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    फरीदाबाद में महिलाओं को मिलेगी पिंक टॉयलेट की सुविधा, मौजूदा पुरुष शौचालयों की हालत भी खराब

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 08:50 PM (IST)

    फरीदाबाद नगर निगम शहर में महिलाओं के लिए पिंक शौचालय बनाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए पार्षदों और आरडब्ल्यूए से सुझाव मांगे गए हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनने वाले इन शौचालयों का उद्देश्य सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं के लिए स्वच्छता सुनिश्चित करना है। वर्तमान में शहर में एक भी पिंक शौचालय नहीं है और मौजूदा पुरुष शौचालयों की हालत भी खस्ता है।

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    फरीदाबाद नगर निगम शहर में महिलाओं के लिए पिंक शौचालय बनाने की तैयारी कर रहा है। फाइल फोटो

    दीपक पांडे, फरीदाबाद। बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर स्वच्छ शौचालयों की कमी से जूझ रही आधी आबादी के लिए निगम पिंक शौचालय तैयार कराएगा। इसके लिए 46 वार्डों के पार्षदों और आरडब्ल्यूए प्रतिनिधियों से सुझाव मांगे गए हैं। निगम जगह के हिसाब से पुरुषों के लिए भी शौचालय तैयार कराएगा। ये शौचालय स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए जाएंगे।

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    फिलहाल शहर में एक भी पिंक शौचालय नहीं है। पूरे शहर में करीब 150 पुरुष शौचालय हैं, लेकिन सभी की हालत खराब है। नगर निगम के ही सर्वे में ज्यादातर शौचालयों की हालत बेहद खराब पाई गई थी। शौचालयों की सीटें भी जर्जर हालत में हैं और पानी की भी उचित व्यवस्था नहीं है। निगमायुक्त ने बैठक में अधिकारियों के सामने खराब हालत को लेकर नाराजगी भी जताई थी। इसके बाद सार्वजनिक शौचालयों का प्रस्ताव बनाने के आदेश दिए गए हैं।

    शहर के बड़े बाज़ारों में शौचालयों की हालत खस्ता 

    शहर के बड़े बाज़ारों में सार्वजनिक शौचालयों की हालत बेहद खराब है। एनआईटी एक नंबर मार्केट में लगभग पाँच हज़ार दुकानें हैं। रोज़ाना 15 से 20 हज़ार लोग खरीदारी के लिए बाज़ार आते हैं। इन ख़रीदारों में 70 प्रतिशत महिलाएँ होती हैं। लेकिन इतने बड़े बाज़ार में महिलाओं के लिए एक भी शौचालय नहीं है।

    निगम ने बाज़ार में शौचालय तो बनवाए हैं, लेकिन रखरखाव के अभाव में उनकी हालत बदतर हो गई है। इसके साथ ही, एनआईटी के पाँच नंबर मार्केट में दो हज़ार से ज़्यादा दुकानें हैं। इस बाज़ार में 10 हज़ार से ज़्यादा लोग खरीदारी के लिए आते हैं।

    इस बाज़ार में महिलाओं के लिए शौचालय भी नहीं हैं। ओल्ड फ़रीदाबाद मार्केट में लगभग 1500 दुकानें हैं। औसतन यहाँ रोज़ाना लगभग 10 से 12 हज़ार ग्राहक आते हैं। इतने बड़े बाज़ार में महिलाओं के लिए एक भी शौचालय नहीं है। सेक्टर सात-दस के बाज़ार का भी यही हाल है।

    शौचालयों की स्थिति को लेकर स्वच्छता सर्वेक्षण में निगम को 33 प्रतिशत अंक मिले थे। यानी निगम बमुश्किल पास हुआ था। नगर निगम और स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा पूरे शहर में दो करोड़ की लागत से 10 शौचालय बनाए गए थे। ये सभी शौचालय जर्जर हालत में हैं।

    पूरे एनआईटी विधानसभा क्षेत्र में एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है। जवाहर कॉलोनी मार्केट में लगभग एक हज़ार दुकानें हैं। वहाँ भी महिलाओं के लिए शौचालय की सुविधा नहीं है। हमने सुझाव दिया है कि जगह ढूँढकर पिंक शौचालय बनाए जाएँ।

    -शीतल खटाना, पार्षद, वार्ड-5

    नगर निगम ने पिंक शौचालयों के लिए सुझाव मांगे हैं। इसके लिए जगह तलाशी जा रही है। अगर पिंक शौचालय बन जाते हैं, तो महिलाओं को विशेष सुविधा मिलेगी।

    -संगीता भारद्वाज, पार्षद, वार्ड-4

    स्वच्छ भारत मिशन के तहत पिंक टॉयलेट बनाने की तैयारी चल रही है। सभी आरडब्ल्यूए प्रतिनिधियों और पार्षदों से सुझाव मांगे गए हैं। ताकि काम शुरू किया जा सके।

    -कल्पना मंडल, संयोजक, स्वच्छ भारत मिशन