अब स्ट्राइकर कम हैं, पर गुणवत्ता लाजवाब है : माइकल ओवेन
प्रीमियर लीग इतिहास के सबसे प्रभावशाली फारवर्ड में शामिल ओवेन ने स्टार स्पोर्ट्स प्रेस रूम में 'दैनिक जागरण' के सवाल पर कहा, जब वह खेलते थे तब क्लबों ...और पढ़ें

अब स्ट्राइकर कम हैं, पर गुणवत्ता लाजवाब है : माइकल ओवेन, फाइल फोटो
नितिन नागर, जागरण नई दिल्ली। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान और दिग्गज स्ट्राइकर माइकल ओवेन ने माना है कि मौजूदा दौर में इंग्लिश प्रीमियर लीग (ईपीएल) में स्ट्राइकरों की संख्या कम हो गई है, हालांकि गुणवत्ता के मामले में आज के खिलाड़ी किसी भी तरह कमतर नहीं हैं। ओवेन ने कहा कि इस बार आर्सेनल की टीम काफी अच्छी है और इस बार उसके पास खिताब जीतने का सुनहरा मौका है।
प्रीमियर लीग इतिहास के सबसे प्रभावशाली फारवर्ड में शामिल ओवेन ने स्टार स्पोर्ट्स प्रेस रूम में 'दैनिक जागरण' के सवाल पर कहा, जब वह खेलते थे तब क्लबों में स्ट्राइकरों की भरमार हुआ करती थी। हम दो स्ट्राइकरों के साथ खेलते थे, और अगर दो मैदान में होते तो एक बेंच पर मौजूद रहता था। इस वजह से रोटेशन होता था और सभी को मौके मिलते थे। मैनचेस्टर यूनाइटेड में टेडी शेरिंघम, ओले गनर सोलशायर, एंडी कोल और ड्वाइट यार्क जैसे चार विश्व स्तरीय स्ट्राइकर थे। लिवरपूल के पास भी मैं, एमिल हेस्की और राबी फाउलर जैसे खिलाड़ी थे। हर टीम के पास कई बेहतरीन फारवर्ड होते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है।
ओवेन ने मौजूदा दौर की तुलना करते हुए कहा, आप मैनचेस्टर सिटी को देखें, अगर एर्लिंग हालैंड चोटिल हो जाए तो उनकी जगह कौन खेलेगा? कुछ क्लब तो बिना किसी विशुद्ध स्ट्राइकर के खेल रहे हैं। आर्सेनल पिछले कुछ सालों से पारंपरिक सेंटर फारवर्ड के बिना खेल रही है, और काई हैवर्ट्ज को उस भूमिका में इस्तेमाल कर रही है। हालैंड के आने से पहले सिटी के पास भी कोई असली नंबर-9 नहीं था।
बदल चुकी है स्ट्राइकरों की भूमिका
ओवेन का मानना है कि अब स्ट्राइकरों की प्रोफाइल पूरी तरह बदल चुकी है। उन्होंने कहा कि अब केवल एक सेंटर फारवर्ड होता है जो दो खिलाडि़यों का काम करता है। पहले विंग से खेलने वाले खिलाड़ी गोल कम करते थे, लेकिन अब मोहम्मद सलाह जैसे खिलाड़ी एक सीजन में 30 गोल दाग सकते हैं। खेल की शैली और खिलाड़ियों की भूमिका दोनों बदल चुकी हैं। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि आज के स्ट्राइकरों की गुणवत्ता विश्वस्तरीय है।
उन्होंने कहा कि हालैंड, इसाक, हैरी केन, राबर्ट लेवांदोवस्की, काइलियन एमबापे जैसे खिलाड़ी बेहतरीन हैं। फर्क बस इतना है कि अब ऐसे शीर्ष स्ट्राइकरों की संख्या पहले जैसी नहीं है। जब मैं खेलता था, तब मुझे गोल्डन बूट जीतने के लिए एलन शियरर, इयान राइट, ड्रोग्बा और क्लिंसमैन जैसे दिग्गजों से मुकाबला करना पड़ता था। आज गोल्डन बूट की रेस में बस कुछ नाम हैं, हालैंड, सालाह और शायद इसाक।
अर्टेटा की टीम कर सकती है कमाल
ओवेन ने आर्सेनल की मौजूदा स्थिति पर भी भरोसा जताया और कहा कि मिकेल अर्टेटा की टीम इस बार खिताब जीत सकती है। उन्होंने कहा, मुझे पूरा विश्वास है कि आर्सेनल इस बार लिवरपूल को पछाड़ सकता है। सीजन की शुरुआत में मैंने लिवरपूल को थोड़ा आगे माना था, लेकिन अब लग रहा है कि आर्सेनल उनसे बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। यह टीम बेहद संतुलित और आत्मविश्वास से भरी हुई है। अर्टेटा के नेतृत्व में आर्सेनल का चेहरा पूरी तरह बदल गया है। भले ही उन्होंने हाल के वर्षों में कोई बड़ी ट्राफी नहीं जीती, लेकिन 2022-23 सीजन के बाद से क्लब की पहचान बदल गई है। अब यह टीम जीत के लिए खेलने वाली, युवा और भूखी टीम बन चुकी है।

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