Mahavatar Narsimha Review: पौराणिक कथाओं का शानदार चित्रण, विष्णु भगवान के 10 में से चौथे अवतार की कहानी
जब-जब धरती पर बुराई बढ़ेगी तब-तब भगवान विष्णु भगवान एक नया अवतार लेंगे और उसे खत्म करेंगे। एक ऐसी ही कहानी लेकर दर्शकों के सामने आया है होम्बले फिल्म्स। एक लंबे समय से चर्चा में बनी हुई महावतार नरसिम्हा थिएटर में रिलीज हो चुकी है। इस फिल्म में विष्णु भगवान के कौन से अवतार की व्याख्या की गई है नीचे डिटेल्स में पढ़ें रिव्यू
प्रियंका सिंह, मुंबई। फिल्म द केरल स्टोरी में एक संवाद है कि पापा आपने बहुत कुछ बताया पर धर्म क्या है इसके बारे में नहीं बताया। इस कड़ी में होम्बले फिल्म ने भगवान विष्णु के दस अवतारों पर एक दशक के भीतर दस फिल्में बनाने की घोषणा की है। इस सीरीज की पहली फिल्म महावतार नरसिम्हा सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है।
विष्णु भगवान के चौथे अवतार की कहानी
भगवान विष्णु के चौथे अवतार नरसिम्हा भगवान माने जाते हैं। वे आधे मानव और आधे सिंह के रूप में प्रकट हुए थे, जिनका सिर और धड़ मानव का था, जबकि चेहरा और पंजे सिंह के थे। नरसिम्हा भगवान को विशेष रूप से दक्षिण भारत में वैष्णव संप्रदाय के लोगों द्वारा पूजा जाता है। एनिमेटेड फिल्म महावतार नरसिम्हा इन्हीं नरसिम्हा अवतार की कथा राक्षस हिरण्यकशिपु और उसके भक्त प्रह्लाद पर आधारित है।
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भगवान विष्णु के घोर विरोधी हिरण्यकशिपु ने घोर तपस्या के बाद ब्रह्मा से वरदान प्राप्त किया था कि उसे कोई मनुष्य या जानवर, दिन या रात, घर के अंदर या बाहर, न ही किसी अस्त्र-शस्त्र से मार नहीं सकेगा। अपने वरदान के घमंड में हिरण्यकशिपु ने अपने राज्य में भगवान विष्णु की पूजा करने पर प्रतिबंध लगा दिया। हालांकि उसका पांच साल का बेटा प्रह्लाद परम विष्णु भक्त था। उसने पिता की बात न मानते हुए विष्णु की पूजा करना जारी रखा, तो हिरण्यकशिपु ने उसे मारने का प्रयास किया, लेकिन हर बार भगवान विष्णु ने प्रह्लाद की रक्षा की।
फिल्म का क्लाइमैक्स है बहुत ही बेहतरीन
अश्विनी कुमार द्वारा निर्देशित और जयपूर्णा दास लिखित पटकथा सराहनीय है। उन्होंने पौराणिक कहानी को सम्मोहक कथा के माध्यम से दर्शाया है। एनिमेशन फिल्म की शुरुआत हिरण्यकशिपु और उसके जुड़वा भाई के जन्म से होती है। वहां से उसके शक्ति हासिल करने, सभी लोकों पर अपना वर्चस्व स्थापित करने से लेकर बेटे प्रह्लाद को मारने का सफर ड्रामा, इमोशन, हास्य, रोमांच और प्रेरणा से ओतप्रोत है। फिल्म का खास आकर्षण इसका क्लाइमैक्स है जब अपने भक्त की रक्षा के लिए नरसिम्हा अवतार स्वयं हिरण्यकशिपु का वध करने के लिए आते हैं।
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उनके आभामंडल और ऊर्जा को शानदार तरीके से दर्शाया गया है। कुल मिलाकर फिल्म के विजुअल्स, संगीत, डबिंग, बैकग्राउंड स्कोर इसे दर्शनीय बनाने में मददगार साबित हुए हैं। फिल्म बुराई पर अच्छाई की जीत साथ ही मानवता को घृणा, लालच, ईर्ष्या और क्रोध के स्थान पर आध्यात्मिकता, प्रेम, करुणा और शांति को चुनने का संदेश देती है।
Zen-G को अपनी जड़ों से परिचित करवाती है फिल्म
भारतीय एनीमेशन फिल्मों की श्रेणी में महावतार नरसिम्हा की गुणवत्ता पिछली फिल्मों की तुलना में बहुत बेहतर है। यह दर्शाता है कि पौराणिक कथाओं और उसमें निहित संदेश को भव्यता के साथ आधुनिक तकनीक की मदद से कहा जा सकता है। खास तौर पर जेन जी (युवा पीढ़ी) को अपनी जड़ों से परिचित कराने के लिए यह शानदार फिल्म है।
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हरिप्रिया मट्टा द्वारा की गई प्रहलाद की डबिंग में मासूमियत और भोलापन दिल को छूता है। वहीं हिरण्यकशिपु की आवाज बने आदित्य राज शर्मा भी प्रभाव छोड़ते हैं। अगर छोटी-छोटी खामियों को नजरअंदाज कर दें (जिनकी वजह सीमित बजट है) तो यह शानदार फिल्म है। महावतार सीरीज की अगली फिल्म महावतार परशुराम होगी।। जिसकी जानकरी फिल्म के अंत में दी गई हैं। यह फिल्म साल 2027 में रिलीज होगी।
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