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Smita Patil Top 10 Movies: स्मिता पाटिल के करियर का निचोड़ हैं ये 10 फिल्में, पैरेलल सिनेमा का बन गई थीं चेहरा

स्मिता पाटिल हिंदी सिनेमा की उन अभिनेत्रियों में शामिल हैं जिन्होंने अपने करियर में विशुद्ध मसाला फिल्मों के साथ आर्ट फिल्में भी कीं। श्याम बेनेगल और गोविंद निहलानी के साथ स्मिता ने कई ऐसी फिल्मों में अपने अभिनय का जौहर दिखाया जो अवॉर्ड समारोहों तक पहुंचीं। इन फिल्मों में से एक मंथन का शुक्रवार को Cannes Film Festival प्रदर्शन किया जा रहा है।

By Manoj Vashisth Edited By: Manoj Vashisth Thu, 16 May 2024 07:34 PM (IST)
स्मिता पाटिल की यादगार फिल्में। फोटो- इंस्टाग्राम

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। शुक्रवार को कांस फिल्म फेस्टिवल में स्मिता पाटिल की फिल्म मंथन की स्क्रीनिंग होगी। श्याम बेनेगल निर्देशित मंथन उस दौर की फिल्म है, जब हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में समानांतर सिनेमा ने अंगड़ाई लेना शुरू किया था और स्मिता पाटिल इस आंदोलन में शामिल होने वाले कलाकारों की पहली पांत में शामिल हुईं।

भारत की पहली क्राउड फंडेड फिल्म मानी जाने वाली मंथन के निर्माता पांच लाख किसान थे, जिन्होंने 2-2 रुपये देकर इसके फंड किया था। श्वेत क्रांति के जनक वर्गीस कूरियन के प्रयासों को दिखाती फिल्म का स्क्रीनप्ले मशहूर नाटककार विजय तेंदुलकर ने लिखा था, जबकि स्मिता पाटिल के साथ गिरीश कर्नाड, नसीरूद्दीन शाह और अमरीश पुरी मुख्य भूमिकाओं में थे।

इस फिल्म की निर्माता कम्पनी गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड थी। मगर, 1976 में रिलीज हुई मंथन तो बस शुरुआत थी। अस्सी का दशक वो दौर था, जब देश में समानांतर सिनेमा खूब फलफूल रहा था।

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रियलिस्टिक कहानियां और किरदार सिनेमा के जरिए देश और समाज की कड़वी हकीकत को बयां कर रहे थे। उस दौर में स्मिता पैरेलल सिनेमा का चेहरा बन गई थीं। स्मिता ने बाद में समानांतर सिनेमा की कई फिल्मों में यादगार भूमिकाएं निभाईं। बतौर अभिनेत्री स्मिता पाटिल को जानना है तो यह 10 फिल्में जरूर देखिए।

निशांत (1975)

बेस्ट हिंदी फिल्म का नेशनल अवॉर्ड जीतने वाली निशांत ने 1976 के कांस फिल्म फेस्टिवल में पाम डिओर अवॉर्ड के लिए कॉम्पीट किया था। एक गांव में जमींदारी और जाति प्रथा के दंश को दिखाती फिल्म की स्टार कास्ट किसी तमगे के कम नहीं। स्मिता के अलावा फिल्म में शबाना आजमी, अमरीश पुरी, गिरीश कर्नाड, अनंत नाग, मोहन आगाशे, नसीरूद्दीन शाह ने अहम भूमिकाएं अदा की थीं।

भूमिका (1977)

श्याम बेनेगल की फिल्म में स्मिता पाटिल ने एक एक्ट्रेस की भूमिका निभाई थी। इस फिल्म में अमोल पालेकर, अनंत नाग और अमरीश पुरी प्रमुख किरदारों में थे।

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आक्रोश (1980)

गोविंद निहलानी निर्देशित फिल्म में स्मिता के साथ नसीरूद्दीन शाह, अमरीश पुरी, ओम पुरी और मोहन आगाशे ने मुख्य किरदार निभाये थे। फिल्म की कहानी अखबार के सातवें पन्ने पर छपी एक खबर से प्रेरित थी, जिसमें न्याय व्यवस्था के भ्रष्टाचार और वंचित वर्ग के शोषण की कहानी दिखाई गई थी।

चक्र (1981)

रबींद्र धरमराज निर्देशित चक्र बेहतरीन कलाकारों के साथ बनाई गई मसाला फिल्म कही जा सकती है। इसमें नसीरूद्दीन शाह, कुलभूषण खरबंदा और स्मिता पाटिल ने मुख्य भूमिकाएं निभाई थीं।

अर्थ (1982)

महेश भट्ट निर्देशित अर्थ उनके अपने जीवन से प्रेरित फिल्म है। इसमें स्मिता के साथ शबाना आजमी, कुलभूषण खरबंदा, राज किरण और रोहिणा हट्टंगड़ी ने प्रमुख भूमिकाएं निभाई थीं।

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बाजार (1982)

सागर सरहदी की बाजार की कहानी दुल्हनों की खरीदफरोख्त पर आधारित थी। स्मिता पाटिल के अलावा फिल्म में फारुक शेख, नसीरूद्दीन साह, सुप्रिया पाठक ने प्रमुख किरदार निभाये थे। किशोरवय तब्बू ने इस फिल्म में छोटी सी भूमिका निभाई थी।

अर्ध सत्य (1983)

गोविंद निहलानी निर्देशित फिल्म में ओम पुरी, स्मिता पाटिल, अमरीश पुरी, शफी इनामदार, नसीरूद्दीन शाह और सदाशिव अमरापुरकर प्रमुख किरदारों में नजर आये थे। यह एक ईमानदारी पुलिस अधिकारी की कहानी है, जो अपने आसपास बुराइयों से लड़े रहा है।

मंडी (1983)

श्याम बेनेगल निर्देशित मंडी गुलाम अब्बास की उर्दू लघुकथा आनंदी से प्रेरित फिल्म थी। इसमें पॉलिटिक्स और प्रॉस्टिट्यूशन पर कटाक्ष किया गया था। फिल्म में शबाना आजमी, नीना गुप्ता, इला अरुण, नसीरूद्दीन शाह, कुलभूषण खरबंदा और अमरीश पुरी ने भी अहम किरदार निभाये थे।

गिद्ध (1984)

देवदासी प्रथा पर बनी टीएस रंगा की इस फिल्म में ओम पुरी, स्मिता पाटिल और नाना पाटेकर ने मुख्य भूमिकाएं अदा की थीं। 

मिर्च मसाला (1986)

केतन मेहता निर्देशित साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म में स्मिता पाटिल के अलावा नसीरूद्दीन शाह, ओम पुरी, सुरेश ओबेरॉय, दीप्ति नवल, परेश रावल, दीना पाठक और मोहन गोखले प्रमुख किरदारों में थे। इस फिल्म में स्मिता पाटिल की अदाकारी को फोर्ब्स ने 25 टॉप परफॉर्मेंसेज में शामिल किया था।