बहादुरगढ़ में पहले दिन नहीं हो पाई एक भी पेपरलेस रजिस्ट्री, चार आवेदन आए; एक मिला सही
बहादुरगढ़ में पेपरलेस रजिस्ट्री की शुरुआत उलझन भरी रही। पहले दिन केवल चार ऑनलाइन आवेदन आए, जिनमें से एक ही सही पाया गया। नई प्रक्रिया में 90% कार्य तहसील से बाहर होंगे, जिससे वसीका नवीसों और दस्तावेज तैयार करने वालों के पास भीड़ कम रही।
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जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। पेपरलेस रजिस्ट्री व्यवस्था की शुरूआत तो हो गई है, लेकिन बहादुरगढ़ में पहला दिन उलझन भरा रहा। दिन भर में चार ही आनलाइन आवेदन किए गए। इनमें से भी बिक्री पत्र का कोई नहीं था। तीन तो ट्रांसफर के थे और एक पावर आफ अटार्नी का। इन चार में से एक ही आवेदन सही मिला। उसके लिए मैसेज किया, मगर कोई प्रक्रिया के लिए नहीं पहुंचा।
ऐसे में तहसील में सन्नाटा पसरा रहा। जबकि कार्यदिवस में रोजाना तहसील में गहमा-गहमी रहती थी। रजिस्ट्रियों को लेकर खूब भीड़ होती थी। अब सरकार ने पेपरलेस रजिस्ट्री की शुरुआत की है। इस प्रक्रिया को अभी पूरी तरह समझा जा रहा है। संबंधित अधिकारी भी सब कुछ साफ तौर पर बता पाने की स्थिति में नहीं हैं। अब तक रजिस्ट्री के लिए टाेकन कटते थे फिर कागजात लेकर लोग पहुंचते थे। उनको फीड किया जाता था।
इसके बाद फोटो खिंचवाने की प्रक्रिया होती थी। अब तक जो कार्य तहसील में होता था, उसमें से 90 प्रतिशत कार्य अब तहसील से बाहर ही पूरा करना होगा। यानी तहसील में जो दस्तावेज तैयार करने वाले वसीका नवीस और अन्य लोग हैं, वे ही आवेदन करेंगे या फिर जिनको रजिस्ट्री करवानी है, वे भी संबंधित साइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
मगर यह सब प्रक्रिया कैसे पूरी होगी इस पर अभी उलझन है। इसीलिए बहादुरगढ़ की तहसील में पहले दिन शाम तक चार आवेदन ऑनलाइन पहुंचे। उधर, तहसील के अंदर और बाहर एक जैसा माहौल था। बाहर वसीका नवीसों और दस्तावेज तैयार करने वालों के पास आम दिनों जैसी भीड़ नहीं थी। अभी तो सभी इस व्यवस्था को लेकर देखो और इंतजार करो की स्थिति में हैं।
ऑनलाइन ही रहेगा जमीन का रिकॉर्ड, गलत जानकारी पर आगे नहीं बढ़ेगी प्रक्रिया
नई प्रक्रिया में तहसील के अंदर आरसी-एक, दो और तीन होंगे। तीन स्तर पर आवेदन के दस्तावेजों और बिंदुओं की जांच होगी। इसके बाद रजिस्ट्री के लिए प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। फीस का भुगतान ऑनलाइन ही होगा। पार्टियों के साइन भी डिजिटल होंगे। पूरी प्रकिया का पांच दिन का समय तय किया गया है।
अगर तहसील स्तर पर रजिस्ट्री नहीं होती है तो आवेदन उच्चाधिकारियों के पास पहुंच जाएगा। इससे पहले संबंधित अधिकारी अगर आवेदन को अस्वीकार करेंगे तो उनको कारण दर्ज करना होगा। जमीन का रिकार्ड आनलाइन होगा। ऐसे में किस शख्स का किस जमीन में कितना हिस्सा है उसका पूरा रिकार्ड आनलाइन रहेगा। कोई भी गलत जानकारी दर्ज करने पर आवेदन की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ेगी। 
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नई व्यवस्था के तहत प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। धीरे-धीरे इस पर सब कुछ स्पष्ट होगा। जो आवेदन आए हैं, वे चेक किए गए हैं। आवेदन सही मिलने पर रजिस्ट्री के लिए मैसेज किया जाएगा। फिर क्रेता-विक्रेता के फोटो खींचे जाएंगे।
--सुदेश मेहरा, तहसीलदार, बहादुरगढ़

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