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    फरीदाबाद में बारिश ने बढ़ाई मुसीबतें, सड़कों पर जलभराव और यातायात बाधित

    Updated: Wed, 27 Aug 2025 05:12 PM (IST)

    फरीदाबाद में बारिश के बाद जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। सड़कों पर पानी भरने से यातायात बाधित हुआ और राजमार्ग पर लंबा जाम लग गया। नीलम पुल पर जलभराव के कारण वाहन चालकों को भारी परेशानी हुई। जल निकासी के लिए किए गए इंतजाम विफल साबित हुए जिससे लोगों में निराशा है। दिल्ली-मथुरा राजमार्ग पर जलभराव का मुख्य कारण नालों की सफाई न होना बताया गया है।

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    फरीदाबाद में बारिश के बाद जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। तमाम दावों के बावजूद औद्योगिक नगरी में जल निकासी के समुचित इंतजाम नहीं हो पा रहे हैं। हर साल लाखों रुपये बर्बाद होते हैं और सड़कें पानी में डूब जाती हैं। बुधवार को हुई बारिश आफत बनकर बरसी। जिधर देखो, सड़कें पानी से लबालब थीं।

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    हाईवे पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं, ऐसा लग रहा था मानो शहर थम सा गया हो। जाम में वाहन चालकों की सांस फूल रही थी। हालात यह थे कि नीलम रेलवे पुल पार करने में कार चालकों को डेढ़ घंटा लग रहा था। क्योंकि इस पुल पर अजरौंदा की तरफ दोनों तरफ दो से ढाई फीट तक जलभराव था। ट्रैफिक पुलिस मौजूद थी, लेकिन बेबस नजर आई।

    16 करोड़ खर्च

    हर बार बारिश के बाद अजरौंदा चौराहे का हाल सबसे बुरा होता है। नर्सरी और एसीपी ट्रैफिक ऑफिस के सामने काफी जलभराव हो जाता है। इससे नीलम पुल की दोनों लेन पर जाम लग जाता है। इसका सीधा असर हाईवे की सर्विस रोड पर भी पड़ता है। दिनभर जाम से वाहन चालक परेशान होते हैं।

    इधर, सेक्टर-15ए की तरफ हाईवे के नीचे पानी निकासी के लिए लाइन बिछाई गई है। इस काम पर 1.16 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इसके अलावा नर्सरी की तरफ तीन साल पहले 10 लाख रुपये खर्च कर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाए गए थे। लेकिन बुधवार को हुई बारिश में सारे इंतजाम और दावे फेल हो गए।

    इस चौराहे के अलावा फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण ने एक साल पहले ओल्ड फरीदाबाद, अजरौंदा की सरपंच कॉलोनी, खाटू श्याम मंदिर, बाटा, गुडइयर, वाईएमसीए, काली चौक के पास हाईवे के नीचे बड़ी लाइन बिछाई है। इन चौराहों पर चैंबर बनाए गए हैं, जिनसे बारिश का पानी एक तरफ से दूसरी तरफ जाने का दावा किया गया था।

    नगर निगम ने इस लाइन को सेक्टरों की तरफ पहले से बिछाई गई अपनी लाइन से जोड़ दिया है। इस पर करीब 10 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।

    पानी में नहीं जा रहे थे वाहन

    बुधवार को बल्लभगढ़, बाटा और अजरौंदा क्रॉसिंग, नीलम रेलवे पुल और नीलम क्रॉसिंग पर लगे भीषण जाम का मुख्य कारण यह था कि वाहन पानी में नहीं जा रहे थे। दरअसल, इन जगहों पर दो से ढाई फीट पानी भरा हुआ था। इस वजह से वाहन पानी में नहीं जा रहे थे, बल्कि किनारे से निकल रहे थे। इस वजह से सड़क संकरी हो गई और पीछे लंबी लाइन लग गई। अजरौंदा चौक पर जाम के कारण एक तरफ बाटा चौक और दूसरी तरफ सरपंच कॉलोनी तक वाहनों की कतार लग गई।

    यहां जलभराव और जाम लगा

    सीकरी, झाड़सेंतली, जेसीबी चौक, बल्लभगढ़, सोहना मोड़, गुडइयर, वाईएमसीए, बाटा, बड़खल सर्विस रोड, हार्डवेयर से बीके रोड, डबुआ कॉलोनी, जवाहर कॉलोनी, एसजीएम नगर, तिकोना पार्क, नंबर वन मार्केट, सराय ख्वाजा, ओल्ड फरीदाबाद, स्मार्ट रोड, सेक्टर-16 रोड, सेक्टर-3 से सेक्टर-28 तक की सड़कें पानी से लबालब भरी रहीं। सेक्टर-21ए, बी, सी, डी, सेक्टर-46 में काफी जलभराव रहा।

    इस वजह से हुआ जलभराव

    दिल्ली-मथुरा हाईवे पर जलभराव का सबसे बड़ा कारण लाइनों की समय पर सफाई न होना है। हाईवे के बीचों-बीच और दोनों तरफ नाला तो है, लेकिन बारिश के बाद उसके मैनहोल पर कचरा और कीचड़ जमा हो जाता है। इससे पानी आगे नहीं बढ़ पाता। इन मैनहोल की ठीक से सफाई जरूरी है।

    बुधवार को दो-तीन बार तेज बारिश हुई। इतना पानी एक साथ पाइपलाइनों से नहीं निकल सकता। इसे निकलने में कुछ समय लगता है। तीन-चार घंटे में पानी निकल गया। आगे और बेहतर व्यवस्था की जा रही है।

    -विशाल बंसल, मुख्य अभियंता, फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण

    राजमार्ग पर पाइपलाइनों और मैनहोल की सफाई के लिए कर्मचारी तैनात किए गए हैं। वे समय-समय पर काम करते रहते हैं। लेकिन कभी-कभी भारी बारिश में पॉलीथीन और अन्य कचरा मैनहोल में बह जाता है, जिससे जलभराव हो जाता है।

    -धीरज सिंह, परियोजना निदेशक, एनएचएआई