गुरुग्राम नहर बनी कूड़े का डंपिंग ग्राउंड... ऊपर से पॉलीथीन की चादर, नीचे फसलें बर्बाद
बल्लभगढ़ में गुरुग्राम नहर कूड़े का ढेर बन गई है, जिससे किसानों को सिंचाई में परेशानी हो रही है। नगर निगम की कूड़ा उठाने की योजना विफल होने से लोग नहर में कचरा डाल रहे हैं, जिससे जल प्रदूषण बढ़ रहा है। सिंचाई विभाग ने निगम को कई पत्र लिखे हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ है। निगम का कहना है कि कूड़ा डालने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा और कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा।

बल्लभगढ़ में गुरुग्राम नहर कूड़े का ढेर बन गई है। फाइल फोटो
सुभाष डागर, बल्लभगढ़। नगर निगम शहर में कूड़े के ढेरों की संख्या कम कर रहा है। लोगों ने अपने घरों के पास गुरुग्राम नहर में कूड़ा डालने की जगह बना ली है। नहर के पानी के ऊपर कूड़े की मोटी परत जम गई है। कचरे के कारण किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सिंचाई विभाग ने कूड़ा डालने के संबंध में नगर निगम प्रशासन को कई पत्र लिखे, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ।
नगर निगम ने शहर में घर-घर कूड़ा उठाने की योजना शुरू की थी। अब शहर में कूड़ा उठाने वाली गाड़ियां दिखाई नहीं दे रही हैं। नगर निगम ने शहर में कूड़े के ढेरों की संख्या घटाकर सात कर दी है। लोग अपना कूड़ा गड्ढों में नहीं डाल रहे हैं। गुरुग्राम नहर के किनारे, राष्ट्रीय राजमार्ग से बाईपास तक सड़क पर कई स्थानों पर कूड़ा डाला जा रहा है।
निगम रोजाना गड्ढों से कूड़ा उठाता है, लेकिन नहर में डाला गया कूड़ा बहकर किसानों के खेतों में जा रहा है। कचरे के साथ बहकर आने वाली पॉलीथिन पाइपलाइन को जाम कर देती है। इससे खेतों में फसलें नहीं उग पाती हैं। गुरुग्राम नहर पहले से ही दिल्ली के नालों से दूषित पानी लाती है। पॉलीथीन की थैलियों में डाला गया कचरा जल प्रदूषण को और बढ़ा देता है।
इन क्षेत्रों में सिंचाई करती है गुरुग्राम नहर
गुरुग्राम नहर फरीदाबाद, गुरुग्राम जिले के सोहना, नूंह जिले के पुन्हाना, पिनंगवा और फिरोजपुर झिरका तथा राजस्थान के भरतपुर जिले की भूमि की सिंचाई करती है।
पॉलीथीन और थर्मोकोल सहित अन्य कचरा नहर में बहता है। इस कचरे के कारण खेतों की जुताई मुश्किल हो जाती है। कई बार, पॉलीथीन फसलों को अंकुरित होने से रोकता है। नहर में कचरा डालने से रोका जाना चाहिए।
- श्याम सुंदर नंबरदार, कबूलपुर बांगरखेतों से नहर में पानी बहता है। सिंचाई के लिए, खेतों तक भूमिगत पाइपलाइनें बिछाई जाती हैं और डीजल पंपों का उपयोग करके खेतों की सिंचाई की जाती है। ऐसी स्थिति में, पॉलीथीन पाइपलाइन को अवरुद्ध कर देता है, जिससे बार-बार खुदाई करके उसे बदलना मुश्किल हो जाता है।
-नादर, फतेहपुर तगागुरुग्राम नहर में पहले से ही दिल्ली के नालों का प्रदूषित पानी आता है। इससे किसानों को काफी परेशानी हो रही है। अब नहर के आसपास रहने वाले लोगों ने भी कूड़ा डालना शुरू कर दिया है। नगर निगम को इस समस्या का समाधान करना चाहिए।
-मोनू त्यागी, करनेरागुरुग्राम नहर के दोनों ओर लोग कूड़ा डाल रहे हैं। हमने इस बारे में नगर निगम को कई बार लिखा है। लोगों को कूड़ा डालने से रोकने के बजाय, नगर निगम सिंचाई विभाग से कर्मचारी मँगवाकर अपनी ज़िम्मेदारी से बच निकलता है। सिंचाई विभाग के पास नहर पर तैनात करने के लिए पर्याप्त कर्मचारी नहीं हैं।
-अरविंद शर्मा, उप-मंडल अधिकारी, सिंचाई विभागहम रोज़ाना नहर के किनारे से कूड़ा उठाते हैं। अगर कोई नहर में कूड़ा डाल रहा है, तो यह गलत है। हम कई बार नहर से कूड़ा भी निकालते हैं। मुझे पता है कि यहाँ कूड़ा डाला जाता है। लोग सुबह पाँच बजे अँधेरे में कूड़ा डाल देते हैं। तीन-चार लोगों को तैनात किया जाएगा और उन पर जुर्माना लगाया जाएगा।
-करण सिंह भगोरिया, संयुक्त आयुक्त, नगर निगम जोन, बल्लभगढ़

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