गंगा को मैली कहूंगा तो... मंदाकिनी की फिल्म को लेकर Raj Kapoor को थी समस्या, इस शख्स ने निकाला था हल
राम तेरी गंगा मैली (Ram Teri Ganga Maili) हिंदी सिनेमा की कल्ट फिल्म मानी जाती है। मंदाकिनी और राजीव कपूर स्टारर इस मूवी की मेकिंग को लेकर निर्देशक राज कपूर (Raj Kapoor) टेंशन में थे। फिल्म का टाइटल उन्हें समझ नहीं आ रहा था। फिर इंडस्ट्री की इस हस्ती ने राज साहब की समस्या का हल निकला था।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। ''अगर मैं गंगा को मैली कहूंगा तो लोग मुझे कभी माफ नहीं करेंगे। इसका कारण ये है कि मैं पहले जिस देश में गंगा बहती है नाम की फिल्म बना चुका हैं।'' ये शब्द हिंदी सिनेमा के शोमैन कहे जाने वाले निर्देशक और एक्टर राज कपूर (Raj Kapoor) के थे। 70 के दशक के अंतिम दौर में राज साहब के मन में फिल्म राम तेरी गंगा मैली (Ram Teri Ganga Maili) को लेकर विचार आया, लेकिन मूवी के टाइटल को लेकर वह चिंता में थे।
राजीव कपूर और मंदाकिनी (Mandakini) स्टारर इस फिल्म को लेकर राज कपूर काफी उत्साहित भी थे, पर टाइटल की तर्कसंगतता की समस्या उन्हें अंदर से खाए जा रही थी। फिर इंडस्ट्री के एक मशहूर संगीतकार ने राज कपूर की समस्या का हल निकाला और इस टाइटल को जस्टिफाई किया।
संगीतकार ने दूर की थी राज कपूर की चिंता
राज कपूर ने बतौर निर्देशक अपने करियर में एक से बढ़कर एक फिल्मों को बनाया था। राम तेरी गंगा मैली उनमें से एक मूवी थी। इस फिल्म ने लंबे समय तक सिनेमाघरों में दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया था। लेकिन इसके टाइटल को लेकर राज कपूर थोड़ा डरे हुए थे। फेसबुक पेज किस्सा टीवी के अनुसार राज साहब राम तेरी गंगा मैली टाइटल पर फिल्म बनाना नहीं चाहते थे। इस मामले को लेकर उन्होंने संगीतकार रवींद्र जैन (Ravindra Jain) के साथ बातचीत की और कहा-
अगर मैं इस टाइटल पर फिल्म बनाऊंगा तो लोग मुझे माफ नहीं करेंगे, क्योंकि मैं पहले ही जिस देश में गंगा बहती है जैसी एक मूवी बना चुंका हूं।
राज कपूर की ये बातें सुनकर भजन सम्राट रवींद्र जैन ने उनसे तुरंत कहा- आप इसी टाइटल से फिल्म बनायें और इसको जस्टिफाई मैं करूंगा। ये कहने के बाद ही रवींद्र ने फिल्म के टाइटल सॉन्ग के गाने का मुखड़ा गाया- "गंगा हमारी कहे ये रोते-रोते, राम तेरी गंगा मैली हो गई पापियों के पाप धोते-धोते।"
फिल्म के संगीतकार बने थे रवींद्र जैन
इस मुखड़े को सुनते ही राज कपूर खुशी में झूम उठे और उन्होंने फौरन ही रवींद्र जैन को गले लगा लिया था। इसका साथ ही बॉलीवुड के शोमैन ने रवींद्र को बतौर संगीतकार राम तेरी गंगा मैली के लिए साइन कर लिया। इतना ही नहीं रवींद्र ने फिल्म के ज्यादातर गानों को बतौर गीतकार लिखा भी था। सिर्फ ''सुन सायबा सुन, प्यार की धुन।" गीत फउन्होंने नहीं लिखा था। वह गाना हसरत जयपुरी जी की कलम से निकला था।
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