Faridabad Water Crisis: फरीदाबाद वालों की पानी की टेंशन होगी दूर, 20 किलोमीटर डाली जाएगी रेनीवेल की लाइन
फरीदाबाद के NIT और बल्लभगढ़ में पेयजल संकट दूर करने के लिए मोठूका में तीन रेनीवेल लगाए जा रहे हैं। अगले साल मार्च तक शुरू होने वाले इन रेनीवेल से सेक्टर-25 तक नई लाइन बिछाई जाएगी। इस परियोजना से लगभग 5 लाख लोगों को राहत मिलेगी और शहर में 30 एमएलडी पानी की आपूर्ति बढ़ेगी।

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। एनआइटी और बल्लभगढ़ क्षेत्र में पेयजल संकट दूर करने की दिशा में जल्द काम शुरू होने वाला है। इस क्षेत्र के लिए मोठूका में तीन रेनीवेल लगाए जा रहे हैं, जो अगले साल मार्च तक शुरू हो सकते हैं। रेनीवेल का पानी सीधे एनआइटी तक पहुंचाने के लिए अटाली गांव से लेकर सेक्टर-25 बूस्टर तक रेनीवेल लाइन बिछाई जाएगी।
हालांकि एक लाइन पुरानी भी है जिसमें फिलहाल पानी चल रहा है। लेकिन अब यहां से स्पेशल लाइन सेक्टर-25 तक डाली जाएगी ताकि लीकेज सहित अन्य कोई समस्या न हो। 20 किलोमीटर बिछाई जाने वाली लाइन एक हजार एमएम गोलाई वाली होगी।
सेक्टर-25 बूस्टर से पानी एनआईटी व बल्लभगढ़ की कालोनियों में जाएगा। करीब 30 एमएलडी पानी की सप्लाई बढ़ जाएगी। इससे करीब पांच लाख लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। शहर में पेयजल आपूर्ति की मांग 450 एमएलडी और आपूर्ति 330 एमएलडी हो रही है। 120 एमएलडी पानी की प्रतिदिन कमी आ रही है।
रेनीवेल लगाने पर 77 करोड़ से अधिक होगा खर्च
मोठुका में लगाए जा रहे रेनीवेल की लागत 77 करोड़ रुपये आएगी। फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण (एफएमडीए) द्वारा यह काम कराया जा रहा है। रेनीवेल लगाने के लिए यह देखा गया था कि 30 से 35 मीटर भूजल स्तर हो। यह भी देखना होता है कि नीचे पानी पर्याप्त है या नहीं। जिससे कम से कम 20 साल या इससे अधिक समय पर पानी मिल सके।
तीनों रेनीवेल लगाने पर 77 करोड़ से अधिक खर्च होगा। तीन रेनीवेल लाइन नंबर-एक से आठ में बढ़ाने की योजना है। इन लाइनों से मुख्य रूप से बल्लभगढ़ और एनआईटी के लोगों को राहत मिलेेगी।
अभी और लगेंगे पांच रेनीवेल
एफएमडीए ने कुल 12 रेनीवेल लगाएगा। एक रेनीवेल से रोज 10 एमएलडी पानी निकलता है। 12 रेनीवेल से शहर को 120 एमएलडी पानी मिल जाएगा। दूसरे चरण में पांच रेनीवेल लगेंगे। इसकी भी मंजूरी मिल गई है।
एफएमडीए ने नगर निगम व हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के कुल 22 रेनीवेल टेकओवर कर लिए हैं। सभी का संचालन एफएमडीए कर रहा है। बूस्टर तक पानी पहुंचाने का काम एफएमडीए का है। बूस्टर से शहर में पेयजल सप्लाई का जिम्मा नगर निगम का है।
शहर में पानी की है कमी
फिलहाल शहर में पेजयल किल्लत है। मांग व आपूर्ति में अधिक अंतर होने की वजह से शहर की काफी आबादी टैंकरों के पानी पर निर्भर है। नगर निगम द्वारा टैंकर मुहैया नहीं कराए जाते। लोगों को अपने स्तर पर इंतजाम करना होता है।
सबसे अधिक दिक्कत बल्लभगढ़ व एनआइटी में है। एफएमडीए के एसडीओ जितेंद्र सिंह ने बताया कि लाइन डालने के काम को मुख्यमंत्री की स्वीकृति मिल चुकी है। योजना का उद्घाटन भी हो चुका है। जल्द काम शुरू कर देंगे।
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