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    फर्जी CBI अधिकारी बनकर रिटायर्ड ऑडिटर को किया डिजिटल अरेस्ट, ठग लिए 1 करोड़ 5 लाख रुपये

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 11:51 AM (IST)

    अंबाला में रिटायर्ड ऑडिटर शशिबाला और उनके पति साइबर ठगी का शिकार हुए। फर्जी सीबीआई अधिकारियों ने उन्हें 13 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखकर 1.05 करोड़ रुपये ठग लिए। ठगों ने मनी लॉन्ड्रिंग का झूठा आरोप लगाकर एफडी तुड़वाई और पैसे ट्रांसफर करवाए। मामले का खुलासा तब हुआ जब पति की तबीयत बिगड़ी और बेटी को सच्चाई बताई गई। साइबर थाने में केस दर्ज हो गया है।

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    रिटायर्ड ऑडिटर को कर लिया डिजिटल अरेस्ट

    जागरण संवाददाता, अंबाला शहर। हरियाणा रोडवेज विभाग की रिटायर्ड ऑडिटर शशिबाला सचदेवा (उम्र 71 वर्ष) और उनके पति से फर्जी सीबीआई अधिकारी बनकर साइबर ठगों ने करीब 1 करोड़ 5 लाख रुपये की ठगी कर ली। पीड़िता और उनके पति को 13 दिनों तक वाट्सएप काल और वीडियो के जरिए डिजिटल अरेस्ट में रखकर मानसिक प्रताड़ना दी गई और जान से मारने की धमकियां भी दी गईं।

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    शशिबाला ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 3 सितंबर को उनके वाट्सएप नंबर पर एक महिला ने खुद को टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी से बताते हुए संपर्क किया और कहा कि उनका नाम मनी लॉन्ड्रिंग केस में आ रहा है। इसके बाद एक के बाद एक कॉल्स में फर्जी अधिकारी-जो खुद को सीबीआई, डीसीपी और एसीपी व सुप्रीम कोर्ट से जुड़ा बताते रहे, ने उन्हें विश्वास में लेकर बैंक खातों और एफडी की जानकारी हासिल की।

    आरोपितों ने कथित रूप से बताया कि उनका आधार कार्ड मुम्बई में किसी संजय राऊत के मनी लॉन्ड्रिंग केस में इस्तेमाल हुआ है और अब जांच की जा रही है। झूठे आरोपों और धमकियों से डराकर, पीड़िता दंपती को उनकी एफडी तुड़वाकर, लगभग 1.05 करोड़ की राशि तीन अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर करवा ली गई।

    शिकायत के अनुसार, ठगों ने सीबीआई का लोगो इस्तेमाल कर वाट्सएप वीडियो कॉल्स की, नकली कोर्ट ऑर्डर और दस्तावेज भेजे, और धमकी दी कि अगर किसी को जानकारी दी गई तो उन्हें संजय राऊत द्वारा मरवा दिया जाएगा। साइबर थाने में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

    ऐसे की गई ठगी

    3-4 सितंबर: फर्जी सीबीआई अधिकारी बनकर कॉल्स की शुरुआत। आधार कार्ड के गलत इस्तेमाल की बात कही गई।

    5-6 सितंबर: डिजिटल अरेस्ट की धमकी। बैंक खातों की जांच के बहाने 49.5 लाख अकाउंट में ट्रांसफर।

    9 सितंबर: पति के खाते से 35 लाख एक अन्य अकाउंट में ट्रांसफर।

    11-12 सितंबर: गोल्ड गिरवी रखकर 21 लाख का लोन लिया गया और वह भी ठगों के बताए खाते में ट्रांसफर।

    14-15 सितंबर: इंटरपोल और सुप्रीम कोर्ट के नाम पर 4.5 लाख की और मांग, लेकिन तब तक पति की तबीयत बिगड़ गई और बेटी को सच्चाई बताने पर पूरा मामला उजागर हुआ।