Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    फरीदाबाद में आशियाने पाने को तरस रहे 800 परिवार, लाखों खर्च करके भी किराये के मकान में रहने को मजबूर

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 04:30 PM (IST)

    फरीदाबाद के 800 से ज्यादा परिवारों ने 2009 में इरा डिवाइन प्रोजेक्ट में निवेश किया था पर 16 साल बाद भी घर नहीं मिला। निवेशकों ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर अपनी पीड़ा बताई। बिल्डर ने 2013 में फ्लैट देने का वादा किया था जो पूरा नहीं हुआ। निवेशक रेरा और ग्रीवेंस कमेटी में शिकायत कर चुके हैं। सरकार से प्रोजेक्ट का निर्माण कराने की मांग की है।

    Hero Image
    फरीदाबाद में 16 वर्ष से मकान का इंतजार। जागरण

    जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। फरीदाबाद में आठ सौ से अधिक परिवारों की ओर से असहायता और निराशा की गहरी भावना के साथ लिख रहा हूूं। जिन्होंने वर्ष 2009 में इरा डिवाइन (एडल) प्रोजेक्ट में निवेश किया था।

    बताया दें कि करीब 16 वर्ष बाद भी आशियाने के लिए तरस रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ऑनलाइन भेजे गए पत्र में निवेशकों ने कुछ इस प्रकार से अपनी पीड़ा को व्यक्त किया है।

    निवेशकों ने बताया कि सेक्टर-76 में वर्ष 2009 में बिल्डर ने इरा डिवाइन (एडल) प्रोजेक्ट लांच किया। इसमें करीब 800 लोगों ने निवेश किया था। बिल्डर ने लोगों को वर्ष 2013 में फ्लैट देने का वायदा किया था। लेकिन निवेशकों को अभी तक फ्लैट नहीं मिल पाए हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    फ्लैट के लिए रेरा (हरियाणा रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण) और जिला ग्रीवेंस कमेटी की बैठक मेें तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी शिकायत कर चुके हैं। लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका है। निवेशकों की मांग है कि सरकार और जिला प्रशासन इस प्रोजेक्ट को अपने अंतर्गत लेकर निर्माण करा दें। इसके लिए निवेशक मरम्मत शुल्क भी देने के लिए तैयार हैं।

    लाखों खर्च करने के बाद भी किराये के मकान में रहने को मजबूर

    निवेशक प्रवीण और संजय कुमार सहित अन्य ने बताया कि बुकिंग के समय 180 गज के फ्लैट की कीमत 24 लाख और 250 गज के फ्लैट की कीमत करीब 28-30 लाख रुपये थी। फ्लैट के लिए लगभग 70-80 फीसदी पेमेंट कर दी है। फिर भी किराये के मकान पर रहने को मजबूर हैं। यह केस 2019 से एनसीएलटी में चल रहा है।

    इस संबंध में 13 दिसंबर 2024 को निवेशकों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री नायब सैनी, जिला नगर योजनाकार, जिला उपायुक्त और पुलिस कमिश्नर से ईमेल के माध्यम से मदद मांगी थी। एक सितंबर को प्रवीण चौधरी की ओर से प्रधानमंत्री कार्यालय में आनलाइन शिकायत देकर जल्द निर्माण कार्य पूरा कराने की मांग की है।

    आरोप यह भी है कि समस्या का समाधान कराए बिना ही सीएम विंडो से शिकायत को बंद कर दिया गया है।