गुजरात में AAP किसान नेता राजुभाई कारपाड़ गिरफ्तार, केजरीवाल ने भाजपा सरकार पर लगाए किसानों की आवाज दबाने के आरोप
गुजरात में आम आदमी पार्टी के किसान नेता राजुभाई कारपाड़ को किसानों के हक और कपास के सही दाम की मांग उठाने के आरोप में रात 3 बजे गिरफ्तार कर लिया गया। AAP और अरविंद केजरीवाल ने इसे किसानों की आवाज दबाने की भाजपा सरकार की कोशिश बताया है, जबकि पुलिस ने इसे कानूनी कार्रवाई कहा। यह घटना गुजरात में किसानों के मुद्दों पर बढ़ती राजनीतिक खींचतान को दर्शाती है।

डिजिटल डेस्क, गांधीनगर। गुजरात में आम आदमी पार्टी (AAP) के किसान नेता राजुभाई कारपाड़ को रात के 3 बजे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। उनके समर्थकों और पार्टी ने आरोप लगाया है कि उनकी गिरफ्तारी केवल इसलिए हुई क्योंकि वे किसानों के हक के लिए आवाज उठा रहे थे और कपास के सही मूल्य की मांग कर रहे थे।
AAP के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि भाजपा के राज में अगर कोई किसानों की आवाज़ उठाए, तो उसे जेल भेज दिया जाता है। गुजरात में जो किसानों के साथ खड़ा होगा, भाजपा उसकी आवाज़ कुचल देगी, लेकिन याद रखिए, सच्चाई को जेल में बंद नहीं किया जा सकता। किसानों की लड़ाई अब रुकने वाली नहीं है।
<blockquote class="twitter-tweet" data-media-max-width="560"><p lang="hi" dir="ltr">भाजपा के राज में अगर कोई किसानों की आवाज़ उठाए, तो उसे जेल भेज दिया जाता है।<br><br>रात के 3 बजे आम आदमी पार्टी के किसान नेता <a href="https://twitter.com/RajubhaiKarpad1?ref_src=twsrc%5Etfw">@RajubhaiKarpad1</a> को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया, उनका कुसूर सिर्फ इतना था कि वो किसानों के हक़ की लड़ाई लड़ रहे थे, कपास का सही दाम मांग रहे थे।<br><br>गुजरात में जो… <a href="https://t.co/AScw1ixeLf">https://t.co/AScw1ixeLf</a></p>— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) <a href="https://twitter.com/ArvindKejriwal/status/1976867475162587251?ref_src=twsrc%5Etfw">October 11, 2025</a></blockquote> <script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script>
AAP ने इस गिरफ्तारी को राजनीतिक दबाव और किसानों के अधिकारों पर हमला बताते हुए इसे राज्य सरकार की आलोचना के रूप में पेश किया है। वहीं, पुलिस ने गिरफ्तारी को कानून के अनुसार कार्रवाई बताया है, लेकिन गिरफ्तारी के पीछे के पूरे कारणों पर कोई आधिकारिक बयान अभी तक नहीं आया है।
किसान संगठनों और राजनीतिक दलों की नजर अब इस मामले पर बनी हुई है, और यह घटना गुजरात में किसानों की समस्याओं और उनके अधिकारों को लेकर बढ़ती राजनीति का नया मोड़ साबित हो सकती है।
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