इस सुपस्टार ने कामवाली के नाम कर दी पूरी दौलत, पत्नी के गम में की थी आत्महत्या
एक्टर्स जिंदगीभर शोहरत के साथ दौलत भी खूब कमाते हैं और आखिर में ज्यादातर ये दौलत अपने बच्चों के नाम करके जाते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे एक्टर के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपनी पूरी दौलत अपनी कामवाली के नाम कर दी।
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पत्नी की मौत से दुखी एक्टर ने कर लिया था सुसाइड
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। जब हम फिल्मी सितारों के बारे में सोचते हैं, तो अक्सर हमारी कल्पना में ग्लैमर, शोहरत और विलासिता से भरी एक दुनिया की होती है। ज्यादातर जो लोग सिनेमा में बड़ी सफलता हासिल करते हैं, वे भी अक्सर खामोश संघर्षों से गुजरते हैं। ऐसी ही एक कहानी है एक एक्टर की जो भारतीय अभिनेता थे और उन्होंने तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी फिल्मों में काम किया। इन्होंने अपनी जिंदगी में कितना संघर्ष किया और दर्द सहा यह उनके निधन के बाद ही पता चल सका।
300 से ज्यादा फिल्मों में किया काम
1946 में मद्रास (अब चेन्नई) में जन्मे तिरुमाला सुंदर श्री रंगनाथ दक्षिण भारतीय सिनेमा का एक जाना-माना नाम थे। फिल्म जगत में आने से पहले उन्होंने भारतीय रेलवे में टिकट निरीक्षक के रूप में काम किया। हालांकि उनकी नौकरी पक्की थी, फिर भी रंगनाथ का दिल सिनेमा पर ही था। उनका बचपन का सपना अभिनेता बनने का था और 1969 में उन्होंने फिल्म बुद्धिमंतुडु से अपने करियर की शुरुआत की।
उन्हें 1974 में तेलुगु फिल्म चंदना से सफलता मिली, जिसके बाद उन्होंने 40 से ज्यादा फिल्मों में मुख्य अभिनेता के रूप में काम किया। इन सालों में, उन्होंने मनमधुडु, निजाम, अदावी रामुडु, देवराय और गोपाला गोपाला जैसी फिल्मों में काम किया।
रंगनाथ के टैलेंट ने उन्हें अपार सफलता दिलाई, उन्होंने 300 से ज्यादा फिल्मों में विलेन का किरदार निभाया। तमिल फिल्म काई कोडुक्कुम काई (1984) में उनके अभिनय ने उन्हें तमिल दर्शकों के बीच एक जाना-पहचाना चेहरा बना दिया। उन्होंने राजा ऋषि और देवन उन्नाई जैसी फिल्मों में भी अभिनय किया।
पत्नी के निधन के बाद डिप्रेशन में चले गए थे रंगनाथ
हालांकि, रंगनाथ की प्राइवेट लाइफ दर्द से भरी रही। 2009 में, उनकी पत्नी चैतन्य का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उनकी मृत्यु ने उन्हें बहुत प्रभावित किया और उसके बाद वे डिप्रेशन से जूझते रहे। दुर्भाग्य से, 2015 में, रंगनाथ ने अपने घर पर आत्महत्या कर ली, जिससे फिल्म जगत को बड़ा झटका लगा। पुलिस को उनके घर से एक सुसाइड नोट भी मिला।
कामवाली के नाम की पूरी दौलत
उस नोट से जो बात सामने आई उसने कई लोगों को हैरान कर दिया। बताया जाता है कि रंगनाथ ने अपनी सारी संपत्ति अपनी लंबे समय से घरेलू सहायिका मीनाक्षी के नाम कर दी थी। उनकी बेटी नीरजा ने बाद में इसकी पुष्टि करते हुए बताया, 'मीनाक्षी हमारे घर में काम करती थी, उन्होंने मेरे माता-पिता की उनके आखिरी सालों में देखभाल की। मेरे पिता उस पर बहुत भरोसा करते थे और उसके नाम पर संपत्ति खरीदी'। रंगनाथ की कहानी एक मार्मिक याद दिलाती है कि शोहरत और कामयाबी हमेशा खुशी की गारंटी नहीं होती। फिल्म इंडस्ट्री की चकाचौंध के पीछे अक्सर दर्द, अकेलेपन और त्याग की अनकही कहानियां छिपी होती हैं।
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