सचिन ने बयां किया Sholay के सेट का हाल, कहा- 'वैनिटी वैन नहीं थी हमने झोपड़ियों में ही...'
फिल्म शोले (Sholay) ने हाल ही में बॉलीवुड में 50 साल पूरे कर लिए हैं। फिल्म 15 अगस्त 1975 को रिलीज हुई थी। इस मूवी का एक-एक डायलॉग और सीन आज भी आईकॉनिक बना हुआ है। फिल्म की सिल्वर जुबली के मौके पर आपको बताएंगे इससे जुड़ी कुछ अनजानी बातें।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। साल 1975 में रिलीज हुई बॉलीवुड फिल्म शोले कल्ट फिल्मों में गिनी जाती है। इस मूवी में धर्मेंद्र, हेमा मालिनी, अमिताभ बच्चन, संजीव कपूर जैसे कुछ दिग्गज अभिनेताओं ने काम किया था। फिल्म का निर्देशन रमेश सिप्पी ने किया था और ये ब्लॉकबस्टर मूवी साबित हुई थी। हाल ही में इस मूवी ने 50 साल पूरे कर लिए हैं। आज इस मौके पर आपको फिल्म के बारे में कुछ मजेदार बाते बताएंगे।
हाल ही में शोले ने पूरे किए 50 साल
मराठी और हिंदी सिनेमा में मुख्य रूप से काम करने वाले निर्माता-अभिनेता-निर्देशक सचिन पिलगांवकर ने प्रतिष्ठित हिंदी फिल्म 'शोले' के सेट के बारे में मजेदार खुलासा किया है। वरिष्ठ अभिनेता ने हाल ही में 'शोले' की 50वीं वर्षगांठ पर आईएएनएस से बात की और ऐसी ही कई बातें बताईं। उन्होंने स्पष्ट किया कि फिल्म की शूटिंग के दौरान कोई वैनिटी वैन नहीं थी, लेकिन अभिनेताओं को झोपड़ियों में सुसज्जित और पूरी तरह से एयर कन्डीशन मेकअप रूम दिए गए थे।
यह भी पढ़ें- 50 Years Of Sholay: गब्बर नहीं हेमा मालिनी-धर्मेंद्र ने बनाया शोले को कल्ट क्लासिक? एक्ट्रेस ने खोला दिलचस्प राज
सेट पर नहीं थी वैनिटी वैन?
फिल्म के फ्रेम में इन झोपड़ियों का इस्तेमाल गांवों की झोपड़ियों के रूप में भी किया गया था जब डकैत गांव में लूटपाट करते थे। उन्होंने आईएएनएस को बताया, "कोई वैनिटी वैन नहीं थी। लेकिन वैनिटी वैन के जनक वहां थे। आपने 'शोले' देखी है, तो आपने पूरा गांव, रामनगरम भी देखा होगा? यह कोई असली गांव नहीं था, यह एक सेट था। आप जो भी झोपड़ियां देख रहे हैं, वे बाहर से झोपड़ियों जैसी ही दिखती थीं। अंदर से सभी सुसज्जित, वातानुकूलित मेकअप रूम थे।"
सचिन ने बयां किया अपनी दर्द
उन्होंने आगे कहा,"उन झोपड़ियों में वॉशरूम भी थे और एक पांच सितारा होटल वाली सभी सुविधाएं मौजूद थीं। यह हर झोपड़ी के अंदर था। और उनमें से एक झोपड़ी यानी मेकअप रूम, मुझे दिया गया था। और मुझे उस समय बहुत खुशी हुई थी।"
सलीम-जावेद ने लिखी थी कहानी
सचिन ने फिल्म में रहीम चाचा के बेटे की भूमिका निभाई थी जिसे फिल्म में गब्बर मार देता है। यह फिल्म अपनी भव्यता, अभिनय, तकनीकी उत्कृष्टता, एक्शन, संगीत और निर्देशन के लिए हिंदी सिनेमा की सबसे महान फिल्मों में से एक मानी जाती है। इस फिल्म की कहानी लेखक जोड़ी सलीम-जावेद ने लिखी थी और यह भारतीय सिनेमा की सबसे लंबे समय तक चलने वाली फिल्मों में से एक बन गई।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।