Sholay के 'गब्बर' पर भारी पड़ी थीं 'देवी मां', 50 साल पहले थिएटर में बरसाए थे फूल, चप्पल उतारकर ली थी एंट्री
धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन की फिल्म शोले भले ही आज के समय में एक ऐतिहासिक फिल्म बन चुकी हो लेकिन जब ये फिल्म 50 साल पहले आई थी तो एक माइथोलॉजिकल फिल्म के सामने फेल हो गई थी। पौराणिक फिल्म ने लोगों को इतना प्रभावित किया था कि थिएटर में कोई शोले को पूछ ही नहीं रहा था।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। शोले हिंदी सिनेमा के इतिहास में अपना नाम दर्ज करवा चुकी है। 1975 में रिलीज हुई ये मूवी स्वतंत्रता दिवस अपने 50 साल पूरे करने जा रही है। गब्बर से लेकर वीरू और जय-बसंती हर किरदार दर्शकों के दिल में बस चुका है, लेकिन एक समय ऐसा था जब इस मूवी को कोई पूछ भी नहीं रहा था।
बॉक्स ऑफिस पर फिल्मों का टकराव काफी समय से चला आ रहा है। धर्मेंद्र की फिल्म को भी ये झेलना पड़ा था। 50 साल पहले स्वतंत्रता दिवस पर इस फिल्म को एक माइथोलॉजिकल फिल्म से बॉक्स ऑफिस पर करारी हार मिली थी। पौराणिक फिल्म का क्रेज इतना ज्यादा था कि लोग थिएटर में जाने से पहले अपने जूते उतारकर एंट्री ले रहे थे, वहीं दूसरी तरफ शोले दर्शकों के लिए तरस रही थी। कौन सी थी वह फिल्म जिसने ऐतिहासिक फिल्म को छोड़ा था पीछे, विस्तार से पढ़ें पूरी कहानी।
माइथोलॉजिकल फिल्म से हार गई थी मल्टीस्टारर 'शोले'
स्वतंत्रता दिवस पर दो बड़ी फिल्में 50 साल पहले थिएटर में आई थीं, पहली थी 'शोले' और दूसरी थी 'जय संतोषी मां'। मल्टीस्टारर फिल्म को उस समय पर 'जय संतोषी मां' से भिड़ना बहुत भारी पड़ा था। क्योंकि, भक्तों और देवी मां के रिश्ते को दिखाती इस मूवी को देखने के लिए थिएटर में भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। उस समय पर फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर एक बड़े मार्जिन से मल्टीस्टारर फिल्म 'शोले' का काम तमाम कर दिया था।
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हिंदुस्तान टाइम्स की एक खबर के मुताबिक, 'जय संतोषी मां' की रिलीज के दौरान लोगों ने देवी का किरदार अदा करने वाली अनीता गुहा को सच में भगवान का रूप मानने लगे थे। रिपोर्टस के मुताबिक जब लोग फिल्म देखने के लिए थिएटर में जा रहे थे, तो उन्होंने अपने जूते-चप्पल उतार दिए थे। इतना ही नहीं, स्क्रीन पर लोग जब मूवी के सीन चल रहे थे क्वाइन और फूल बरसा रहे हैं।
25 लाख की मूवी ने कमाए थे इतने करोड़
पौराणिक फिल्म 'जय संतोषी' मां की कहानी तो अच्छी थी ही, लेकिन मुख्य तौर पर फिल्म के गाने इसके लिए वरदान साबित हुए थे। 'मैं तो आरती उतारूं रे संतोषी माता की' सबसे बड़ा हिट हुआ था, जो आज हर जगह बजता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जय संतोषी मां का बजट 25 लाख के आसपास था और मूवी ने 5 करोड़ का बिजनेस किया था।
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ये फिल्म साल 1975 की दूसरी हाइएस्ट ग्रॉसिंग फिल्म थी, इस फिल्म का प्रॉफिट मार्जिन 'शोले' के मुकाबले काफी ज्यादा था।
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