सिनेमा में एंट्री की वजह भी बताई है।
दीपेश पांडेय, मुंबई डेस्क। अभिनेत्री श्वेता त्रिपाठी (Shweta Tripathi) शर्मा को वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ से बड़ी पहचान मिली है। इसकी तीसरी सीरीज (Mirzapur 3) के बाद श्वेता की वेब सीरीज ‘ये काली काली आंखें’ का दूसरा सीजन भी कतार में है। धीरे-धीरे आगे बढ़ रही श्वेता ने तय किया है कि अभिनय के सफर में नैतिक बातों के आधार पर उन्हें क्या करना है और क्या नहीं करना है। इस मामले पर एक्ट्रेस ने अब खुलकर बात की है।
कमर्शियल सिनेमा में किया रूख
वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ के बाद पिछले साल प्रदर्शित फिल्म ‘कंजूस मक्खीचूस’ से श्वेता को कमर्शियल सिनेमा के भी दरवाजे खुलने की उम्मीदें थीं। वह कहती हैं, ‘कामर्शियल तौर पर मेरे लिए सबसे बड़ा प्रोजेक्ट ‘मिर्जापुर’ ही है। लोकप्रियता के मामले में किसी भी प्रोजेक्ट का उसको पीछे कर पाना मुश्किल है।ये भी पढ़ें- Mirzapur 3 Bonus Episode: मिर्जापुर में 'मुन्ना भैया' की वापसी, नए प्रोमो में दिखा गजब का भौकाल
मैंने ‘कंजूस मक्खीचूस’ फिल्म इसलिए की थी क्योंकि उस समय मेरे पास गंभीर और भावनात्मक तौर पर भारी भूमिकाओं वाले काम बहुत ज्यादा आ रहे थे। वह एक पूरी कामर्शियल मसाला फिल्म थी। ‘मिर्जापुर’ की गोलू की एक विशेषता है कि चाहे उसे कितना भी डर लगे, कितना भी जोखिम हो, वह एक बार आगे बढ़ने की कोशिश जरूर करेगी। वो ऐसी लड़की है, जो मुश्किल परिस्थितियों में भी अच्छा परफार्म करती है। वह बहुत बहादुर है। उसकी यह बातें हमेशा मेरे साथ रहेंगी।’
जोखिम से नहीं खबरातीं श्वेता
काम के मामले में भी कहां जोखिम दिखने पर भी निडरता से आगे बढ़ीं? इस प्रश्न पर श्वेता बताती हैं, ‘वो जोखिम दूसरों को मेरे साथ फिल्में बनाने में लगता था, मुझे नहीं। फिल्म ‘गान केश’ करना मेरे लिए स्वाभाविक निर्णय था कि एक लड़की की इतनी प्यारी कहानी है, जिसे एलोपेसिया (गंजेपन की समस्या) है।
हां, मेरे आस-पास दूसरे लोगों को लगा कि यह तो बड़ा जोखिम भरा किरदार है। मुझे तो आउट आफ द बाक्स चीजें करना पसंद है। ‘कार्गो’ भी ऐसी ही अलग किस्म की फिल्म रही। मुझे तो जहां जोखिम दिखता है, मैं उसी दिशा में जाती हूं।’