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    फरीदाबाद में 400 डॉक्टरों की हड़ताल से बिगड़ी व्यवस्था, मरीजों में मचा हाहाकार; ये प्रमुख मांगें

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 12:10 PM (IST)

    फरीदाबाद के ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में लगभग 400 डॉक्टरों ने मांगों को लेकर हड़ताल की जिससे ओपीडी सेवाएं प्रभावित हुईं। डॉक्टरों ने डीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और वेतन में देरी तथा कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई। मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा क्योंकि कई डॉक्टर हड़ताल पर थे और इलाज के लिए उपलब्ध नहीं थे।

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    जूनियर व सीनियर रेजिडेंट डाक्टरों की हड़ताल से बिगड़ी व्यवस्था। जागरण

    जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। फरीदाबाद में तीन नंबर स्थित ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के लगभग 400 जूनियर व सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर बृहस्पतिवार को अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे। डाक्टरों ने डीन कार्यालय के बाहर आकर रोष प्रदर्शन किया।

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    बता दें कि डॉक्टर हड़ताल रहे, इसलिए अस्पताल की ओपीडी व आपरेशन सेवाएं प्रभावित रहीं। कई डाक्टरों ने डीन डा. कालीदास चौहान दत्तात्रेय की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई। डाक्टरों कहना था कि यहां पहले से नियुक्त एक सीनियर रेजिडेंट (महिला) से दोबारा से नियुक्ति के लिए आवेदन करवाया गया है, जो कि नियम के खिलाफ है।

    बताया गया कि कई सीनियर डाक्टरों को एक महीने से वेतन नहीं मिला है। कई जूनियर डाक्टर का वेतन कम आया है। पहले भी इस मुद्दे से डीन को अवगत कराया गया था, मगर ध्यान नहीं दिया गया। सिर्फ आश्वासन ही दिया जा रहा है। मरीजों का ऑनलाइन रिकॉर्ड भी जूनियर रेजिडेंट को ही दर्ज करना पड़ता है। इसके लिए पहले अलग से स्टाफ काम करता था। डाक्टरों ने इस बात के लिए भी रोष जताया कि वह पहले सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक ड्यूटी करते थे। अब उन्हें सुबह आठ बजे बुलाया जा रहा है।

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    ओपीडी में प्रतिदिन औसतन 4800 मरीज आते हैं। इसके अलावा आपातकालीन विभाग में 24 घंटे में आने वाले मरीजों की संख्या 300 है।

    हड़ताल से कई मरीज और स्वजन परेशान रहे। मरीजों ने नाराजगी जताई कि अस्पताल की व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी प्रबंधन की है, मगर कोई अधिकारी गंभीर नजर नहीं आ रहा है। दयाल बाग निवासी सिकंदर अपनी पत्नी प्रीति के साथ सुबह नौ बजे ही अस्पताल आ गए थे, मगर दोपहर एक बजे तक भी डाक्टर से मिल नहीं पाए थे।

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    कमर के दर्द की पीड़ा झेल रहे सिकंदर ने बताया कि डाक्टरों की हड़ताल के कारण वह दोपहर तक अस्पताल में रहे, मगर डाक्टर ने उन्हें नहीं देखा। इसी तरह ओपीडी में बैठी खतीजा ने बताया कि वह जोड़ाें के दर्द का इलाज कराने को अस्पताल आई थीं, मगर हड़ताल के चलते कई घंटे तक डाक्टर का इंतजार करती रहीं।

    250 डाक्टरों के सहारे चला अस्पताल

    इस अस्पताल में अलग-अलग शाखाओं में कार्यरत 250 डाक्टरों के सहारे अस्पताल चला।

    100 सीनियर रेजिेडेंट और लगभग 300 जूनियर रेजिडेंट हड़ताल पर रहे। सीनियर और जूनियर रेजिडेंट ओपीडी, वार्डों और अन्य शाखाओं में सेवाएं देते हैं। इनके हड़ताल पर रहने से व्यवस्था प्रभावित रही।

    बात करने से बचते रहे डीन

    कालेज के डीन डा. कालीदास दत्तात्रेय चव्हाण ने डाक्टरों को आश्वस्त किया कि उनकी मांगों को जल्द पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। दैनिक जागरण ने बातचीत का प्रयास किया, मगर बातचीत नहीं हो पाई। उनकी निजी सचिव ममता सहगल ने बताया कि बैठक में व्यस्तता के चलते डीन बातचीत नहीं कर पाएंगे।