अरावली वन क्षेत्र में अवैध निर्माण और तोड़फोड़ की कार्रवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई
अरावली वन क्षेत्र में अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट में 7 अक्टूबर को सुनवाई होगी। वन विभाग ने सीईसी को रिपोर्ट सौंप दी है। कोर्ट के आदेशानुसार 6497 अवैध निर्माणों पर कार्रवाई होनी है जिसमें से पहले चरण में 240 निर्माण गिराए गए हैं और 261 एकड़ जमीन खाली कराई गई है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने असंतुष्टि जताई थी। ग्रामीणों को राहत की उम्मीद है।

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। अरावली वन क्षेत्र में हुए अवैध निर्माण और तोड़फोड़ की कार्रवाई को लेकर सात अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। वन विभाग की ओर से बीते दिनों हुई कार्रवाई की रिपोर्ट सीईसी (सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी) को सौंप दी गई है। कोर्ट के आदेश पर अनंगपुर सहित आस-पास के गावों के लोगों की निगाहें टिकी हुई हैं।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार अरावली वन क्षेत्र में करीब 6497 अवैध निर्माणों पर कार्रवाई होनी हैं। इसके तहत जून और जुलाई में वन क्षेत्र में कई दिनों तक नगर निगम और वन विभाग का बुलडोजर गरजा था।
कार्रवाई में वन विभाग और नगर निगम की टीम ने 240 फार्म हाउस, बैंक्वेट हाल, मैरिज गार्डन और व्यवसायिक निर्माणों को गिरा दिया गया है। अधिकारियों के मुताबिक पहले फेज की कार्रवाई पूूरी हो चुकी है। करीब 261 एकड़ जमीन खाली करा ली गई है। कोर्ट के आदेशानुसार आगे की कार्रवाई होगी।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने जताई थी असंतुष्टि
आठ सितंबर को अरावली में तोड़फोड़ मामले को लेकर हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट असंतुष्ट दिखाई दिया था। सीईसी को कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया था। अगली सुनवाई की तारीख आठ अक्टूबर निर्धारित की गई थी। मंगलवार को होने वाली सुनवाई से ग्रामीणों को राहतभरी खबर आने की उम्मीद है। ग्रामीणों का कहना है कि अनंगपुर हमारे गांव हमारी मलकियत की जमीन है। उम्मीद है कि ग्रामीणों के बारे में विचार किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सीईसी को कार्रवाई के संबंध में रिपोर्ट वन विभाग की ओर से जमा कर दी गई है। कोर्ट में सुनवाई के बाद जो आदेश आएंगे, उसी अनुसार आगे की कार्रवाई की दिशा तय होगी। - सुरेंद्र डांगी, जिला वन अधिकारी फरीदाबाद
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