अरावली वन क्षेत्र में अवैध निर्माणों पर बुलडोजर गरजेगा या नहीं, अब 11 नवंबर को होगी मामले की सुनवाई
अरावली वन क्षेत्र में अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलेगा या नहीं, इस मामले की सुनवाई अब 11 नवंबर को होगी। अदालत इस मामले पर क्या फैसला सुनाती है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा। सभी की निगाहें अदालत के फैसले पर टिकी हैं।
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अरावली वन क्षेत्र में बने अवैध निर्माण पर कार्रवाई करते हुए नगर निगम और वन विभाग की टीम। जागरण आर्काइव
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। अरावली वन क्षेत्र में बने अवैध निर्माण के खिलाफ तोड़फोड़ की कार्रवाई मामले की सुनवाई अब 11 नवंबर को होगी। 28 अक्टूबर को मामला टेक अप नहीं हुआ और नई तारीख दे दी गई है। मामले की सुनवाई में हो रही देरी से अनंगपुर गांव के लोगों का इंतजार बढ़ गया है। 28 अक्टूबर को होने वाली सुनवाई से लोगों को राहत की उम्मीद थी। लेकिन एक बार फिर नई तारीख मिल गई है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार अरावली वन क्षेत्र में करीब 6497 अवैध निर्माणों पर कार्रवाई होनी थी। इसके तहत जून और जुलाई में वन क्षेत्र में कई दिनों तक नगर निगम और वन विभाग का बुलडोजर गरजा था। कार्रवाई में वन विभाग और नगर निगम की टीम ने 240 फार्म हाउस, बैंक्वेट हाल, मैरिज गार्डन और व्यवसायिक निर्माणों को गिरा दिया।
अधिकारियों के मुताबिक पूर्व अधिकारी, पूर्व मंत्री और उद्योगपति के मैरिज गार्डन, फार्म हाउस तथा बैंक्वेट हाल इस कार्रवाई की जद में आए थे। पहले चरण की कार्रवाई में लगभग 261 एकड़ जमीन खाली करा ली गई है। बचे हुए अवैध निर्माण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार बुलडोजर गरजेगा।
दो बार से मिल रही है सिर्फ तारीख
बता दें कि आठ सितंबर को अरावली में तोड़फोड़ मामले को लेकर हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट असंतुष्ट दिखाई दिया था। सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी (सीइसी) को कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया था। अगली सुनवाई की तारीख आठ अक्टूबर निर्धारित की गई।
लेकिन मामला टेक अप नहीं हो सका, अगली तारीख 28 अक्टूबर दी गई। इस दिन भी मामला टेक अप नहीं हुआ और अगली तारीख 11 नवंबर यानी मंगलवार की दी गई है। सुप्रीम कोर्ट में किसी मामले का टेक अप नहीं होने का मतलब है कि उस मामले को सुनवाई के लिए
सूचीबद्ध नहीं किया गया है या कोर्ट ने उसे सुनवाई के लिए स्वीकार नहीं किया है। मामला बार-बार टेक अप क्यों नहीं हो रहा है, इस संबंध में अधिकारियों ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। उनका कहना है कार्रवाई की रिपोर्ट सीइसी को सौंप दी गई है। सुनवाई के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी को हमारी ओर से रिपोर्ट जमा कर दी गई है। मामले की सुनवाई 28 अक्टूबर को नहीं हुई थी। 11 नवंबर की तारीख मिली है। मंगलवार को सुनवाई हो सकती है। इसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
-सुरेंद्र डांगी, जिला वन अधिकारी, फरीदाबाद

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