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    Haryana Flood: गांव में पानी भरने से सबकुछ छोड़ भागने पर मजबूर लोग, सरकार से मदद की लगा रहे गुहार

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 05:15 PM (IST)

    तोशाम के दांग ड्रेन टूटने से सागवान गांव में जलभराव हो गया जिससे 70% आबादी पलायन कर गई। सरपंच की अपील पर आसपास के गांवों से किसानों ने मिट्टी से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉलियाँ भेजीं। ग्रामीणों ने सामूहिक प्रयास से ड्रेन को भरने का काम किया। किसान संगठन और सामाजिक संगठन भी मदद के लिए आगे आए क्योंकि सरकारी सहायता अपर्याप्त थी।

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    गांव सागवान में फसलें डूबीं, आबादी में भरा है पानी। फोटो जागऱण

    संवाद सहयोगी, तोशाम। करीब एक माह पहले दांग ड्रेन टूटने से दांग कला, दांग खुर्द और सागवान गांव में जलभराव की स्थिति बन गई थी। इस जलभराव ने गांव सागवान को सबसे ज्यादा प्रभावित किया, जहां पानी घरों में घुस आया और लोगों को अपना सब कुछ छोड़कर सुरक्षित जगहों की ओर जाना पड़ा। गांव की करीब 70 प्रतिशत आबादी अपने मकान छोड़कर पलायन कर चुकी है।

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    बच्चों और बुजुर्गों को रिश्तेदारों के यहां शरण लेनी पड़ी, वहीं खेतों में खड़ी फसलें भी जलमग्न हो गईं। ऐसे कठिन हालात में रविवार को सागवान सरपंच बलजीत ने वीडियो जारी कर आसपास के गांवों से मदद की अपील की।

    अपील का असर यह हुआ कि सोमवार को तोशाम, खरकड़ी सोहान, खरकड़ी माखवान, झांवरी, आलमपुर, पटौदी, संडवा और दुल्हेड़ी से किसानों ने सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्राली मिट्टी भरकर दांग ड्रेन की ओर रवाना कीं। देखते ही देखते वहां मानो मेला-सा लग गया।

    हर कोई अपने स्तर पर मदद करने के लिए जुटा रहा। ड्रेन पर ट्रैक्टरों से मिट्टी डालने का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा। हर किसी के चेहरे पर थकान के बावजूद उम्मीद की चमक साफ दिखाई दे रही थी। यह दृश्य बताता है कि आपदा चाहे कितनी भी बड़ी क्यों न हो, सामूहिक प्रयास और आपसी भाईचारे से उसे मात दी जा सकती है।

    भुरटाना चौक से लेकर बीरन तक ड्रेन कई जगह से टूटी हुई है। इसे बंद करने के लिए ग्रामीण और युवा लगातार मिट्टी के कट्टे भरकर काम कर रहे हैं। आसपास के ग्रामीण भी प्रशासन के साथ पूरा सहयोग दे रहे हैं ताकि पानी की निकासी हो सके और गांवों को राहत मिले। - बलजीत सिंह सरपंच सागवान

    तोशाम हलके के सागवन, दांग कलां, दांग खुर्द जल भराव की मार झेल रहा है खास तौर पर सागवन में जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है प्रशासन की सहायता अपर्याप्त साबित हुई और पानी का जलस्तर नीचे नहीं आया इसको देखते हुए किसान संगठन, सामाजिक संगठन और आसपास के गांव के ग्रामीणों ने खुद ही इस समस्या के समाधान के लिए बेड़ा उठाया।

    ग्रामीण ट्रैक्टर ट्रालियों में मिट्टी भरकर टूटी हुई ड्रेन को बंद करने के लिए हजारों ग्रामीण जुट गए। सरकार की जल भराव निकासी पूरी तरह विफल साबित हुई है। - कमल प्रधान, संरक्षक युवा कल्याण संगठन

    उनकी टीम लगातार राहत कार्यों में लगी है और जब तक हालात सामान्य नहीं होते सहयोग जारी रहेगा। यह केवल सागवान, दांग गांव की नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र की लड़ाई है। ड्रेन का पानी नहीं रुका तो आने वाले दिनों में और भी गांव खतरे में पड़ सकते हैं। हम सब मिलकर इस आपदा को हराएंगे। - पवन सैनी प्रधान, युवा स्वच्छता एवं जनसेवा समिति दुल्हेड़ी

    आपदा से निपटने के लिए प्रशासन की मदद जरूरी है, लेकिन सामाजिक संगठनों की एकजुटता ने आज दिखा दिया कि जब लोग साथ खड़े हों तो किसी भी बड़ी समस्या का समाधान निकाला जा सकता है। संकट के इस समय में युवाओं ने जिस तरह एकजुटता दिखाई है, वह आने वाली पीढिय़ों के लिए उदाहरण बनेगा। - संदीप पंघाल प्रधान युवा क्लब तोशाम