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    फरीदाबाद निगम आयुक्त का आदेश, 24 गांवों की पंचायती जमीन पर बाजार; राजस्व बढ़ाने का प्लान

    Updated: Mon, 10 Nov 2025 06:32 AM (IST)

    फरीदाबाद नगर निगम अपनी जमीनों का बैंक बनाने की तैयारी में है। निगम आयुक्त ने योजना शाखा को विस्तृत योजना बनाने के आदेश दिए हैं, जिससे राजस्व प्राप्त हो सके। 24 गांवों की पंचायती जमीन पर बाजार बनाने की योजना है। निगम बिना विकास किए जमीन नीलाम करने की प्रक्रिया में सुधार करेगा और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराएगा।

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    फरीदाबाद नगर निगम अपनी जमीनों का बैंक बनाने की तैयारी में है।

    जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। निगम अपनी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के साथ ही उसे विकसित करने की भी तैयारी कर रहा है। इसके लिए निगम आयुक्त ने योजना शाखा के अधिकारियों के साथ बैठक कर एक लैंड बैंक बनाने के आदेश दिए हैं, जिसमें हर जगह की जमीन की विस्तृत जानकारी शामिल होगी।

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    साथ ही, योजना शाखा को यह भी योजना बनानी होगी कि जमीन पर किस तरह के प्रोजेक्ट विकसित किए जा सकते हैं, जिससे निगम को राजस्व प्राप्त हो। इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए अधीक्षण अभियंता ओमवीर सिंह को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। निगम का मानना है कि पर्याप्त जमीन होने के बावजूद उसे फंडिंग की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

    कभी उसे गुरुग्राम नगर निगम तो कभी सरकार से कर्ज लेना पड़ता है। हालांकि, निगम अपनी जमीन पर एचएसवीपी जैसी अच्छी परियोजनाएं विकसित करके अच्छा राजस्व अर्जित कर सकता है। आयुक्त ने सभी संयुक्त आयुक्तों को भी अपनी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के आदेश दिए हैं। इसके तहत तोड़फोड़ शाखा ने विभिन्न जोनों में अभियान शुरू कर दिया है।

    24 गांवों की पंचायती जमीन भी निगम में शामिल 

    निगम में शामिल किए गए 24 गाँवों की पंचायती ज़मीन भी विभाग के पास आ गई है। इनमें से ज़्यादातर ज़मीन ग्रेटर फ़रीदाबाद में है। इसलिए निगम इस ज़मीन पर बाज़ार बनाने की योजना बना रहा है। इसके अलावा, सेक्टर 52 में निगम के पास काफ़ी खाली ज़मीन भी है, जहाँ बाज़ार बनाए जाने हैं। इस ज़मीन की नीलामी काफ़ी समय से रुकी हुई है।

    पहले निगम बिना विकास किए ही ज़मीन नीलाम कर देता था। इससे ज़मीन की क़ीमतें बहुत कम मिलती थीं। ख़रीदारों का मानना है कि ज़मीन नीलाम करने के बाद निगम के अधिकारी आँखें मूंद लेते हैं और विकास कार्य नहीं कराते। लोगों को अधिकारियों के दफ़्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैं। इसके अलावा, किसी भी बाज़ार में सीवरेज, पानी और सड़क की सुविधा उपलब्ध कराने से निगम को अच्छी क़ीमतें मिलेंगी।

    सभी ज़मीनों को अतिक्रमण से मुक्त कराया जा रहा है ताकि उनका समुचित विकास हो सके। निगम अपनी खाली ज़मीनों पर बाज़ार विकसित करके अच्छा राजस्व अर्जित करेगा।

    -ओमवीर सिंह, अधीक्षण अभियंता