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    The Fantastic Four First Steps Review: सुपरहीरो ने लगाया पृथ्वी को बचाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर! पढ़ें रिव्यू

    मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स की 37वीं फिल्म फैंटास्टिक फोर फर्स्ट स्टेप्स (Fantastic Four First Steps) में सुपरहीरो परिवार के साथ मिलकर लड़ेंगे। 1960 में अंतरिक्ष यात्री रीड रिचर्ड्स और उनके साथी कास्मिक किरणों से सुपरपावर पाते हैं। पृथ्वी पर गैलेक्ट्स का खतरा मंडराता है जो पृथ्वी को खाना चाहता है। आइए जानते हैं कि फिल्म कैसी है।

    By Priyanka singh Edited By: Sahil Ohlyan Updated: Fri, 25 Jul 2025 06:42 PM (IST)
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    फैंटास्टिक फोर फर्स्ट स्टेप्स का रिव्यू (Photo Credit- Jagran)

    प्रियंका सिंह, मुंबई। मैं इस दुनिया के लिए अपने बच्चे की कुर्बानी नहीं दूंगी, लेकिन इस दुनिया की भी कुर्बानी नहीं दूंगी। मिलकर दुश्मन को हराएंगे, एक फैमिली की तरह। इस संवाद से स्पष्ट हो जाता है कि मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स (एमसीयू) की 37वीं फिल्म फैंटास्टिक फोर : फर्स्ट स्टेप्स के सुपरहीरो इस बार परिवार के साथ मिलकर लड़ेंगे।

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    साल 1960 में आंतरिक्ष यात्री डा. रीड रिचर्ड्स उर्फ मिस्टर फैंटास्टिक (पेड्रो पास्कल), सू स्टोर्म (वनैसा कर्बी), बेन ग्रिम (एबन मास-बैकरेक) और जानी स्टोर्म (जोसेफ क्विन) आतंरिक्ष में जाते हैं। वहां एक गलती के कारण कास्मिक किरणें उनके डीएनए में बदलाव कर देती हैं। वह अलग-अलग सुपरपावर के साथ लौटते हैं। रीड में रबर जैसा लचीलापन आ जाता है। सू अदृश्य हो सकती हैं। बेन का शरीर विशाल पत्थरों सा, तो वहीं जानी आग का गोला बन जाता है। सू गर्भवती होती है। पृथ्वी पर गैलेक्ट्स (राल्फ इनेसन) का खतरा मंडराता है। वह भूखा है। पृथ्वी को खाना चाहता है। वह सू से सौदा करता है कि अगर वह अपना बच्चा खाने के लिए दे, तो वह पृथ्वी को नहीं खाएगा। सू के बच्चे में कई सुपर पावर्स हैं। सू ऐसा करने से मना कर देती है।

    फिल्म की कहानी क्या है?

    फिल्म की कहानी एरिक पीयरसन, जेफ कैप्लन, लैन स्प्रिंगर, कैट वूड ने लिखी है। उन्होंने कहानी या पात्रों को एमसीयू की किसी फिल्म या फैंटास्टिक फोर सीरीज से नहीं जोड़ा है। ऐसे में दर्शकों को पिछली कहानी, पात्रों को याद करने पर कोई जोर नहीं लगाना है। सुपरहीरो यहां भी पृथ्वी को ही बचा रहे हैं, लेकिन खासियत यह है कि इस बार वह अपने परिवार की कुर्बानी नहीं देते हैं। कहानी साल 1960 में सेट हैं, जो इसमें ताजगी तो लाती है, लेकिन उस दौर के अनुसार तकनीकी तौर पर मेल नहीं खाती। प्रसिद्ध वेब सीरीज गेम आफ थ्रोन्स के कुछ एपिसोड और वांडाविजन मिनी सीरीज के निर्देशक मैट शाकमैन को कई पात्रों को साथ लाकर, उनका प्रयोग सही तरीके से करने का तजुर्बा है, जो इस फिल्म में भी दिखता है।

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    क्लाइमेक्स में न्यूयार्क की सड़कों पर गैलेक्टस का आना और उससे चारों सुपरहीरो के भिड़ने वाले सीन जबरदस्त हैं। मां असली सुपरहीरो होती है, उसकी झलक भी क्लाइमेक्स में दिखती है। जेस हाल की सिनेमैटोग्राफी 1960 के दौर को दृश्यों से महसूस कराती है। फिल्म के पोस्ट क्रेडिट सीन से साफ हो गया है कि अगले साल रिलीज होने वाली फिल्म एवेंजर्स डुम्स डे में अब यह चार नए सुपरहीरो भी एंट्री लेंगे।

    एक्टिंग कैसी है?

    पेड्रो पास्कल शांत, लेकिन बुद्धिमान सुपरहीरो वाली छवि में फिट बैठते हैं। वनैसा कर्बी मां और सुपरहीरो की जिम्मेदारियों के बखूबी समझते हुए अभिनय करती हैं। जोसेफ क्विन एमसीयू के पसंदीदा सुपरहीरो बनने की सारी खूबियां रखते हैं। एबन मास-बैकरेक और राल्फ इनेसन के लिए यकीनन रोल आसान नहीं होगा, क्योंकि उनके पात्र भारी-भरकम सीजीआई (कंप्यूटर जनरेटेड इमेजरी) से बने हुए हैं। फिर भी पत्थरों से बने एबन अपनी एक्टिंग से सुंदर न दिखने का दर्द महसूस कराते हैं। वहीं राल्फ, एवेंजर्स फिल्म के खलनायक थैनोस की याद दिलाते हैं, जो बिना चीखे-चिल्लाए भी डरावना है।

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