Loveyapa Review: सिखाने के साथ हंसाती भी है जुनैद- खुशी की लवयापा, Gen-Z के लिए क्यों देखना है जरूरी?
काफी समय से अपनी फिल्म लवयापा के प्रमोशन में व्यस्त खुशी और जुनैद खान की फिल्म लवयापा (Loveyapa Review) फाइनली 7 फरवरी को सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी है। ये फिल्म Gen-Z की जिंदगी में उतार चढ़ाव क्यों आते हैं क्यों वह किसी पर भरोसा नहीं कर पाते हैं। हर एक डिटेल ये फिल्म आपको बताएगी। क्या खुशी कपूर और जुनैद अपने किरदार के साथ न्याय कर पाए पढ़ें रिव्यू

प्रियंका सिंह,मुंबई। दक्षिण भारतीय फिल्मों के रीमेक के दौर में अब साल 2022 में रिलीज हुई तमिल फिल्म लव टुडे को भी हिंदी में रीमेक कर दिया गया है। डिजिटल प्लेटफॉर्म से अभिनय की पारी शुरू करने आमिर खान के बेटे जुनैद खान और बोनी कपूर और श्रीदेवी की बेटी खुशी कपूर 'लवयापा' फिल्म से बड़े पर्दे पर पदार्पण कर रहे हैं।
क्या है फिल्म 'लवयापा' की कहानी?
कहानी है दिल्ली में रहने वाले दो युवाओं गौरव उर्फ बब्बू उर्फ गुच्ची (जुनैद खान) और बानी (खुशी कपूर) की जो एकदूसरे के साथ प्यार में हैं। एकदूसरे पर आंखें बंद करके भरोसा करते हैं। एक दिन जब बानी के पिता को दोनों के प्यार का पता चलता है, तो वह गौरव को घर बुलाकर शादी की शर्त रखते हैं। वह दोनों को कहते हैं कि 24 घंटे के लिए गौरव और बानी को अपने फोन की अदला-बदली करनी होगी। उसके बाद दोनों के बीच सब ठीक रहा तो शादी हो जाएगी। इन 24 घंटों में दोनों के वो राज खुलने शुरू होते हैं, जो उन्हें एकदूसरे के बारे में पता नहीं होते हैं।
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लवयापा में दिखाए हर मुद्दे से खुद को कनेक्ट कर सकते हैं युवा
फिल्म का शीर्षक, पृष्ठभूमि, कलाकार, निर्देशक भले ही बदल गए हैं, लेकिन कहानी लव टुडे से सीन बाय सीन मिलती-जुलती है। उसके बावजूद लवयापा बोर नहीं करती है। तमिल फिल्म का हिंदी वर्जन उपलब्ध नहीं है, ऐसे में लवयापा एक इसकी एक परफेक्ट हिंदी रीमेक लगती है। फिल्म में एक संवाद है कि तेरी जेनरेशन की नाड़ी जुड़ी है फोन के साथ, इस वास्तविकता को मजेदार अंदाज में फिल्म में दिखाया गया है।
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सोते, खाते, उठते-बैठते समय फोन को अपने दिल के करीब रखने वाली युवा पीढ़ी की इस पर निर्भरता, फोन की ही वजह से टूटते भरोसे, इस पर होने वाली कैजुअल चैटिंग से बात का बंतगड़ बनना, बॉडी शेमिंग, एक ही उम्र में होने बावजूद लड़का और लड़की की शादी को लेकर समाज का अलग नजरिया जैसे कई मुद्दों को कहानी के भीतर समेटा गया है, जो कहानी के साथ ही चलते हैं।
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हालांकि पिछले दिनों सबसे ज्यादा चर्चा में रहे और कई कलाकारों के लिए परेशानी का सबब बने डीपफेक वीडियो जैसे संवेदनशील मुद्दे को सतही तौर पर छुते हुए फिल्म निकल जाती है। डीपफेक वीडियो बनाने वाले को गिरफ्तार होते हुए, तो दिखाया गया, लेकिन न ही फिल्म इसका कोई समाधान देती है, न ही उसकी गहराई में जाती है। चूंकि फिल्म रीमेक हैं, तो अद्वैत ने उसे बिल्कुल उसी तरह बनाया है, जबकि वह कुछ नई चीजें जोड़ सकते थे, ठीक वैसे ही जैसे उन्होंने अमेरिकन फिल्म फारेस्ट गम्प की रीमेक लाल सिंह चड्ढा में जोड़े थे।
युवाओं की नब्ज को समझकर बनाई फिल्म
सीक्रेट सुपरस्टार और लाल सिंह चड्ढा फिल्मों का निर्देशन कर चुके अद्वैत चंदन कह चुके हैं उन्हें रीमेक बनाने वाले निर्देशक के टैग से दिक्कत नहीं है, बस, फिल्में अच्छी बनानी हैं। इसी सोच के साथ उनकी पकड़ निर्देशन पर मजबूत है। उन्होंने युवाओं की नब्ज पकड़ी है। वह दोनों ही नए कलाकारों से बेहतर काम निकलवा पाए हैं। इसमें उन्हें सिनेमैटोग्राफर राजेश नारे का अच्छा साथ मिला है।
हर दो साल में फोन बदले जाते हैं, रिश्ते नहीं, जैसे कई संवाद स्नेहा देसाई ने लिखे हैं, जो सिचुएशनशिप, बेंचिग जैसे चीजों में अटके युवाओं को संदेश भी देती है। लवयापा हो गया... गाने के अलावा थिएटर से बाहर निकलने पर कोई और गाना याद नहीं रहता है।
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क्या अपने एक्टिंग टैलेंट को प्रूफ कर पाए खुशी-जुनैद?
डिजिटल प्लेटफार्म पर जुनैद और खुशी दोनों ने ही पीरियड ड्रामा फिल्मों से अभिनय की पारी की शुरुआत की थी। अब इस फिल्म में उन्हें आज के युवा की भूमिका निभाने को मिली है, ऐसे में वह और भी सहज नजर आते हैं। खासकर जुनैद अपने अभिनय से चौंकाते हैं। वह भले ही डांस में बहुत कमाल न हों, लेकिन रोमांटिक सीन से लेकर भावुक और गुस्सैल सीन्स में एकदम कमर्शियल हीरो लगे हैं। कई जगहों पर उनमें आमिर खान की झलक दिखाई देती है।
द आर्चीज फिल्म से डेब्यू करने वाली खुशी कपूर साबित करती हैं कि बहन जाह्नवी कपूर की ही तरह वह भी अपने लिए रास्ते बनाएंगी। हालांकि उन्हें अपनी डायलॉग डिलीवरी पर और काम करने की जरुरत है। कीकू शारदा को फिल्म में न केवल अच्छा स्पेस मिला है, बल्कि कॉमेडी से इतर भी उन्हें कुछ गंभीर सीन करने का मौका भी मिला है। ग्रुशा कपूर और आशुतोष राणा इस फिल्म की सबसे मजबूत कड़ी हैं, जिन्होंने अपनी भूमिकाओं में शानदार काम किया है।
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