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    फरीदाबाद के अस्पताल रामभरोसे... ICU में दोपहर तक डॉक्टर नहीं, खाली बिस्तर पर मरीज रेफर

    Updated: Mon, 17 Nov 2025 03:20 AM (IST)

    फरीदाबाद के नागरिक बादशाह खान अस्पताल में छुट्टी के दिन आईसीयू में डॉक्टर राउंड पर नहीं आए, जिससे मरीजों को परेशानी हुई। आईसीयू में बिस्तर खाली होने के बावजूद मरीजों को रेफर किया जा रहा है। रेफर मुक्त फरीदाबाद के लिए धरना भी दिया गया, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि आईसीयू में विशेषज्ञों की कमी है।

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    फरीदाबाद के नागरिक बादशाह खान अस्पताल में छुट्टी के दिन आईसीयू में डॉक्टर राउंड पर नहीं आए।

    अनिल बेताब, फरीदाबाद। जिला नागरिक बादशाह खान अस्पताल में छुट्टी वाले दिन व्यवस्था रामभरोसे ही रहती है। बिस्तर होने के बाद भी कई बार मरीजों को रेफर कर दिया जाता है।

    अन्य दिनों में तो वार्डों में सुबह ही डाक्टर राउंड पर आ जाते हैं। मरीजों से हालचाल पूछते हैं, जरूरत होने पर दवा में बदलाव करते हैं तो मरीजों में अपने स्वास्थ्य में सुधार की आशा की किरण जगती है। उन्हें अस्पताल से छुट्टी भी दे दी जाती है।

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    मगर रविवार को बाल रोग विभाग के आइसीयू में तो दोपहर तक डाक्टर ही राउंड पर नहीं आए। स्वजन डाक्टर का इंतजार करते दिखे। नर्सिंग स्टाफ ने बच्चों को देखा और दवा दी। डबुआ कालोनी निवासी ममता का दो वर्षीय बेटा विनीत निमोनिया से पीड़ित है और आइसीयू में भर्ती है। ममता ने बताया कि दोपहर तक उनके वार्ड में डाक्टर नहीं आए थे। इस बारे में ड्यूटी पर मौजूद नर्सिंग अधिकारी ले बताया कि अभी डाक्टर आते ही होंगे।

    आइसीयू में बिस्तर खाली, मरीज किए रेफर

    अस्पताल के दूसरे तल पर आइसीयू बना हुआ है, ताकि गंभीर अवस्था में आने वाले मरीजों को यहां भर्ती किया जा सके। छह बिस्तर के आइसीयू में रविवार को चार बिस्तर खाली थे, फिर भी आपातकालीन विभाग से कई मरीजों को रेफर कर दिया गया। रक्त की कमी और सांस की तकलीफ से पीड़ित संजय कालोनी निवासी बीना को स्वजन रविवार को आपातकालीन विभाग में लाए थे। उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। बीना की बेटी हिमांशी ने बताया कि अस्पताल लाने के थोड़ी देर बाद ही उनकी मां को रेफर कर दिया गया। स्टाफ ने बीना के स्वजन को बताया कि आइसीयू में वेंटिलेटर खराब हैं। इसलिए दूसरे अस्पताल चले जाओ।

    धरने के बाद भी सुधार नहीं

    रेफर मुक्त फरीदाबाद के मुद्दे पर समाजसेवी सतीश चोपड़ा ने गत वर्ष चार दिसंबर को नागरिक अस्पताल के बाद धरना देना शुरू किया था। धरना 293 दिन चला। सतीश चोपड़ा की मांग थी कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया जाए। मरीजों को रेफर न किया जाए। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने आश्वस्त किया था, मगर अब तक सुधार नहीं हो पाया है।

    अभी तक नहीं सुधरे आइसीयू के हालात

    जिला नागरिक अस्पताल के आइसीयू को बेहतर तरीके से चलाने के लिए आवश्यक विशेषज्ञ चिकित्सक व स्टाफ नहीं है। यह है जरूरतें

    04, आइसीयू प्रशिक्षित डाक्टर
    02, आइसीयू विशेषज्ञ
    15, नर्सिंग अधिकारी

    प्रतिदिन सुबह व शाम को डाक्टर हर वार्ड में राउंड पर आते हैं। रात की पाली में भी मरीजों का ध्यान रखा जाता है। व्यवस्था में कोई कमी नहीं है। कई बार मरीजों की स्थिति अधिक गंभीर होती है तो रेफर किए जाते हैं। अभी हमारे पास आइसीयू में कई विशेषज्ञों की जरूरत है। उच्च अधिकारियों से मांग की हुई है। ट्रेनिंग पाने के बाद कई डाक्टर आइसीयू में सेवाएं दे रहे हैं।
    -डा. विकास गोयल, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, जिला नागरिक बादशाह खान अस्पताल

    मरीजों का ब्योरा

    • 2500, प्रतिदिन ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या
    • 180 से 200-आपातकालीन विभाग में 24 घंटे में आने वाले मरीज
    • 30 से अधिक मरीज रेफर किए जाते हैं