फरीदाबाद में बालकनी में गमले और हैंगिंग फ्लावर पॉट रखने पर लगी रोक, RWA ने जारी की एडवाइजरी
पुणे में गमले गिरने से बच्चे की मौत के बाद फरीदाबाद की सोसायटियों ने बालकनी में गमले रखने पर रोक लगाई। आरडब्ल्यूए ने एडवाइजरी जारी कर लोगों से सहयोग मांगा है। निवासियों ने गमले हटाने शुरू कर दिए हैं क्योंकि खेलते समय बच्चों को इनसे खतरा हो सकता है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है। लोग अब गमलों को नीचे रख रहे हैं।

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। महाराष्ट्र के पुणे में कुछ दिनों पहले बालकनी में रखा गमला गिरने से एक बच्चे की मौत हो गई थी। इसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था। घटना से सबक लेते हुए शहर की विभिन्न सोसायटी की आरडब्ल्यूए ने बालकनी में गमला रखने पर रोक लगा दी है। एडवाइजरी जारी करके लोगों से पालना की अपील की गई है। धीरे-धीरे सोसायटी के लोग इस दिशा में जागरूकता दिखा रहे हैं। गमलों को बालकनी से हटाना शुरू कर दिया है।
बहुमंजिला सोसायटी और भवन की दीवारों तथा बालकनी में गमले सजाने का शौक तेजी से बढ़ा गया है। यदि सावधानी नहीं बरती गई तो दिखने में सुंदर लगने वाले गमले घातक भी साबित हो सकते हैं। बच्चों के खेलने के दौरान, धक्का लगने या अंधड़ के झोंकों से कभी भी गिर जाने का खतरा है। जिससे किसी की जान भी जा सकती है।
ओमेक्स स्पा विलेज सोसायटी के आरडब्ल्यूए प्रधान हेेमंत राणा और तरंग सोसायटी निवासी शरद सिंघल ने बताया कि पुणे की घटना बहुत दुखद है। फरीदाबाद में ऐसी कोई घटना न हो, इसके लिए लोगों की सहमति से एडवाइजरी जारी कर दी गई है। निवासियों का भी इस दिशा में सहयोग मिल रहा है। निवासियों से विचार-विमर्श के बाद सुरक्षा के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है।
निवासियों से अपील की गई है कि गमलों को बालकनी में न रखें। लोगों का सहयोग भी मिल रहा हैं, कुछेक निवासियों ने गमले नहीं हटाए थे। धीरे-धीरे जागरूकता दिखाते हुए वह भी गमले और फ्लावर पाट हटा रहे हैं। लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है। - करूण गुस्सैन, आरडब्ल्यूए महाचसचिव, पार्क फ्लोर एक
निवासियों से विचार-विमर्श के बाद एडवाइजरी तैयार की गई है। लोगों की राय इसलिए भी जरूरी है कि उनके सहयोग के बिना किसी भी एडवाइजरी या आदेश की पालना नहीं हो सकती है। बालकनी से गमले और भारी सामान हटाने के लिए कहा गया है। यह किसी के लिए भी घातक साबित हो सकते हैं। सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचने का खतरा बच्चों को है। लोगों ने गमलों को दीवारों से उतारकर नीचे रखना शुरू कर दिया गया है। - विजय जसूजा, आरडब्ल्यूए प्रधान, एसआरएस रेजीडेंसी
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