सिर पर बाल न होने पर The Bengal Files एक्टर ने चुकाई कीमत, बोले- '28 साल की उम्र में हिम्मत करके...'
लगातार ऐतिहासिक किरदार निभा रहे हैं अभिनेता राजेश खेड़ा (Rajesh Khera) हाल ही में द बंगाल फाइल्स (The Bengal Files) में दिखाई दिए। वह पिछले कुछ वक्त से इस तरह के ऐतिहासिक किरदारों को क्यों निभा रहे हैं इसके बारे में हाल ही में एक्टर ने खुलकर बात की है।

स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। हालिया प्रदर्शित फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ (The Bengal Files) में मुहम्मद अली जिन्ना की भूमिका में नजर आए राजेश खेड़ा (Rajesh Khera) इससे पहले फिल्म ‘स्वातंत्र्य वीर सावरकर’ में महात्मा गांधी और ‘ठाकरे’ फिल्म में मोरारजी देसाई की भूमिका में नजर आ चुके हैं।
राजेश ने रोल के लिए घटाया था 7-8 किलो
ऐतिहासिक किरदार निभाने को लेकर राजेश खेड़ा हंसते हुए कहते हैं, ‘यानी मैं बहुत अच्छा कलाकार हूं। मैंने जिन्ना के लिए ऑडिशन दिया था। हालांकि ‘स्वातंत्र्य वीर सावरकर’ में रणदीप हुडा (फिल्म निर्देशक) ने सिर्फ मुझसे मुलाकात की थी। उससे पहले मैंने कुछ डॉक्यूमेंट्री में गांधी की भूमिका अभिनीत की थी। तो उन्हें यकीन था कि मैं इस भूमिका को निभा पाऊंगा। बस उनकी एक शर्त थी कि मुझे सात-आठ किलोग्राम वजन कम करना होगा। हालांकि वीर सावरकार की भूमिका के लिए रणदीप ने खुद करीब 20 किलोग्राम वजन कम किया था।'
वह आगे बोले, 'मैंने कहा क्यों नहीं। इतना अहम किरदार है। बाकी ‘गांधी’ फिल्म में बेन किंग्सले सर को प्रेरणा माना था। जब किरदार चुनौतीपूर्ण हो, उसमें मेहनत लगे तो मजा कुछ और होता है। हर निर्देशक का विजन होता है उसके मुताबिक ही हमें ढलना होता है। उस भूमिका में मुझे काफी तारीफ मिली।'
टीवी से शुरू किया था करियर
राजेश ने अभिनय की शुरुआत टीवी से की। साथ ही फिल्मों में सक्रिय रहे। अब ओटीटी पर भी काम कर रहे हैं। एक्टिंग में आने को लेकर राकेश कहते हैं, ‘मुझे इस इंडस्ट्री में 30 साल से ज्यादा हो गए हैं । पहला ब्रेक विनोद पांडेय सर ने अपने सीरियल ‘रिपोर्टर’ में दिया था। तब मेरे सिर पर बाल थे। विनोद पांडेय ने मुझ पर काफी मेहनत की। रोल ज्यादा लंबा नहीं था, लेकिन काम पसंद किया गया। उसके बाद धीरे-धीरे काम मिलता गया। रोमांचक सफर रहा है।’
सिर पर बाल न होने पर चुकाई थी कीमत
अपने गंजेनप को लेकर राजेश बेबाकी से कहते हैं, ‘वो मेरा लुक नहीं है। मेरे बाल ही नहीं है। 23 साल की उम्र में मेरे बाल सिर के बीच से गायब होने लगे थे। तब लगा था कि काम कैसे करेंगे। 28 साल की उम्र में हिम्मत करके सारे बाल निकाल दिए। वरना सारा ध्यान बालों को छुपाने में जाता था। मैं अमरीश पुरी सर के बाद उन चंद कलाकारों में से हूं जो बाल्ड रहे। हालांकि इसकी कीमत भी चुकानी पड़ती है।’
द बंगाल फाइल्स में ठुकराया गांधी का रोल
‘द बंगाल फाइल्स’ में गांधी बनने का प्रस्ताव मिलने को लेकर राजेश कहते हैं, ‘हां मुझे कहा तो था, लेकिन मैंने मना कर दिया। मैं पहले भी यह किरदार कर चुका हूं। एक बार खुद को साबित कर लिया। मेरा मानना है कि आप भरे पेट से गांधी का रोल नहीं कर सकते। उसके लिए आपको स्वयं को दूसरी दुनिया में ले जाना होता है। गांधी का अर्थ शांति, विनम्रता और संयम है। वहीं जिन्ना काफी ताकतवर इंसान है। वह अपने तर्क पेश कर रहा है। ऐसे किरदार निभाना मेरे लिए बहुत आसान होता है। बाकी इसके संवाद अच्छे थे। अगर संवाद अच्छे न हों तो कलाकार कुछ नहीं कर पाएगा। मेरा मानना है कि जितना मजा नकारात्मक किरदारों में आता है, उतना सकारात्मक किरदार में नहीं।’
आगामी प्रोजेक्ट में राजेश मिलाप जावेरी की फिल्म ‘एक दीवाने की दीवानियत’ कर रहे हैं, जिसमें हर्षवर्धन राणे और सोनम बाजवा प्रमुख भूमिका में हैं।
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