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    फरीदाबाद में फर्जी दाखिला मामला: 10 साल पहले सरकारी स्कूलों में पढ़े विद्यार्थियों को खोज रहे गुरुजी

    Updated: Sun, 23 Nov 2025 12:13 PM (IST)

    फरीदाबाद में फर्जी दाखिला मामले की जांच कर रहे शिक्षकों को 10 साल पुराने विद्यार्थियों को खोजने में मुश्किल हो रही है। पुराने रिकॉर्ड ढूंढना और छात्रों तक पहुंचना एक चुनौती है, क्योंकि कई छात्र शहर छोड़ चुके हैं। जांच का उद्देश्य फर्जी दाखिले में शामिल दोषियों का पता लगाना है, जिसके लिए शिक्षक प्रयास कर रहे हैं ताकि सच्चाई सामने आ सके।

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    प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चों के फर्जी दाखिले और मिड डे मील मामले की जांच चल रही है।

    निभा रजक, फरीदाबाद। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चों के फर्जी दाखिले और मिड डे मील मामले की जांच चल रही है। संबंधित मामले में फरीदाबाद और बल्लभगढ़ ब्लॉक के लगभग 15 सरकारी स्कूलों की रिपोर्ट मुखियाओं ने तीन तथा चार नवंबर को सीबीआई को सौंपी थी। उक्त स्कूलों के अध्यापक और मुखिया अब शैक्षणिक सत्र 2014-15 और 2015-16 में पढ़ चुके छात्रों को तलाश रहे हैं। घर-घर जाकर युवाओं (पूर्व छात्र) और उनके अभिभावकों से फार्म भरवा रहे हैं।

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    अधिकारियों के अनुसार वर्ष 2013 तक प्रदेश के सरकारी स्कूलों में मैन्युअल ही दाखिला होते थे। 2014-15 से स्कूलों में बच्चों के आधार कार्ड के साथ एमआईएस पोर्टल पर डाटा अपलोड होने लगा। जिस कारण सरकारी स्कूलों में दाखिले कम होना शुरू हो गए। शैक्षणिक सत्र 2014-15 और 2015-16 के बीच स्कूलों में बच्चों के दाखिले में अंतर आ गया। प्रदेश के कई जिलों में फर्जी दाखिला और मिड डे मील घोटाला को लेकर सीबीआई जांच कर रही है।

    इसे लेकर जून में पहले स्कूलों ने संबंधित रिपोर्ट और दस्तावेेज जमा किए थे। दोबारा जिले के सरकारी स्कूलों के मुखिया को सीबीआई ने रिपोर्ट सबमिट करने के लिए बुलाया था। साथ ही स्कूलों के पूर्व छात्रों को ढूंढने के लिए भी कहा गया था। जिला के स्कूलों में फर्जी दाखिले और मिड डे मील घोटाला हुआ है या नहीं यह फिलहाल जांच का विषय है। अधिकारी भी इस संबंध में बोलने से बच रहे हैं।

    पूर्व छात्रों को ढूंढने में छूट रहा पसीना, शहर छोड़ चुके हैं कई परिवार

    प्राथमिक पाठशाला सराय ख्वाजा, सेहतपुर, तिलपत, एत्मादपुर, राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ओल्ड फरीदाबाद, राजकीय प्राथमिक पाठशाला बड़खल, ऊंचा गांव और चावला कालोनी सहित अन्य स्कूलों के मुखिया ने सीबीआई को रिपोर्ट जमा की है। अब अध्यापक स्कूल रिकार्ड में लिखे घर के पता और फोन नंबर से संपर्क कर रहे हैं।

    अध्यापकों ने बताया कि अभी तक 10-15 पूर्व छात्रों को ही ढूंढ पाए हैं। अधिकांश पूर्व छात्रों की अब नौकरी लग गई है, जबकि कई शहर छोड़कर जा चुके हैं। गांवों में रहने वाले छात्रों को खोजने में कम कठिनाई आ रही है। पूर्व छात्रों को स्कूलों में मिली सुविधाओं, यदि स्कूल छोड़ा तो कारण, कहां तक पढ़ाई की है और वर्तमान नौकरी या पढ़ाई कर रहे हैं, यह जानकारी मांगी जा रही है।

    इन दस्तावेज की होगी जांच 

    जिले में जल्द सीबीआई की टीम आ सकती है। इसमें मुख्य रूप से शैक्षणिक सत्र 2014-15 और 2015-16 के लिए सभी कक्षाओं और सेक्शन की मूल उपस्थिति रजिस्टर, प्रवेश और निकासी रजिस्टर, छात्रों को विभिन्न प्रोत्साहन के वितरण का विवरण युक्त रजिस्टर, छात्रवृत्ति, मासिक वजीफा, वर्दी, स्टेशनरी, बैग और मध्याह्न भोजन (मिड डे मील) संबंधित संबंधित दस्तावेज की जांच और युवाओं तथा उनके अभिभिवाकों से मिलने वाली सुविधाओं के संबंध में जानकारी ली जाएगी।

    सीबीआई द्वारा मामले की जांच लंबे समय से की जा रही है। इस संबंध में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। - डॉ. अंशु सिंगला, जिला शिक्षा अधिकारी, फरीदाबाद