Son of Sardaar 2 Review: फीकी लगी अजय-मृणाल ठाकुर की केमिस्ट्री, मनोरंजन के मसाले ढेर सारे पर स्वाद नहीं
Son of Sardaar 2 Review अजय देवगन और मृणाल ठाकुर अभिनीत सन ऑफ़ सरदार 2 अपनी जबरदस्त कॉमेडी से सिनेमाघरों में धूम मचा रही है। सोशल मीडिया यूज़र्स इसे साल की सबसे बेहतरीन पैसा वसूल फिल्म मान रहे। वहीं क्रिटिक्स से मूवी को मिली जुली प्रतिक्रिया मिली है। इस फिल्म का गाना पहला तू दूजा तू रिलीज होते ही सोशल मीडिया पर छा गया था।
स्मिता श्रीवस्तव, मुंबई। यह महज संयोग है कि इस शुक्रवार को रिलीज हुई फिल्म धड़क 2 और सन आफ सरदार 2 दोनों ही फ्रेंचाइज फिल्में हैं। धड़क जहां तमिल फिल्म परियेरुम पेरुमल की रीमेक है। वहीं सन आफ सरदार 2 टर्कीश फिल्म आइल अरासिंडा (Aile Arasında) पर आधारित है। सन आफ सरदार 2 के प्रचार में इसे सिचुवेशनल कामेडी (यानी परिस्थिति के हिसाब से हंसी आना) बताया गया था, लेकिन मध्यातंर से पहले हंसी के लिए काफी इंतजार करना पड़ता है। चूंकि यह कामेडी फिल्म है तो यहां पर कोई तर्क खोजने की कोशिश कतई न करें।
क्या है सन ऑफ सरदार 2 की कहानी?
इस बार कहानी पंजाब से निकल कर इंग्लैंड पहुंची है। भोले भाले और कंफ्यूज जस्सी (अजय देवगन) की पत्नी डिंपल (नीरू बाजवा) लंदन में रह रही है। काफी इंतजार के बाद वीजा मिलने पर बड़े अरमानों के साथ जस्सी वहां पर पहुंचता है, लेकिन उसका दिल टूट जाता है। दरअसल, डिंपल उससे तलाक चाहती है।
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जस्सी को क्या मिली थी जिम्मेदारी?
नाटकीय घटनाक्रम में जस्सी की मुलाकात शादियों में नाचने वाली पाकिस्तानी डांसर राबिया (मृणाल ठाकुर), उसकी सौतेली बेटी सबा (रोशनी वालिया) साथ में रहने वाली मेहरिश (कुब्रा सैत) और गुल (दीपक डोबरियाल) से होती है। राबिया का पति दानिश (चंकी पांडेय) उसे छोड़कर भाग जाता है। अमीर गोगी (साहिल मेहता) के साथ सबा शादी करना चाहती है मगर गोगी के पिता राजा (रवि किशन) पाकिस्तानियों से नफरत करते हैं। सबा की शादी कराने के लिए जस्सी को उसके पिता के तौर पर मिलवाया जाता है। जस्सी को भारतीय सेना में कर्नल बताया जाता है। इसके बाद भ्रम सांस्कृतिक टकराव के बीच शादी कैसे होती है फिल्म इस संबंध में है।
जबरदस्ती कॉमेडी दिखाने की कोशिश?
जगदीप सिंह सिद्धू और मोहित जैन द्वारा लिखी कहानी और स्क्रीन प्ले में पाकिस्तान से मनमुटाव, टूटी फूटी अंग्रेजी और नृत्य को कला मानने का संदेश को आधार बनाकर कामेडी पैदा करने की कोशिश की गई है। उसमें काफी जगह वह संघर्ष करते नजर आते हैं। कामेडी के लिए फिल्म बॉर्डर के दृश्य और संवादों का भी प्रयोग हुआ है। निर्देशक विजय कुमार अरोड़ा फिल्म को भव्य बनाते हैं, लेकिन कमजोर पटकथा सामाजिक संदेश के साथ हास्य-व्यंग्य के साथ प्रभावी नहीं बन पाती है।
क्लाइमेक्स को छोड़ दें तो मध्यांतर के बाद ज्यादा कॉमिक सीन हैं , लेकिन वहां तक पहुंचने में काफी धैर्य रखना होता है। भारत पाकिस्तान की आड़ में कुछ चुटकुले हंसाते हैं तो कुछ जबरन ठूंसे लगते हैं। एक्शन कामेडी के नाम पर जस्सी सिर्फ टैंक चलाता ही दिखता है। जस्सी और राबिया की मुलाकात दिलचस्प है, लेकिन उनका रोमांस, नोकझोंक दिलकश नहीं बन पाए हैं।
फिल्म का म्यूजिक कमाल का
जानी, हर्ष उपाध्याय, सनी विक का संगीत पंजाबी पृष्ठभूमि के अनुरुप है और कहीं-कहीं थिरकाता है। सिनेमेटोग्राफर असीम बजाज इंग्लैंड की खूबसूरती को दर्शाते हैं। हालांकि निनाद खानोलकर चुस्त संपादन से फिल्म की अवधि को कम भी कर सकते थे।
अजय देवगन और मृणाल ठाकुर में नहीं बन पाई केमिस्ट्री?
करीब 13 साल के अंतराल के बाद आई सन आफ सरदार फ्रेंचाइज की इस फिल्म में अनाड़ी, नेकदिल, मंदबुद्धि जस्सी की भूमिका में अजय देवगन के चेहरे पर उम्र का असर साफ दिखाई देता है। मृणाल ठाकुर काफी खूबसूरत दिखी हैं। हालांकि दोनों की केमिस्ट्री दिलचस्प नहीं बन पाई है। वहीं सहयोगी भूमिका में आए कलाकारों का दबदबा है। फिल्म का खास आकर्षण रवि किशन हैं। पहले यह भूमिका संजय दत्त निभाने वाले थे, लेकिन लंदन का वीजा न मिलने की वजह से उन्हें यह भूमिका दी गई। उन्होंने पाकिस्तान से नफरत करने वाले व्यवसायी से गैंगस्टर बने व्यक्ति की भूमिका में शानदार अभिनय किया है।
सहायक कलाकारों ने किया बेहतरीन काम
उनके हिस्से में कुछ बेहतरीन संवाद आए है जिससे वह हंसी के पल जोड़ते हैं। उन्हें कामिक दृश्यों में मुकुल देव और विंदू दारा सिंह का भी पूरा सहयोग मिलता हैं। शरत सक्सेना का काम उल्लेखनीय है। दीपक डोबरियाल यहां पर ट्रांसजेंडर की भूमिका में चौंकाते हैं। कुब्रा सैत सामान्य हैं। नीरू बाजवा मेहमान भूमिका में हैं। संजय मिश्रा का पात्र पूरी तरह उबर नहीं पाया है। फिल्म के अंत में रोहित शेट्टी गोलमाल 5 की जानकारी भी देते हैं।
कामेडी, ड्रामा, देशभक्ति, रोमांस जैसे मसालों से भरपूर 'सन आफ सरदार 2' साफ-सुथरी पारिवारिक मनोरंजक फिल्म है जो मूल फिल्म जैसा मनोरंजन नहीं कर पाती है। यहां मनोरंजन के मसाले भरपूर हैं, लेकिन यह स्वादिष्ट नहीं बन पाई हैं।
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