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    फरीदाबाद में यमुना खतरे के करीब, बाढ़ का अलर्ट जारी; इतने गांव संवेदनशील घोषित

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 07:08 PM (IST)

    फरीदाबाद में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के पास पहुंच गया है जिससे 27 गांव संवेदनशील घोषित किए गए हैं। प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालकर राहत शिविरों में पहुंचाया है। हथनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद ओखला बैराज से भी जलस्तर बढ़ाया गया है। कई गांवों में फसलें डूब गई हैं और घरों में पानी भर गया है।

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    फरीदाबाद में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के पास पहुंच गया है। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। जिले की सीमा में यह 199.95 मीटर पर बह रही है। जबकि यहां खतरे का निशान 202.30 मीटर है। प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों को उनके घरों से निकालकर राहत शिविरों में पहुंचाने का काम शुरू कर दिया है। उपायुक्त ने अधिकारियों की टीम के साथ किनारे बसे गांवों का दौरा किया।

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    हथनी कुंड बैराज से सोमवार सुबह यमुना में छोड़ा गया तीन लाख 39 हजार क्यूसेक पानी देर रात तक दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है। इसलिए उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने मंगलवार सुबह से फरीदाबाद की सीमा में ओखला बैराज का पानी धीरे-धीरे बढ़ाना शुरू कर दिया।

    सुबह ओखला बैराज से 60 हजार 189 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था। शाम को यह जलस्तर बढ़कर 91 हजार 247 क्यूसेक हो गया। 15 अगस्त 2023 को अब तक का अधिकतम तीन लाख, 72 हजार, 225 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।

    इस बार जलस्तर 15 अगस्त-2023 का रिकॉर्ड तोड़ सकता है। प्रशासन ने बाढ़ की दृष्टि से 27 गांवों को संवेदनशील घोषित किया है। यमुना का जलस्तर बढ़ गया है, मोहना, छायंसा, चांदपुर, शाहजहांपुर, मंझावली, राजपुर कलां, अमीपुर, सिदौला, लालपुर में फसलें पानी में डूब गईं।

    बसंतपुर-इस्माइलपुर के घर जलमग्न

    यमुना में आई बाढ़ के कारण बसंतपुर-इस्माइलपुर के घर पानी में डूब गए हैं। इस क्षेत्र के बड़ी संख्या में ग्रामीण अपने घर छोड़कर ज़रूरी सामान और पशुओं के साथ अपने परिचितों के यहाँ चले गए हैं। इस क्षेत्र में कुछ लोग अभी भी घरों के अंदर हैं।

    तहसीलदार यशवंत स्वयं उन्हें बाहर निकालने के लिए समझा रहे थे। उन्होंने लोगों से कहा है कि रात में पानी और बढ़ेगा। इसलिए वे अपने घर छोड़कर अपने परिचितों के यहाँ या किसी सुरक्षित स्थान पर चले जाएँ। वे प्रशासन द्वारा बनाए गए राहत शिविर में रह सकते हैं।

    प्रशासन ने शिविर में रह रहे सभी लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की है। यहाँ दो राहत शिविर बनाए गए हैं। इनमें से एक निजी स्कूल में और दूसरा सामुदायिक भवन में है। प्रशासन ने लालपुर और सिडोला से कुछ लोगों को निकाला है। इन लोगों को भी राहत शिविर में पहुँचाया गया है। लतीफपुर के ग्रामीणों को अरुआ गाँव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में बनाए गए राहत शिविर में ठहराया गया है।

    27 गांव संवेदनशील घोषित

    प्रशासन ने यमुना नदी के किनारे बसे 27 गांवों को संवेदनशील घोषित किया है। इन सभी गाँवों में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए ग्राम सचिव, सरपंच, पटवारी और बीडीपीओ स्तर के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है।

    उपायुक्त, अतिरिक्त उपायुक्त, एसडीएम समेत प्रशासनिक अधिकारी लगातार जानकारी ले रहे हैं। संवेदनशील गांवों में बसंतपुर, किडावली, लालपुर, महावतपुर, राजपुर कलां, तिलोरी खादर, अमीपुर, चिरसी, मंझावली, शाहजहांपुर, चांदपुर, मोठूका, नंगला, घरोड़ा, घुड़ासन, रायपुर कलां, इमामुद्दीनपुर, बेला, साहूपुरा खादर, अलीपुर शिकारगाह, अरुआ, छायंसा, छायंसा झुग्गी और मोहना शामिल हैं।

    इन गांवों में प्रशासन ने विशेष सतर्कता बरतने, टीमें गठित करने और स्थिति पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए हैं. तिगांव ब्लॉक के ददसिया, जसाना, कनवाड़ा में मैरिज हॉल और राजपुर कलां, अरुआ और मोठूका में सामुदायिक भवन और बल्लभगढ़ ब्लॉक के मोहना में बलिदानी वीरेंद्र कुमार राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में राहत शिविर लगाए गए हैं।

    अधिकारियों की टीमों ने किया दौरा

    उपायुक्त विक्रम सिंह, एसडीएम फरीदाबाद अमित कुमार, सराय एसीपी राजेश लोहान और तहसीलदार फरीदाबाद यशवंत सिंह की टीम ने बसंतपुर, इस्मालपुर, लालपुर, अलीपुर शिकारगाह, ददसिया का दौरा किया। बल्लभगढ़ एसडीएम मयंक भारद्वाज, मोहना के नायब तहसीलदार ओमकार दत्त शर्मा, दयालपुर के नायब तहसीलदार जीवन लाल के साथ मंझावली, घरोड़ा, घड़ासन, चांदपुर, शाहजहांपुर, अरुआ, साहूपुरा खादर, छायंसा, मोहना के लोगों से बातचीत की और उनका हालचाल जाना।

    ओखला बैराज से छोड़ा गया जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। सोमवार को हथिनी कुंड बैराज से 3.39 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। फिलहाल, वहां से दो लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। बुधवार सुबह तक जलस्तर और बढ़ने की उम्मीद है। फिलहाल यमुना 200 मीटर के करीब बह रही है। जिले में खतरे का निशान 202.30 मीटर है।

    -अरविंद शर्मा, उपमंडल अधिकारी, सिंचाई विभाग

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