Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जब राम गोपाल वर्मा की Kaun ने खींची बॉलीवुड में थ्रिलर फिल्मों की नई लकीर, 1 घर और 3 किरदारों ने खोले डर के नए दरवाजे

    By Anu Singh Edited By: Anu Singh
    Updated: Sun, 01 Jun 2025 08:16 AM (IST)

    बॉलीवुड की सस्पेंस थ्रिलर फिल्में खास तो रहीं मगर इस जॉनर को दर्शकों तक पहुंचने में थोड़ी मुश्किल जरूर हुई। यह बॉलीवुड के चमक-दमक वाले अंदाज से अलग सूक्ष्मता पर जोर देता आया है। राम गोपाल वर्मा की ‘कौन’ (1999) ने बॉलीवुड में सस्पेंस थ्रिलर जॉनर को नया रंग दिया है। ओटीटी प्लेटफॉर्म्स अब इस जॉनर को नई जिंदगी दे रहे हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में...

    Hero Image
    1 घर, 3 किरदार और सस्पेंस की भूलभुलैया (Photo Credit- X)

    एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। बॉलीवुड में सस्पेंस थ्रिलर फिल्में हमेशा से खास रही हैं, लेकिन राम गोपाल वर्मा की ‘कौन’ (1999) ने इस जॉनर को एक नया मुकाम दिया है। उर्मिला मातोंडकर, मनोज बाजपेयी और सुषांत सिंह जैसे सितारों से सजी यह फिल्म आज भी दर्शकों के बीच एक कल्ट क्लासिक है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ईटाइम्स की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह फिल्म अपनी सादगी, गहरे सस्पेंस और अनोखे अंदाज के लिए जानी जाती है। आइए जानते हैं कि कैसे ‘कौन’ ने बॉलीवुड में थ्रिलर फिल्मों का चेहरा बदलने का काम किया।

    ‘कौन’ की अनोखी खासियत

    ‘कौन’ एक ऐसी फिल्म थी, जिसमें सिर्फ तीन किरदार, एक घर और कोई गाना नहीं था। 94 मिनट की इस फिल्म ने साबित किया था कि कम संसाधनों के साथ भी गजब का सस्पेंस क्रिएट किया जा सकता है। फिल्म की कहानी एक अकेली लड़की (उर्मिला मातोंडकर) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो बारिश की रात में अपने घर में अकेली है।

    तभी एक अनजान शख्स (मनोज बाजपेयी) उससे मदद मांगने आता है, और कहानी में सस्पेंस की परतें खुलती हैं। तीसरे किरदार (सुषांत सिंह) के आने से कहानी और रहस्यमयी हो जाती है। फिल्म का अंत दर्शकों को हैरान कर देता है, जो इसे आज भी यादगार बनाता है।

    उर्मिला और मनोज का जादू

    उर्मिला मातोंडकर ने इस फिल्म में अपने अभिनय से सबको चौंका दिया था। उन्होंने बताया कि इस रोल के लिए कोई रेफरेंस पॉइंट नहीं था, और क्लाइमेक्स में उनका टेरेस वाला सीन पूरी तरह से इम्प्रोवाइज्ड था। मनोज बाजपेयी ने इसे अपनी जिंदगी की ‘सबसे गीली’ फिल्म बताया, क्योंकि सेट पर बारिश के सीन के लिए उन पर पानी डाला जाता था। उन्होंने कहा कि 16-18 घंटे की शूटिंग में वह पूरी तरह भीग जाते थे। दोनों की केमिस्ट्री और राम गोपाल वर्मा का निर्देशन फिल्म को एक मास्टरपीस बनाता है।

    ये भी पढ़ें- Mrs. Movie: औरतों के रोजमर्रा जीवन की परत उधेड़ती कहानी, ये 5 कारण बनाते हैं इसे मस्ट वॉच मूवी

    बॉलीवुड में थ्रिलर का नया दौर

    ‘कौन’ उस दौर में रिलीज हुई, जब बॉलीवुड में रोमांटिक और फैमिली ड्रामा फिल्में छाई हुई थीं। यह फिल्म 1999 में ‘हम साथ-साथ हैं’ और ‘हम दिल दे चुके सनम’ जैसी फिल्मों के बीच आई, लेकिन अपने अनोखे अंदाज से अलग पहचान बनाई। हालांकि, यह बॉक्स ऑफिस पर बहुत बड़ी हिट नहीं थी, लेकिन समय के साथ इसने कल्ट स्टेटस हासिल किया। आज जेन-जेड दर्शक भी इस फिल्म को देखकर हैरान रह जाते हैं और इसे थ्रिलर जॉनर का मील का पत्थर मानते हैं।

    राम गोपाल और उर्मिला की जोड़ी

    राम गोपाल वर्मा और उर्मिला मातोंडकर की जोड़ी ने ‘रंगीला’, ‘सत्या’, ‘जंगल’ और ‘भूत’ जैसी शानदार फिल्में दीं। वर्मा ने अपनी किताब ‘गन्स एंड थाइज’ में बताया कि वह उर्मिला की खूबसूरती से इतने प्रभावित थे कि ‘रंगीला’ सिर्फ उनकी खूबसूरती को कैप्चर करने के लिए बनाई थी। उर्मिला ने हाल ही में अफवाहों को खारिज करते हुए कहा कि उनका वर्मा के साथ कोई मनमुटाव नहीं था और उन्होंने ‘कंपनी’ और ‘राम गोपाल वर्मा की आग’ में स्पेशल सॉन्ग भी किए।

    ओटीटी ने दिया नया मौका

    ईटाइम्स की रिपोर्ट बताती है कि सस्पेंस थ्रिलर जॉनर को ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने नया जीवन दिया है। ‘कौन’ जैसी फिल्मों ने दिखाया कि सादगी और मजबूत कहानी से दर्शकों को बांधा जा सकता है। आज ओटीटी पर ऐसी फिल्मों को ज्यादा आजादी और दर्शक मिल रहे हैं, जिससे इस जॉनर का भविष्य और उज्ज्वल दिख रहा है।

    क्यों देखें ‘कौन’?

    ‘कौन’ अपनी टाइट स्क्रिप्ट, शानदार अभिनय और अनप्रेडिक्टेबल ट्विस्ट के लिए जानी जाती है। यह फिल्म न सिर्फ सस्पेंस थ्रिलर के दीवानों के लिए है, बल्कि हर उस दर्शक के लिए जो कुछ नया और रोमांचक देखना चाहता है। राम गोपाल वर्मा की यह फिल्म आज भी उतनी ही ताजा और रोमांचक है, जितनी 26 साल पहले थी।

    ये भी पढ़ें- क्यों बढ़ रहा है मलयालम सिनेमा का क्रेज? पुष्पा 2 के विलेन से लेकर मोहनलाल तक कैसे बदली हीरो की छवि