Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    War 2 Review: एक्‍शन शानदार पर कहानी में फिसल गई वॉर 2, देखने से पहले पढ़ लें फुल रिव्यू

    War 2 Movie Review ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan) और जूनियर एनटीआर स्टारर फिल्म वॉर 2 को आज से दुनियाभर के सिनेमाघरों में रिलीज कर दिया गया है। स्पाई थ्रिलर फिल्म को लेकर फैंस में जबरदस्त क्रेज नजर आ रहा है। अगर आप भी इसे देखने को प्लान कर रहे हैं तो पहले यहां फुल रिव्यू पढ़ लें।

    By Smita Srivastava Edited By: Ashish Rajendra Updated: Thu, 14 Aug 2025 04:01 PM (IST)
    Hero Image
    ऋतिक रोशन वॉर 2 मूवी रिव्यू (फोटो क्रेडिट- जागरण)

    एंटरटेनमेंट डेस्क, मुंबई। करीब छह साल पहले आई यशराज फिल्‍म्‍स की स्‍पाई फिल्‍म वॉर में पहली बार रितिक रोशन और टाइगर श्राफ आमने-सामने आए थे। पैन इंडिया फिल्‍मों का चलन बढ़ने के बाद अब हिंदी के साथ साउथ के कलाकारों को कास्‍ट करके उसके दर्शक वर्ग को बढ़ाने का फिल्‍ममेकर्स का प्रयास है। जासूसों को लेकर गढ़ी वॉर 2 (War 2 Review) की दुनिया में इस बार जूनियर एनटीआर की एंट्री हुई है। हालांकि कमजोर पटकथा की वजह से यह वॉर कमजोर हो गई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्या है वॉर 2 की कहानी।

    इस बार भी कहानी देश की सुरक्षा को लेकर है। ओपनिंग सीन जापान में रा के पूर्व एजेंट कबीर (रितिक रोशन) के अदम्‍य साहस से परिचित कराने से होता है। वह भाड़े पर पैसों के लिए काम करता है। उसे गोपनीय संगठन काली (जिसमें चीन, पाकिस्‍तान, बांग्‍लादेश, रूस जैसे देशों के सदस्‍य हैं) के लिए काम करने को कहा जाता है।

    ये सदस्‍य डिजिटली बात करने आते हैं। इनके नाम और शक्‍ल किसी को नहीं पता। यह सब शक्तिशाली बिजनेसमैन, नेता और सैन्‍य अधिकारी है। इनमें देश के लोग भी शामिल है। इनकी नजरें अब भारत पर हैं। इन सबके सामने अपनी विश्वसनीयता को साबित करने के लिए कबीर को अपने मेंटर कर्नल लूथरा (आशुतोष राणा) को मारना पड़ता है। कर्नल लूथरा की जगह विक्रत कौल (अनिल कपूर) को नियुक्‍त किया जाता है।

    अपने पिता कर्नल लूथर की मौत की जांच को लेकर गठित टीम में विंग कमांडर काव्‍या लूथर ( कियारा आडवाणी) भी शामिल होती है। इस टीम में जाबांज विक्रम (जूनियर एनटीआर) उर्फ रघु भी होता है। उन्‍हें कबीर के स्‍पेन में होने की जानकारी मिलती है। हालांकि वे उसे पकड़ पाने में नाकाम रहते हैं। नाटकीय घटनाक्रम में विक्रम की अतीत की परतें खुलती हैं।

    बचपन में कबीर और विक्रम दोस्‍त होते हैं, लेकिन कबीर को कर्नल लूथरा अपने साथ ले जाते हैं। विक्रम अब काली का सदस्‍य बनना चाहता है। दोनों के बीच टकराव आरंभ होता है। विक्रम और कबीर की रंजिश क्‍या मोड़ लेगी? देश फर्स्‍ट मानने वाला कबीर जीतेगा या देश से ऊपर खुद को मानने वाला विक्रम फिल्‍म इस संबंध में है।

    फिल्म का निर्देशक कैसा?

    निर्देशक अयान मुखर्जी वॉर 2 में एक्‍शन के स्‍तर को ऊपर उठाते है लेकिन कहानी को नहीं। इस बार भी जमीन, आसमान, समुद्र के साथ बर्फ पर रोमांचक एक्‍शन दृश्‍यों को गढ़ा गया है। हालांकि हवाई एक्‍शन वास्‍तविक नहीं बन पाया है। मूल फिल्‍म की तरह यह फिल्‍म भी जापान, स्‍पेन, बर्लिन, आबू धाबी, रूस से लेकर स्विट्जरलैंड जैसे देशों की सैर कराने के साथ नई दिल्‍ली भी आती-जाती है। सिनेमेटोग्राफर बेंजामिन जेस्‍पर नयनाभिरामी लोकेशन की सैर कराते हैं।

    हालांकि एक्‍शन के साथ इमोशन का होना बहुत जरूरी होता है। आदित्‍य चोपड़ा की लिखी कहानी और श्रीधर राघवन का स्‍क्रीनप्‍ले शुरुआत में कबीर और विक्रम के पात्रों को स्‍थापित करने में काफी समय लेता है। दोनों कब किस देश में आते जाते है पता ही नहीं चलता। देश के प्रधानमंत्री को मारने का  षड्यंत्र और सुरक्षा में चूक जैसे मुद्दे बहुत बचकाने हो गए हैं।

    किरदार और काम

    जासूसी आधारित फिल्‍में तभी रोमांच पैदा करती है जब खलनायक दमदार हो। यहां पर काली को लेकर गढ़ी दुनिया और पात्र बेहद कमजोर हैं। मध्‍यांतर के बाद जासूसी मिशन के बजाय कहानी कबीर और विक्रम के अतीत और रंजिश पर केंद्रित दिखती है। विक्रम का आसानी से मान लेना कि कबीर मर गया है अविश्वसनीय लगता है। जबकि वह उसे पकड़ भी नहीं पाता है। क्‍लाइमेक्‍स में काली के सदस्‍यों के खात्‍मे में कोई रोमांच या कौतूहल नहीं है। फिल्‍म की अवधि 179 मिनट भी बहुत ज्‍यादा है।

    कबीर की भूमिका में रितिक रोशन देशभक्ति के रंग में रंगे नजर आते हैं। उनका अपना स्‍टाइल है। उसमें जंचे हैं। जूनियर एनटीआर के पात्र में कई शेड है मगर कमजोर पटकथा की वजह से वह अपनी चमक पूरी तरह बिखेर नहीं पाते। दोनों प्रतिभाशाली कलाकारों की टक्‍कर रोमांचक नहीं बन पाई है। प्रीतम का संगीतबद्ध और बास्‍को लेस्‍ली मार्टिस्‍ट द्वॉरा कोरियोग्राफ गाना समझे जनाबे.. जनाबे आली में रितिक और जूनियर एनटीआर का एकसाथ डांस करना उनके प्रशंसकों को पसंद आएगा।

    आशुतोष राणा चिरपरिचित अंदाज में हैं। कियारा आडवाणी के पात्र में कोई नयापन नहीं है। अनिल कपूर की प्रतिभा का समुचित उपयोग नहीं हो पाया है। फिल्‍म के अंत में निर्माता आदित्‍य चोपड़ा की अगली फिल्‍म अल्‍फा की झलक है। जिसमें बाबी देओल अल्‍फा की जानकारी देते हैं।

    यह भी पढ़ें- Coolie and War 2: पहले ही दिन वॉर 2 और कूली के मेकर्स की जेब पर पड़ेगा डाका! ऑनलाइन लीक हो गई मूवीज

    यह भी पढ़ें- 15 August Releases: आजादी का जश्न एंटरटेनमेंट से होगा भरपूर, थिएटर्स से OTT तक रिलीज हुईं ये नई मूवीज-सीरीज