Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    IC 814 The Kandahar Hijack Review: सच्ची घटना का बेहतरीन चित्रण, अनुभव सिन्हा का ओटीटी पर शानदार डेब्यू

    Updated: Thu, 29 Aug 2024 02:01 PM (IST)

    आईसी 814 द हाइजैक स्टोरी 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी गठबंधन सरकार के दौरान हुई विमान अपहरण की सच्ची घटना से प्रेरित कहानी है। इस सीरीज में कई दिग्गज कलाकारों ने अहम भूमिकाएं निभाई हैं जिनमें नसीरूद्दीन शाह पंकज कपूर मनोज पाहवा अरविंद स्वामी शामिल हैं। विजय वर्मा और पत्रलेखा ने सीरीज को लीड किया है। अनुभव सिन्हा की कसी हुई कहानी को कलाकारों का पूरा साथ मिला है।

    Hero Image
    आईसी 814 नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो गई है। फोटो- इंस्टाग्राम

    स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। 24 दिसंबर, 1999 साल। क्रिसमस की पूर्व संध्‍या पर काठमांडू से नई दिल्‍ली जा रहे एयर इंडिया के विमान आइ सी 814 को टेकआफ करने के चंद मिनटों बाद ही पांच आतंकियों ने हाईजैक कर लिया था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अपनी मांगों को पूरा करवाने को लेकर उन्‍होंने सात दिनों तक विमान यात्रियों और क्रू को बंधक बना लिया था। ईंधन भरवाने के लिए हाईजैकर्स ने सबसे पहले लाहौर एयरपोर्ट का रुख किया, लेकिन अथॉरिटीज ने एयरक्राफ्ट को लैडिंग की अनुमति देने से इनकार कर दिया।

    फिर विमान को अमृतसर में उतारा गया, लेकिन वहां पर ईंधन नहीं भरा जा सका। करीब तीस मिनट के इंतजार के बाद गुस्‍साए आतंकियों ने एक यात्री को चाकू भोंक डाला और विमान को लाहौर ले गए। वहां से वह किस प्रकार दुबई होते हुए फिर कंधार जा कर रुके। इस पूरे प्रकरण पर अनुभव सिन्‍हा ने वेब सीरीज आई सी 814 : द कंधार हाईजैक (IC 814: The Kandahar Hijack) का निर्माण किया है।

    यह भी पढ़ें: Upcoming OTT Releases: आतंक मचाने इस हफ्ते आ रहा है सौरेन, LOTR सहित ये फिल्में और सीरीज होंगी रिलीज

    यह दौर अटल बिहारी बाजपेयी की गठबंधन सरकार का था। उसी साल कारगिल युद्ध में भारत पाकिस्तान को पटखनी दे चुका था। ऐसे में विमान का अपहरण करने की आतंकियों की साजिश कामयाब कैसे हुई? भारत की खुफिया एजेंसी को कैसे इसकी भनक नहीं लगी या सूचना मिलने के बावजूद उन्‍होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया?

    अमृतसर में क्‍यों विमान को रोका नहीं जा सका? दुबई ने किस प्रकार महिलाओं और बच्‍चों को रिहा करवाया? काबुल में विमान ना उतर पाने की क्‍या वजह थीं? अपहरणकर्ता विमान को कंधार ही क्‍यों ले गए? इस साजिश में अलकायदा का किस तरह शामिल था? ऐसे कई सवालों के जवाब छह एपिसोड की इस सीरीज में देने की कोशिश की गई है। 

    क्या है शो की कहानी?

    कहानी की शुरुआत नेपाल से होती है, जहां भारतीय रॉ एजेंट को इसकी भनक मिलती है। उसकी सूचना की गंभीरता भारतीय अधिकारियों को जब तक समझ आती है, तब तक विमान हाईजैक हो चुका होता है। पायलट शरण (विजय वर्मा) और उसके दो सहयोगी कॉकपिट में अपहरणकर्ता के निर्देश को मानने के लिए मजबूर होते हैं।

    वहीं, अपहरणकर्ता खुद भी किसी के निर्देश का पालन कर रहे होते हैं। वे विमान को काबुल ले जाने की जिद करते हैं, लेकिन ईंधन की कमी की वजह से पायलट असमर्थतता जताता है। फिर अपहरणकर्ता किस प्रकार बंदूक और ग्रेनेड का डर दिखाकर पाकिस्‍तान के इनकार के बाद अमृतसर आते हैं, फिर लाहौर जाते हैं, फिर रात में काबुल में विमान उतर पाने की सुविधा ना होने की वजह से दुबई में ईंधन भरवाते हैं और फिर कंधार ठहरते हैं।

    कंधार का पता चलने पर भारतीय अधिकरियों के पसीने छूट जाते हैं, क्‍योंकि वहां पर तालिबान का शासन था। भारत ने उसकी सरकार को मान्‍यता नहीं दी थी।

    किस प्रकार तमाम विरोधों के बीच अटल बिहारी वाजेपयी की सरकार अपने यात्रियों की सकुशल रिहाई के बदले भारत की जेलों में बंद तीन आतंकियों आतंकी मौलाना मसूद अजहर, मुश्ताक अहमद जरगर और अहमद उमर सईद शेख को छोड़ने का निर्णय लेती है और यात्रियों की स्‍वदेश वापसी होती है। इन सारे प्रसंग को कहानी में पिरोया गया है।

    पायलट कैप्टन देवी शरण की किताब का रूपांतरण

    'आई सी 814: द कंधार हाईजैक' से अनुभव सिन्‍हा ने डिजिटल प्‍लेटफॉर्म पर पदार्पण किया है। यह सीरीज असल पायलट कैप्‍टन देवी शरण द्वारा लिखित किताब फ्लाइट इनटू फीयर का रूपांतरण है। सह-लेखक त्रिशांत श्रीवास्तव के साथ अनुभव कहानी को केबिन क्रू, यात्रियों, उनके परिवारों, अपहरणकर्ताओं और सरकारी अधिकारियों के दृष्टिकोण से दर्शाते हैं।

    इस दौरान वह असल घटनाओं के क्लिप को भी शामिल करते हैं। निखिल रवि शंकर का स्‍क्रीनप्‍ले और डायलॉग प्रभावी हैं। वे प्रशासनिक अड़चन, खुफिया एजेंसी की नाकामी, गठबंधन सरकार की मुश्किलों, निर्णय लेने में देरी लेने की वजह और अपहरणकर्ताओं के आकाओं पर गहराई से काम करते हैं।

    कहानी विमान के अंदर हो रहे घटनाक्रमों और इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के एटीसी में जुटे भारतीय अधिकरियों के बीच चर्चा पर ज्‍यादा केंद्रित है। इस दौरान भारतीय विदेश मंत्रालय से विजय भान सिंह (पंकज कपूर) मौजूद रहते हैं।

    कुछ तथ्यों पर सिनेमैटिक लिबर्टी

    यह भी पढ़ें: Plane Hijack पर बनीं दमदार हॉलीवुड फिल्में, IC 814 से पहले OTT पर देख डालिए ये मूवीज

    अनुभव कहानी पर अपनी पकड़ बनाए रखते हैं, लेकिन यह सीरीज कंधार ले जाने पर शाकाहारी यात्रियों को खाने में आने वाली दिक्‍कतों, भारतीय अधिकारियों के विमान के कंधार पहुंचने की दिक्‍कतों और अमेरिकी दखल को नहीं दर्शाती। बस टॉयलेट चोक होने के बाद विमान में बदबू फैलने को लेकर एक विदेशी को ही आक्रोशित दिखाया है, बाकी यात्रियों को नहीं।

    इसी तरह विमान में विदेशी यात्रियों की संख्‍या कम दिखाई है और उनकी रि‍हाई पर संयुक्‍त राष्‍ट्र के दखल पर यह सीरीज नहीं जाती। इस हाईजैक के दौरान एक बीमार यात्री को विमान से उतार कर अस्‍पताल ले जाया गया था, लेकिन वहां की बदहाली देखकर उसने वापस विमान में आने का निर्णय लिया था।

    ऐसी घटनाओं को इस सीरीज में नहीं पिरोया गया है। जिन तीन आतंकियों को छोड़ने की बात हुई है, उनके बारे में सीरीज कोई जानकारी नहीं देती। आखिर में यह जरूर बताती है कि उन्‍होंने रिहाई के बाद किस प्रकार दुर्दांत घटनाओं को अंजाम दिया।

    मंझे कलाकारों ने मंजिल कर दी आसान

    बहरहाल, इस रोंगटे खड़े कर देने वाली सीरीज के लिए अनुभव को मंझे कलाकारों का साथ मिला है। इन जटिल परिस्थितियों में कैप्‍टन शरण की भूमिका में उसकी लाचारी, चतुरता और साहस का विजय वर्मा बखूबी प्रदर्शन करते हैं।

    वहीं, भारतीय अधिकारियों की भूमिका में नसीरूद्दीन शाह, आदित्‍य श्रीवास्‍तव, कुमुद मिश्रा, दिब्येंदु भट्टाचार्य अपनी भूमिकाओं साथ न्‍याय करते हैं। अपहरणकर्ताओं से बातचीत को लेकर एडिशनल डायरेक्‍टर आई बी मुकुल मोहन की भूमिका में मनोज पाहवा का काम प्रशंसनीय हैं। फ्लाइट अटेन्डेंट के किरदार में पत्रलेखा और अदिति गुप्ता ने सराहनीय काम किया है।

    बॉम्बे फिल्‍म अभिनेता अरविंद स्‍वामी को एक अंतराल बाद स्‍क्रीन पर देखना अच्‍छा लगता है। उनके और अफगानी विदेश मंत्री के बीच दृश्‍य अच्‍छे बने हैं। सीरीज का बैकग्रांड स्‍कोर उस माहौल के अनुरूप है। कंधार के परिवेश को वास्‍तविक बनाने के लिए प्रोडक्‍शन टीम की तारीफ बनती है।