Nations Cup: Cristiano Ronaldo ने 17 साल के लामिने यमाल को सिखाया, 'बातें कम खेल ज्यादा' का सबक
यमाल और रोनाल्डो के बीच नेशंस कप के फाइनल से पहले ही शब्दों के बाण चलने शुरू हो चुके थे। फाइनल से ठीक पहले यमाल ने इंस्टाग्राम स्टोरी में अपनी फोटो के साथ लिखा बोर्न फार दिस यानी मैं इसके लिए ही पैदा हुआ हूं। मैच में क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने दिखा दिया कि फुटबॉल में असली बादशाह वही होता है जो मैदान पर अपने खेल से बोले।

खेल डेस्क, नई दिल्ली। पुर्तगाल और स्पेन के बीच नेशंस कप के फाइनल से पहले सभी की निगाहें एक तरफ जहां 17 वर्षीय लामिने यमाल पर थीं, तो दूसरी ओर 40 साल के हो चुके क्रिस्टियानो रोनाल्डो पर भी टिकीं थीं। ये केवल फुटबॉल फाइनल नहीं था, बल्कि यह 'युवा जोश बनाम अनुभव' का भी मुकाबला था।
यमाल और रोनाल्डो के बीच मैच से पहले ही शब्दों के बाण चलने शुरू हो चुके थे। फाइनल से ठीक पहले यमाल ने इंस्टाग्राम स्टोरी में अपनी फोटो के साथ लिखा 'बोर्न फार दिस' यानी मैं इसके लिए ही पैदा हुआ हूं।
मैच से पूर्व प्रेस कांफ्रेंस में यमाल ने कहा रोनाल्डो फुटबॉल के दिग्गज हैं, हम सब उनका सम्मान करते हैं, लेकिन मेरा काम बस जीतना है। यमाल की शब्दों से भरी यह चुनौती शानदार लग रही थी, लेकिन नेशंस कप फाइनल में जब असली परीक्षा की घड़ी आई, तो जोश पर अनुभव भारी पड़ा।
मैच में क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने दिखा दिया कि फुटबॉल में असली बादशाह वही होता है, जो मैदान पर अपने खेल से बोले। मैच में रोनाल्डो न सिर्फ चोट के बावजूद खेलने उतरे बल्कि उन्होंने 1-2 से पिछड़ रही अपनी टीम के लिए बराबरी का गोल भी दागा। उनके गोल की बदौलत मैच पेनाल्टी शूटआउट में गया और पुर्तगाल ने स्पेन को हराकर ट्रॉफी अपने नाम की।
मैच के बाद मैदान पर रोनाल्डो की आक्रामक मुद्रा भी देखने लायक थी। उन्होंने न सिर्फ अपनी टीम को जीत दिलाई, बल्कि मैदान पर अपनी मौजूदगी और क्लास से यमाल को बातें कम और खेल ज्यादा का सबक भी सिखा दिया।
हालांकि मैच के बाद रोनाल्डो ने यमाल की तारीफ करते हुए कहा वह एक शानदार खिलाड़ी है। उसे बढ़ने दो, उस पर दबाव मत डालो। उसके पास प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। स्पेन की हार के बाद यमाल की एक तस्वीर इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुई, जिसमें वो रोनाल्डो की ओर देख रहे थे।
शायद सीखने की नजर से, या फिर ये मानते हुए कि महानता सिर्फ शब्दों से नहीं, मैदान पर प्रदर्शन से बनती है। नेशंस कप फाइनल ने दिखा दिया कि शब्दों के बजाय, खेल बोलता है। यमाल भले ही 'बोर्न फार दिस' कहकर फाइनल में उतरे, लेकिन रोनाल्डो ने साबित कर दिया वह यूं ही नहीं इस खेल के सर्वकालिक महान खिलाड़ी हैं।
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