Mandala Murders Review: आयस्ति समुदाय के साथ अन्याय की कहानी, 1 सेकंड भी झपकाई पलक तो शुरू से देखनी होगी सीरीज
सोनाक्षी सिन्हा-हुमा कुरैशी और काजोल के बाद अब वॉर एक्ट्रेस वाणी कपू (Vaani Kapoor) ने भी ओटीटी की दुनिया में कदम रख दिया है। उनकी वेब सीरीज मंडला मर्डर्स नेटफ्लिक्स पर आ चुकी है। अतीत और वर्तमान को जोड़ती सीरीज की कहानी आपको एक मिनट भी पलके झपकाने का मौका भी नहीं देगी। क्या है कहानी नीचे पढ़ें
प्रियंका सिंह, मुंबई। नई तरह की कहानियों को लेकर अक्सर बातें होती हैं। ऐसे में जब ऐसी कहानियां आती हैं, तो वह ध्यान आकर्षित कर ही लेती हैं। विज्ञान और ऐसी शक्तियां जो एक नई दुनिया बनाने के लिए बलिदान लेने से नहीं चूकती, उनके बीच की जिद्दोजहद पर आधारित है मंडला मर्डर्स।
क्या है सीरीज मंडला मर्डर्स की कहानी?
कहानी साल 1952 में चरणदासपुर से शुरू होती है। वहां कुछ महिलाएं ऊर्जा को आयस्त यंत्र की मदद से परिवर्तित करके एक मृत व्यक्ति को जीवित करने का प्रयास करती हैं। वह आयस्ति समुदाय से हैं, जिन पर समाज ने अन्याय किया है। गांववाले उनके घर को जला देते हैं। वहां से कहानी साल 2025 में आती है। दिल्ली पुलिस से सस्पेंडेड विक्रम सिंह (वैभव राज गुप्ता) अपने पिता (मनु ऋषि चड्ढा) के साथ अपने गांव चरणदासपुर जा रहा होता है। ट्रेन में उसके साथ मौजूद एक प्रेस फोटोग्राफर की लाश अगले दिन नदी में मिलती है। उसका धड़ गायब होता है।
यह भी पढ़ें- Mandala Murders का नया प्रोमो देखकर सिहर जाएगा आपका दिल, मेकर्स ने डिस्क्लेमर के साथ किया रिलीज
\
Photo Credit- Youtube
विक्रम इस केस के साथ अपनी मां की तलाश भी करता है, जो बीस साल पहले अपने छोटे बेटे की जान बचाने के लिए जंगल गई थी। सीआइबी (सेंट्रल इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो) एसपी रिया थॉमस (वाणी कपूर) को जांच का जिम्मा सौंपा जाता है। फोटोग्राफर की मौत के मामले की पूछताछ अनन्या भारद्वाज (सुरवीन चावला) से भी की जाती है, जो बीमार पति की राजनीतिक पार्टी की कमान खुद संभालकर चुनाव लड़ने की तैयारी में है।
सीरीज के एक-एक सीन को ध्यान से देखना जरूरी
लेखक महेंद्र जाखड़ की किताब द बुचर्स ऑफ बनारस पर आधारित इस कहानी के स्क्रीनप्ले और संवादों को सह निर्देशक गोपी पुथरन ने अनुराग गोस्वामी, चिराग गर्ग, गैब गबरैल, मैट ग्राहम, अविनाश द्विवेदी के साथ मिलकर लिखी है। मानव बलि से लेकर, मौत को मात देने, नियति, राजनीति, पुलिस, काला जादू, वरदान, हिंदुस्तान का पहला न्यूक्लियर प्लांट के साथ कहानी अतीत और वर्तमान में चलती है। हालांकि, इस बीच पात्रों के आसपास की दुनिया में जो घटता है, वह खलल पैदा करता है।
Photo Credit- Youtube
शो में इतनी परतें और पात्र हैं कि अगर एपिसोड को ध्यान से नहीं देखा, तो कड़ियां जोड़ने में दिक्कत होगी। उसके बावजूद आयस्तियों का नई दुनिया बनाने और आयस्त यंत्र को अंगूठे का मोल चुकाकर वरदान मांगने का एंगल दिलचस्प है। शो में बताया जाता है कि मंडला की दुनिया को समझना अभी बाकी है, जो अगले सीजन का संकेत है। हो सकता है आयस्तियों पर समाज ने क्या अन्याय किया है, उसके जवाब अगले सीजन में मिलें। मर्दानी 2 में रानी मुखर्जी को दमदार अंदाज में दिखाने वाले गोपी ने इस सीरीज को अभिनेत्रियों को भी मजबूती से पेश किया है। आर्ट और प्रोडक्शन डिजाइनर के साथ मिलकर सिनेमैटोग्राफर शाज मोहम्मद ने अतीत और वर्तमान के बीच अंतर को बखूबी दिखाया है।
Photo Credit- Youtube
मंडला मर्डर्स से वाणी का वेब सीरीज में डेब्यू
इस सीरीज से वाणी कपूर ने डिजिटल प्लेटफार्म पर पदार्पण किया है। सीआइबी अफसर रिया थामस के रोल में वाणी अतीत के ट्रामा और वर्तमान के काम के बीच झूलते हुए वह अच्छा अभिनय करती हैं। सुरवीन चावला हर सीरीज के साथ बेहतर काम कर रही हैं। वैभव राज गुप्ता साबित करते हैं कि वह कॉमेडी के अलावा गंभीर, परतदार रोल सहजता से कर सकते हैं। आयस्तियों की महामणि रुकमणि के रोल में श्रिया पिलगांवकर अपने अभिनय से चौंकाती हैं। रघुबीर यादव, जमील खान समेत दूसरे कलाकार स्क्रिप्ट के दायरे में रहकर अच्छा काम करते हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।