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    यमुना में आई बाढ़ ने किसानों को दी राहत, तो आम आदमी पर पड़ी महंगाई की मार; सब्जियों के बढ़े दाम

    Updated: Fri, 22 Aug 2025 03:42 PM (IST)

    यमुना में आई बाढ़ से कुछ किसानों को फायदा हुआ है वहीं कई किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। बाढ़ के कारण रेनीवेल ट्यूबवेल रिचार्ज हुए हैं और खेतों की उर्वरता बढ़ी है लेकिन सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं। स्थानीय फसलें नष्ट होने से दूसरे राज्यों से सब्जियां मंगवाई जा रही हैं जिससे आम आदमी परेशान है।

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    यमुना में बाढ़ आने के बाद महंगी हुई हरी सब्जी, आम आदमी प्रभावित।

    सुभाष डागर, बल्लभगढ़। जब भी यमुना में बाढ़ आती है तो कुछ लोगों को इसका लाभ और कुछ को नुकसान उठाना पड़ता है। बाढ़ के चलते आसपास के गांवों के किसानों की हजारों एकड़ हरी सब्जी बह गई।

    पानी में डूबने के कारण फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई। इसके बाद भी हरी सब्जियों की मांग बराबर बनी हुई है और उत्पादन कम होने से कीमत काफी बढ़ गई है।

    यमुना में बाढ़ आने से मीठे पेयजल आपूर्ति के लिए लगाए गए रेनीवेल 

    ट्यूबवेल जिनका जलस्तर लगातार घटता जा रहा था, वह रिचार्ज हो गया है। जिन खेतों में बाढ़ से जलभराव हो गया, उनकी उर्वरा मजबूत हो गई। क्योंकि खेत में नई मिट्टी आकर जमा हो गई। यमुना दिल्ली के केमिकल युक्त दूषित पानी से जो प्रदूर्षित और गंदी हो गई थी, वह वर्षा के पानी से पूरी तरह से साफ हो गई।

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    इस तरह यमुना से किसानों को कुछ फायदा हुआ है। वहीं यमुना किनारे दूसरे प्रदेशों के किसान और कामगार स्थानीय किसानों से खेतों को पट्टे पर लेकर सब्जियों का उत्पादन करते हैं।

    इन किसानों ने यमुना किनारे के खेतों में परमल, घीया, खीरा, तोरई, पेठा, करेला लगाया हुआ था। इन सब्जियों को बेच कर यह किसान अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। बाढ़ आने से इन किसानों की फसल तेज बहाव होने के कारण काफी बह गई और जो बची हुई थी वह पानी में डूबने से नष्ट हो गई।

    यही कारण है कि अभी तक मंडियों में हरी सब्जी मांग बनी हुई और स्थानीय किसानों की फसल नष्ट हो गई। इसलिए अब दूसरे प्रदेशों से आढ़ती सब्जियों को मंगवा रहे हैँ। ट्रकों का किराया महंगा होने के कारण सब्जियों की कीमत भी बढ़ गई हैं।

    हरी सब्जियों के बाढ़ से पहले व अब के भाव प्रति रुपये किलो में है:

    सब्जी का नाम, बाढ़ से पहले के भाव और फिलहाल के भाव

    परमल                      30                             50

    घीया                        25                             35

    खीरा                        10                             20

    करेला                       35                             40

    तोरई                        30                              60

    टमाटर                     40                               60

    बाढ़ आने के बाद रोजाना हरी सब्जी खासतौर पर बेल वाली की कीमत लगातार बढ़ रही है। बाढ़ के बाद से हरी सब्जी महंगी हो गई ताे इसकी मांग भी अब मंडी में कम हो गई है। महंगी सब्जी खरीदने की बजाय लोग दूसरे विकल्प के बारे में सोचते हैं।

    भीम सिंह, सब्जी विक्रेता

    हम रोजाना मंडी में सब्जी खरीदने के लिए आते हैं। यमुना में बाढ़ आने के बाद ऐसी हरी सब्जी काेई नहीं है जिसे दो या तीन दिन के लिए सस्ते में खरीद कर रख लें। अब तो एक दिन के लिए हरी सब्जी खरीद कर ले जाने में जोर पड़ता है।

    अंशुल

    यमुना में बाढ़ तो आई लेकिन आम आदमी के लिए आफत बन कर आई। हर व्यक्ति सब्जियों की कीमत बढ़ने से प्रभावित हो रहा है। अभी रबी की सब्जियों के आने में काफी समय लगेगा। तब जाकर महंगी सब्जियों से राहत मिलेगी।

    सौरभ यादव

    ज्यादा वर्षा होने और यमुना में बाढ़ आने से स्थानीय किसानों की बेल वाली सब्जी पूरी तरह से नष्ट हो गई हैँ। अब तो हरी सब्जियों को राजस्थान के चौमा और यूपी आगरा से मंगाया जा रहा है। टमाटर और हरा धनिया बंगलौर से आ रहा है। यही कारण है कि अब टमाटर और धनिया बहुत महंगा है। टमाटर मंडी से दुकानदार 60 रुपये और धनिया 100 रुपये प्रति किलो खरीद कर ले जा रहे हैं।

    ओमकार यादव, आढ़ती नई सब्जी मंडी