'मैं जल्द ही फिर से भारत आऊंगा', क्लाडियो पिजारो ने कर दी घोषणा, कहा- भारतीय फुटबॉल से युवाओं को जोड़ने की जरूरत
पेरू और बायर्न म्यूनिख के पूर्व स्ट्राइकर क्लाडियो पिजारो का कहना है कि भारतीय फुटबॉल को आगे बढ़ाने के लिए युवाओं पर ध्यान देने की जरूरत है। अगर युवाओं को सही प्लेटफार्म और प्रशिक्षण दिया जाए तो भारत आने वाले वर्षों में बेहतर टीम बन सकता है। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही फिर से भारत आएंगे।
नितिन नागर, जागरण संवाददाता। पेरू और बायर्न म्यूनिख के पूर्व स्ट्राइकर क्लाडियो पिजारो का कहना है कि भारतीय फुटबॉल को आगे बढ़ाने के लिए युवाओं पर ध्यान देने की जरूरत है। अगर युवाओं को सही प्लेटफार्म और प्रशिक्षण दिया जाए तो भारत आने वाले वर्षों में बेहतर टीम बन सकता है। बायर्न के क्लब एंबेसडर पिजारो से नितिन नागर ने विशेष बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश:-
इस सीजन प्रशंसक थामस मूलर को मिस करेंगे। आप बायर्न म्यूनिख के लिए उनके योगदान को कैसे देखते हैं?
- केवल प्रशंसक ही नहीं मैं भी उन्हें मिस करूंगा। वह महान खिलाड़ी के साथ ही अच्छे मित्र भी हैं। लेकिन फुटबॉल यही है, यहां हमेशा बदलाव होते हैं। वह महान खिलाड़ी हैं, उन्होंने बायर्न के लिए बहुत गोल किए हैं और वह बायर्न के परिवार का अहम हिस्सा रहे हैं। उनकी मौजूदगी हमेशा टीम में ऊर्जा भरती है। मुझे विश्वास है कि भले ही एक खिलाड़ी के तौर पर नहीं, बल्कि किसी ओर भूमिका में वह बायर्न से दोबारा जरूर जुड़ेंगे।
हैरी केन बायर्न के लिए प्रमुख स्ट्राइकर के रूप में स्थापित हो चुके हैं। एक स्ट्राइकर के रूप में आपके अनुभव के आधार पर, लेवोन्दोवस्की के दौर की तुलना में अब केन की भूमिका कितनी अलग है?
- दोनों की भिन्न खिलाड़ी हैं। जिस तरह से हैरी केन ने खुद को बायर्न और बुंडेसलीगा के साथ ढाला, वह सचमुच आश्चर्य करने वाला है। वह शुरुआत से ही बायर्न के लिए काफी गोल कर चुके हैं और टीम का अहम हिस्सा हैं। वह केवल ऐसे स्ट्राइकर नहीं हैं जो केवल नेट्स में शॉट दागते हैं, वह पूरी पिच पर काफी मेहनत करते हैं। मुझे आशा है कि वह आने वाले समय में ऐसा प्रदर्शन जारी रखेंगे।
आप पिछले वर्ष भारत आए थे। आप भारतीय फुटबॉल की प्रगति को कैसे देखते हैं?
- मुझे भारत पसंद है, आशा है कि जल्द ही मैं फिर से भारत आऊंगा। भारतीय फुटबॉल की बात करूं तो युवाओं को साथ जोड़ना बहुत जरूरी है और उस दिशा में काम हो रहा है। आपको भविष्य के खिलाड़ी तैयार करने होंगे और इस पर फोकस बेहद आवश्यक है, जिसके परिणाम आपको दिखेंगे। मैं कहूंगा कि अभी जो खिलाड़ी हैं, वह उतने विश्व स्तर पर इतने अच्छे नहीं हैं। आपको ऐसे खिलाड़ियों को सामने लाना होगा जो नई पीढ़ी को ये दिखा सकें कि आने वाले वर्षों में भारतीय फुटबाल कैसा होगा।
क्लब के दूत के रूप में आप भारत में जर्मन फुटबॉल संस्कृति को बढ़ाने में बायर्न की भूमिका को किस प्रकार देखते हैं?
- न सिर्फ भारत, बल्कि एशिया में भी यह बहुत तेजी से बढ़ा है। मैंने बायर्न के साथ एशिया में कई दौरे किए हैं। आप देख सकते हैं कि लोग बायर्न को काफी पसंद करते हैं। अक्टूबर में फिर एशिया का दौरा करूंगा।
आप बायर्न के अलावा चेल्सी के लिए भी खेल चुके हैं। ट्रांसफर विंडो की बात करें तो इंग्लिश क्लब का दबदबा स्पष्ट रूप से दिखता है। क्या बुंडेसलीगा आने वाले समय में प्रीमियर लीग को टक्कर दे पाएगी?
- इस समय प्रीमियर लीग काफी बड़ी लीग है और वहां मुकाबला काफी कड़ा है। चेल्सी, लिवरपूल, मैनचेस्टर युनाइटेड, सिटी, आर्सेलन काफी अच्छा कर रहे हैं। वह अच्छे खिलाड़ियों पर काफी राशि खर्च करते हैं और वहां खिताब जीतना काफी कड़ा है, लेकिन मैं फिर भी मानता हूं कि बुंडेसलीगा प्रीमियर लीग के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकती है। अगर हम चैंपियंस लीग की बात करें तो अंतिम चरण में आपको प्रीमियर लीग और बुंडेसलीगा की टीमें ही दिखती हैं।
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