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    जमशेदपुर एफसी के Khalid Jamil बने भारतीय फुटबॉल टीम के नए कोच, 13 साल बाद रचा गया इतिहास

    Updated: Fri, 01 Aug 2025 02:39 PM (IST)

    Khalid Jamil अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) ने खालिद जमील को भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया है। 13 वर्षों के बाद किसी भारतीय को यह जिम्मेदारी मिली है। वर्तमान में जमशेदपुर एफसी के कोच जमील को 170 उम्मीदवारों में से चुना गया। उनकी नियुक्ति से भारतीय फुटबॉल में नई उम्मीदें जगी हैं खासकर आगामी सीएएफए नेशंस कप को लेकर।

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    Khalid Jamil बने भारतीय फुटबॉल टीम के मुख्य कोच

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। Khalid Jamil: भारतीय फुटबॉल के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है, क्योंकि अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआइएफएफ) ने खालिद जमील को भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम का नया मुख्य कोच नियुक्त किया है।

    यह घोषणा शुक्रवार को एआईएफएफ की कार्यकारी समिति की बैठक में की गई, जिसमें खालिद जमील को 170 उम्मीदवारों में से चुना गया।

    यह नियुक्ति इसलिए भी ऐतिहासिक है, क्योंकि 13 वर्षों के बाद किसी भारतीय को राष्ट्रीय पुरुष टीम का कोच बनाया गया है। आखिरी बार 2011-2012 में सावियो मेडेइरा ने यह जिम्मेदारी संभाली थी।

    Khalid Jamil बने भारतीय फुटबॉल टीम के मुख्य कोच

    खालिद जमील, जो वर्तमान में इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) की टीम जमशेदपुर एफसी के मुख्य कोच हैं, ने अपने कोचिंग करियर में कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं, जिसने उन्हें इस प्रतिष्ठित पद के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार बनाया।

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    खालिद जमील का कोचिंग सफर: एक प्रेरणादायक कहानी

    • 48 वर्षीय खालिद जमील का जन्म कुवैत में हुआ, लेकिन उनका पूरा पेशेवर फुटबॉल करियर भारत में रहा। एक खिलाड़ी के रूप में, उन्होंने महिंद्रा यूनाइटेड, एयर इंडिया एफसी, और मुंबई एफसी जैसी टीमों के लिए खेला।
    • 2009 में चोटों के कारण समय से पहले संन्यास लेने के बाद, खालिद ने कोचिंग की दुनिया में कदम रखा और भारतीय फुटबॉल में अपनी छाप छोड़ी।
    • उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि 2017 में आईजाल फुटबॉल क्लब को आई-लीग खिताब दिलाना रही, जो उनके कोचिंग कौशल का पहला बड़ा प्रदर्शन था।
    • इसके बाद, उन्होंने नार्थर्ईस्ट यूनाइटेड एफसी और जमशेदपुर एफसी जैसी आईएसएल टीमों को कोचिंग दी, जहां उन्होंने अपनी रणनीतिक सोच और युवा प्रतिभाओं को निखारने की क्षमता का परिचय दिया।
    • खालिद जमील को मई 2025 में लगातार दूसरे सीजन के लिए एआइएफएफ पुरुष कोच आ द ईयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, जो उनकी कोचिंग क्षमता का प्रमाण है।
    • जमशेदपुर एफसी को 2023-24 सीजन में सेमीफाइनल तक पहुंचाने में उनकी भूमिका ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर और भी अधिक पहचान दिलाई।

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    जमशेदपुर एफसी के लिए गौरव का क्षण

    खालिद जमील की यह नियुक्ति न केवल उनके लिए, बल्कि जमशेदपुर एफसी के लिए भी गर्व का विषय है। टाटा स्टील के स्वामित्व वाली यह टीम इंडियन सुपर लीग में अपनी मजबूत उपस्थिति के लिए जानी जाती है। 2017 में स्थापित, जमशेदपुर एफसी ने अपने पहले कोच स्टीव कोपेल के नेतृत्व में शानदार शुरुआत की थी और बाद में खालिद जमील जैसे कोचों ने इसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।

    जमशेदपुर एफसी ने खालिद के नेतृत्व में 2023-24 सीजन में शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने कलिंगा सुपर कप के फाइनल में जगह बनाई और एएफसी चैंपियंस लीग में क्वालीफाई करने के लिए संघर्ष किया।

    डूरंड कप के उद्घाटन मैच में त्रिभुवन आर्मी एफसी के खिलाफ 3-2 की रोमांचक जीत ने भी उनकी रणनीतिक कुशलता को उजागर किया। इस मैच में खालिद ने पूरी तरह भारतीय खिलाड़ियों की शुरुआती एकादश उतारी, जिसमें सार्थक गोलुई, मनवीर सिंह और निकिल बरला जैसे युवा खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया।

    खालिद की नियुक्ति से जमशेदपुर के प्रशंसकों में उत्साह की लहर है। एक स्थानीय प्रशंसक, आयुष ने कहा,

    "खालिद जमील ने जमशेदपुर एफसी को नई ऊर्जा दी है। उनकी रणनीतियां और खिलाड़ियों में विश्वास जगाने की क्षमता ने हमें सेमीफाइनल तक पहुंचाया। अब उन्हें भारतीय टीम का कोच बनते देखना हमारे लिए गर्व का क्षण है।"

    भारतीय फुटबॉल के लिए नई चुनौतियां और अवसर

    खालिद जमील का पहला बड़ा टूर्नामेंट मध्य एशियाई फुटबॉल संघ (सीएएफए) नेशंस कप होगा, जो 29 अगस्त 2025 से ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान में आयोजित होगा। भारत को ग्रुप-बी में ताजिकिस्तान, ईरान और अफगानिस्तान के साथ रखा गया है।

    खालिद की पहली चुनौती 29 अगस्त को मेजबान ताजिकिस्तान के खिलाफ होगी, इसके बाद 1 सितंबर को ईरान और 4 सितंबर को अफगानिस्तान के खिलाफ मुकाबले होंगे। टूर्नामेंट का फाइनल 8 सितंबर को खेला जाएगा।

    एआईएफएफ की तकनीकी समिति, जिसकी अध्यक्षता महान स्ट्राइकर आईएम विजयन ने की, ने खालिद जमील को स्टीफन कान्स्टेंटाइन और स्टीफन टारकोविक जैसे अनुभवी कोचों पर तरजीह दी। यह निर्णय न केवल खालिद की कोचिंग क्षमता को दर्शाता है, बल्कि एआईएफएफ की वित्तीय चुनौतियों को देखते हुए एक स्वदेशी कोच को प्राथमिकता देने की रणनीति को भी उजागर करता है।

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    जमशेदपुर एफसी पर प्रभाव

    खालिद जमील की यह नई जिम्मेदारी जमशेदपुर एफसी के लिए भी महत्वपूर्ण है। हालांकि, उनकी राष्ट्रीय टीम के कोच के रूप में नियुक्ति से क्लब को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। खालिद 2026 तक जमशेदपुर एफसी के साथ अनुबंधित हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि वे दोनों जिम्मेदारियों को कैसे संतुलित करते हैं।

    हाल ही में, खालिद को चेन्नइयन एफसी के खिलाफ मैच के दौरान अपने व्यवहार के लिए एआइएफएफ की अनुशासनात्मक समिति से नोटिस मिला था, जिसमें चार मैचों के निलंबन की संभावना जताई गई थी। हालांकि, उनकी नई भूमिका को देखते हुए, यह संभावना है कि क्लब और एआईएफएफ इस मामले को सुलझा लेंगे।

    प्रशंसकों और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया

    खालिद जमील की नियुक्ति को लेकर फुटबॉल विशेषज्ञों और प्रशंसकों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।

    खालिद जमील के सामने भारतीय फुटबॉल को फिर से जीत की पटरी पर लाने की बड़ी चुनौती है।

    हाल के वर्षों में भारतीय टीम का प्रदर्शन उतार-चढ़ाव भरा रहा है, और पूर्व कोच मनोलो मार्केज के जाने के बाद नई ऊर्जा की जरूरत है। खालिद की रणनीतिक दृष्टि और अनुशासित दृष्टिकोण से उम्मीद की जा रही है कि वे भारतीय फुटबाल को अंतरराष्ट्रीय मंच पर नई पहचान दिलाएंगे।

    जमशेदपुर एफसी के प्रशंसकों के लिए, खालिद की यह उपलब्धि क्लब की प्रतिष्ठा को और मजबूत करती है। टाटा स्टील की फुटबाल के प्रति प्रतिबद्धता और खालिद जैसे कोच की अगुवाई में, जमशेदपुर एफसी न केवल आइएसएल में, बल्कि भारतीय फुटबॉल के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

    खालिद जमील की यह नई यात्रा भारतीय फुटबाल और जमशेदपुर एफसी दोनों के लिए एक सुनहरा अवसर है। प्रशंसक अब उनके नेतृत्व में राष्ट्रीय और क्लब स्तर पर नई उपलब्धियों का इंतजार कर रहे हैं।