Bakaiti Review: मिडिल क्लास के संघर्षों का आईना दिखाता एक हल्का-फुल्का फैमिली ड्रामा, रियलिटी चैक देगी राजेश-शीबा की ये सीरीज
ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर एक हल्का फुल्का फैमिली ड्रामा बकैती 1 अगस्त को रिलीज हो गया है। सीरीज में मिडिल क्लास परिवार के स्ट्रगल को कॉमेडी प्यार नोंकझोंक ड्रामा और रियलिटी चैक के धागे में पिरोया गया है। राजेश तैलंग और शीबा चड्ढा ने जबरदस्त काम किया है। पढ़ें रिव्यू।
एकता गुप्ता, नई दिल्ली। भारत में पॉपुलेशन का एक बड़ा तबका मिडिल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखता है। मिडिल क्लास एक ऐसा वर्ग जिसके पास रहने को घर और थोड़ा बहुत पैसा तो होता है लेकिन बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने के लिए या तो बहुत संघर्ष करना पड़ता है या फिर सपनों से समझौता करना पड़ता है। इन्हीं तब ताने-बाने को जोड़कर मीडिल क्लास की जिंदगी का आईना दिखाती है 'बकैती' सीरीज।
क्या है 'बकैती' की कहानी
बकैती, गाजियाबाद में रहने वाली एक मिडिल क्लास फैमिली की कहानी है। इसमें राजेश तैलंग (संजय कटारिया), शीबा चड्ढा (सुषमा),आदित्या शुक्ला (भरत) जो एक सोशल मीडिया इफ्लुएंसर भी हैं और तान्या शर्मा (नैना) ने लीड रोल निभाया है। एक ऐसी फैमिली जिसमें भाई बहन के बीच जमकर नोंकझोंक होती है, पत्नी पत्नी में पैसों की तंगी को लेकर टेंशन होती है और दो भाईयों में प्रॉपर्टी को लेकर झगड़ा होता है। राजेश एक वकील हैं और नोटरी का काम करते हैं, उनकी ज्यादा इनकम नहीं है और इसीलिए वे अपने घर का एक कमरा किराए से देना चाहते हैं। जिसके लिए उनके दोनों बच्चों को एक ही रूम शेयर करना होगा। इसके बाद दोनों भाई-बहन एक दूसरे के साथ रूम शेयर करने के लिए राजी नहीं होते हैं।
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वहीं नैना और भरत जो संजय और शीबा के बच्चे हैं, अपनी मां के साथ मिलकर बिजनेस आइडिया निकालते हैं जिससे वे पैसे कमाकर अपने पापा को दे सकें और उनका कमरा किराए पर ना चढ़े। हालांकि उनका बिजनेस उतना नहीं चलता और कमरा किराए से देना पड़ता है जिसमें एक लड़का रहने आता है और नैना को उसकी तरफ अट्रैक्शन होने लगता है। नैना का सपना है कि वह मुंबई जाकर पढ़े और एक अच्छे कॉलेज में उसका स्कॉलरशिप बेस पर सिलेक्शन हो भी जाता है। लेकिन घर पर पैसों की तंगी के चलते मां-बाप उसकी पढ़ाई के लिए बनाई गई एफडी तोड़ने की बात करते हैं जिससे वह नाराज हो जाती है और घर से चली जाती है।
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क्या नैना वापस लौटती है? क्या संजय अपना घर बेचने को राजी हो जाता है? इन सब सवालों के जवाब जानने के लिए आपको सीरीज देखनी पडे़गी।
राजेश तैलंग और शीबा की शानदार एक्टिंग
बकैती में राजेश तैलंग और शीबा चड्ढा ने अपनी नेचुरल एक्टिंग से कहानी को बांधे रखा है। वहीं नैना के रूप में तान्या शर्मा और भरत के रूप में आदित्या शुक्ल ने भी अच्छा अभिनय किया है। चारों की जिंदगी के ईर्द-गिर्द घूमती सीरीज में सपोर्टिंग कैरेक्टर्स भी अच्छे हैं जो बीच-बीच में कॉमेडी और ड्रामा का तड़का लगाते हैं। अमित गुप्ता ने एक हल्के फुल्के पारिवारिक ड्रामा से मीडिल क्लास की कई मजबूरियों और संघर्षों से पर्दा उठाया है।
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क्या है खास
बकैती एक ऐसी सीरीज है जिसमें मिडिल क्लास परिवार में होने वाली नोंकझोंक, प्यार, मजबूरी और संघर्ष को बड़े ही शानदार लेकिन हल्के फुल्के तरीके से दिखाया गया है। कॉमेडी और ड्रामा के बीच इस सीरीज से दर्शक खुद को जुड़ा हुआ महसूस करते हैं क्योंकि ये चीजें लगभग हर मिडिल क्लास परिवार में होती है। प्रॉपर्टी के लिए दो भाईयों में लड़ाई, बच्चों की हाई स्टडीज के लिए संघर्ष, पैसों की तंगी, महिलाओं को काम करने के लिए इजाजत ना मिलना, ये सब बातें जो बच्चों के फ्यूचर पर बड़ा असर डालती है बड़ी ही आसानी और हल्के फुल्के तरीके से स्क्रीन पर उतारी गई है।
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क्या है कमी
एक फैमिली ड्रामा के रूप में सीरीज काफी अच्छी है क्योंकि यह आपको आखिरी तक जोड़े रखती है। हर छोटी-छोटी घटनाएं महसूस कराती हैं कि हां ऐसा ही तो होता है। जो चीजें हम अपने आस पास होते देखते हैं उसे वैसे ही उन्हें स्क्रीन पर उतार दिया गया है जिससे कहानी अपनी सी लगती है। लेकिन सीरीज कोई बड़ा मैसेज नहीं दे पाती है, यही सबसे बड़ी कमी है। अगर 7 एपिसोड की सीरीज में कोई वक्त दे रहा है तो एक स्ट्रांग मैसेज की उम्मीद तो की ही जा सकती है।
वहीं सीरीज का नाम उसके कंटेंट से मेल नहीं खाता, हालांकि बकैती को लेकर सीरीज में कहा जाता है कि हम मिडिल क्लास लोग हैं भई हम मीठे होकर कैसे बात कर सकते हैं। ऐसे बकैती करते हुए ही हमारी जिंदगी चलती है। लेकिन देखा जाए तो इसके अलावा कोई और कारण नहीं है जिसकी वजह से ये नाम सीरीज पर सूट करे, कुछ बेहतर नाम हो सकता था। बकैती में आपको कोई यूनिक या आउट ऑफ द बॉक्स स्टोरी नहीं मिलेगी लेकिन हां आपके इमोशन इससे जरुर जुड़ जाएंगे।
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देखें या नहीं
अगर आप किसी हल्के फुल्के लेकिन रियल कंटेंट की तलाश में हैं तो बकैती आपके लिए है। आप वही देखेंगे जो असल जिंदगी में होता है और इससे खुद को जुड़ा हुआ महसूस करेंगे।
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