नोएडा एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी के कारण बढ़ रही अवैध कॉलोनियां, मास्टर प्लान 2031 को खतरा
फरीदाबाद में नोएडा एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी के कारण अवैध कॉलोनियां बढ़ रही हैं। कॉलोनाइजर बेहतर लोकेशन का लालच देकर लोगों को प्लाट बेच रहे हैं। कई कॉलोनियों में फैक्ट्रियां चल रही हैं, जिससे मास्टर प्लान 2031 को खतरा है। जिला नगर योजनाकार एन्फोर्समेंट विभाग कार्रवाई कर रहा है और मुकदमे दर्ज करा रहा है। लोगों को लुभावनी बातें बताकर प्लाट बेचे जा रहे हैं।
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प्रवीन कौशिक, फरीदाबाद। औद्योगिक नगरी की पड़ोसी जिलों ग्रेटर नोएडा और नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से सीधी व सुगम कनेक्टिविटी होने वाली है। फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद कनेक्टिविटी परियोजना पर भी काम शुरू होने वाला है। बाईपास पर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे भी चालू हो गया है। इस तरह की कनेक्टिविटी का हवाला देकर कालोनाइजर धड़ल्ले से अवैध कालोनी विकसित करने में लगे हुए हैं।
लोगों को बेस्ट लोकेशन और पड़ोसी जिलों से बेहतर कनेक्टिविटी का लालच दिया जा रहा है। सपने दिखाए जा रहे हैं कि इसी कालोनी में 25 से 30 हजार प्रति वर्गगज का रेट कुछ माह बाद हो जाएगा। इसलिए हजारों लोग प्लाट भी ले रहे हैं और आशियाना भी बना रहा है। कई कालोनियां ऐसी भी हैं जहां औद्योगिक प्लाट आवंटित किए जा रहे हैं।
वहीं, कई कॉलोनियों में दो महीने में कार्रवाई की गई है। यहां बड़े-बड़े शेड डालकर फैक्ट्रियां चलाई जा रही थी। अहम बात यह है कि ऐसी कालोनियों से मास्टर प्लान 2031 को खतरा पैदा हो जाएगा। दो साल से कनेक्टिविटी वाली परियोजनाओं के आसपास कृषि योग्य भूमि की खरीद-फरोख्त बढ़ गई है।
कॉलोनाइजरों की ऐसी हरकत से जिला नगर योजनाकार एन्फोर्समेंट विभाग भी सक्रिय हो गया है। अब अवैध कालोनी काटने वालों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए जा रहे हैं।
बनाए कॉल सेंटर, युवतियां कर रही फोन
गांव में कृषि योग्य भूमि खरीदकर कालोनी काटने वाले खूब प्रचार-प्रसार भी कर रहे हैं। कालोनाइजरों ने अपने कार्यालयों में युवतियों को रखा हुआ है, जो आमजन पर काल करती रहती हैं। बेहतर कनेक्टिविटी जैसे लुभावनी बातें कर लोगों को आसान किस्तों पर प्लाट उपलब्ध होने की बात कही जाती है। दिन में कुछ लोगों को ये अपने झांसे में ले ही लेती हैं। साथ ही इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर भी लोगाें के पास ऐसे प्लाट खरीदने के आफर आते रहते हैं। यहां तक कि लोगों के घर तक पम्फलेट पहुंचाए जाते है। प्लाटों की रजिस्ट्री कराने का झांसा दिया जाता है। पक्की सड़कें, बिजली कनेक्शन का वायदा किया जाता है। इसलिए यहां न केवल इसी जिले के बल्कि दिल्ली, गुरुग्राम, ग्रेटर नोएडा के लोग भी निवेश कर प्लाट खरीद रहे हैं
औद्योगिक शहर व रिहायशी जोन को खतरा
हरियाणा राज्य औद्योगिक व अवसंरचना विकास निगम (एचएसआइआइडीसी) और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) द्वारा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक बन रहे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे किनारे औद्योगिक शहर बसाने के लिए फरीदाबाद और पलवल के नौ गांव छांयसा, मोहना, मोहियापुर, बागपुर कलां, बागपुर खुर्द, बहरौला, हंसापुर, सोलड़ा, थंथरी हैं।
इन सभी गांव की नौ हजार एकड़ जमीन ली जानी प्रस्तावित है।यहां औद्योगिक शहर एचएसआइआइडीसी बसाएगा। इतना ही नहीं हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण भी अपने सेक्टरों का दायरा बढ़ाने जा रहा है। इसके लिए ग्रेटर फरीदाबाद के 18 गांव खेड़ी कलां, नचौली, ताजुपुर, ढहकौला, शाहबाद, बदरपुर सैद, साहुपुरा, सोतई, सुनपेड़, मलेरना, जाजरू, भैंसरावली, फत्तुपुरा, भुआपुर, जसाना, फरीदपुर, सदपुरा और तिगांव की साढ़े चार हजार एकड़ जमीन ली जाएगी।
इन गांव में सेक्टर-94ए, 96, 96ए, 99, 100, 101, 102, 103, 140, 141, 142 विकसित किए जाएंगे। इनमें रिहायशी के अलावा वाणिज्यिक सेक्टर भी होंगे। इनमें से अधिकतर गांव में अवैध कालोनियां काटी जा रही है। जिलाा नगर योजनाकार एन्फोर्समेंट की ओर से कई बार कार्रवाई हो चुकी है।
उधर, मास्टर प्लान 2031 तैयार हो चुका है। इसके तहत तय किया जा चुका है कि कहां-कहां क्या गतिविधियां होंगी। यदि कृषि योग्य भूमि पर अवैध प्लाटिंग हो जाएगी तो मास्टर प्लान की गतिविधियां प्रभावित होंगी। इस प्लान के तहत मास्टर रोड व सेक्टर रोड बनेंगी। लेकिन यदि अवैध कालोनी कट गई तो बाद में इसे हटाने में दिक्कत होगी।
एक्सप्रेसवे व निर्माणधीन कनेक्टिविटी वाली परियोजनाओं से सटे गांव पर पैनी नजर है। यहां कालाेनियों को विकसित होने से पहले ही ध्वस्त किया जा रहा है। तीन महीने में 35 से अधिक बार कार्रवाई की है। किसी भी सूरत में कालोनी विकसित नहीं होंगे देंगे। आमजन से अपील है कि वह ऐसी कालोनियों में प्लाट न खरीदें।

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