फरीदाबाद में प्रदूषण का कहर, स्वास्थ्य पर दिखाई पड़ रहा प्रतिकूल प्रभाव; बच्चों का रखें ख्याल
फरीदाबाद में वायु प्रदूषण का स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। अस्पतालों में खांसी, जुकाम और सांस लेने में तकलीफ वाले मरीजों की संख्या बढ़ गई है, खासकर बच्चे और बुजुर्ग। डॉक्टरों ने लोगों को सावधानी बरतने, घर पर व्यायाम करने और बच्चों का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी है। प्रदूषण के कारण अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ गई है।
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वायु प्रदूषण के कारण हवा बीते करीब 20 दिनों से खराब श्रेणी में बनी हुई है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। वायु प्रदूषण के कारण हवा बीते करीब 20 दिनों से खराब श्रेणी में बनी हुई है। जिसका असर स्वास्थ्य पर दिखाई दे रहा है। खांसी, छाती में दर्द व जकड़न और सांस से संबंधित प्रतिदिन से 150 से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इनमें सबसे अधिक संख्या बच्चों और बुजुर्गों की है। जिला नागरिक बादशाह खान अस्पताल में प्रतिदिन इलाज के लिए 2500 से 3000 मरीज पहुंचते हैं।
शनिवार को बाल रोग विशेषज्ञ और सामान्य रोग विशेषज्ञ के कक्ष और दवा काउंटर पर मरीजों की भीड़ दिखाई दी। अधिकांश लोगों को जुकाम, सांस लेने में दिक्कत, छाती में जकड़न सहित अन्य बीमारियों से ग्रस्त थे। सामान्य दिनों में इन रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या 50-80 के बीच होती है। जबकि अब 150 पहुंच गई है। अस्पताल प्रबंधन की ओर से भी सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।
बुजुर्ग घर पर ही करें व्यायाम, घर से बाहर निकलने से बचें
मरीजों की संख्या में इजाफा को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी लगातार जागरूक किया जा रहा है। डाक्टरों के मुताबिक इन दिनों हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। ऐसे में बुजुर्गों को सुबह और शाम को बाहर निकलने से बचना चाहिए। दिन में प्रदूषण कम रहता है, ऐसे में शाम की बजाय दिन में निकल सकते हैं। पार्कों की बजाय घर में ही व्यायाम करें। अस्थमा के मरीजों को खास ख्याल रखने की जरूरत है, इन दिनों मरीजों की इन्हेलर की डोज बढ़ जाती है। ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियों और मौसमी फलों का सेवन करें।
22 दिनों का बच्चा है। इसको खांसी और जुकाम हो गया है। पिछले कई दिनों से बीमार है। इलाज के लिए डबुआ डिस्पेंसरी से जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया है। - आशा, राहुल कॉलोनी
बेटी को पिछले तीन चार दिनों से खांसी और छाती में जकड़न हो गई है। डाक्टर ने टेस्ट कराने के लिए कहा था। टेस्ट के बाद इलाज के लिए सुबह से बारी का इंतजार कर रही हूं। -गुड्डी, गाजीपुर रोड।
प्रदूषण का बच्चों के स्वास्थ्य पर असर दिखाई दे रहा है। जीरो से पांच वर्ष के बच्चों का इन दिनों खास ख्याल रखने की जरूरत है। इस उम्र के बच्चों के लंग्स कमजोर होते हैं, इसलिए बीमारियों की चपेट में जल्दी आ जाते हैं।
-डा. अमित गुप्ता, बाल रोग विशेषज्ञ, फोर्टिस अस्पतालजिला अस्पताल में मरीजों को समय पर इलाज और दवाइयां मिल रही हैं। इन दिनों प्रदूषण बढ़ गया है। इसलिए लोगों को अपने स्वास्थ्य का अधिक ख्याल रखने की आवश्यकता है। इलाज के लिए पहुंच रहे मरीजों को यही सलाह दी जा रही है। -डा. विकास गोयल, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, जिला नागरिक

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