फरीदाबाद में बाढ़ से दो रेनीवेल और एक बूस्टिंग स्टेशन बंद, कई कॉलोनियों में पीने के पानी का संकट
यमुना नदी में जल स्तर बढ़ने से फरीदाबाद के कांवरा और कबूलपुर में रेनीवेल प्रभावित हुए हैं जिससे पेयजल आपूर्ति बाधित हो गई है। दो रेनीवेल बंद कर दिए गए हैं जिससे सैनिक कॉलोनी जैसे क्षेत्रों में पानी की समस्या हो सकती है। प्राधिकरण के अनुसार अन्य रेनीवेल खतरे में हैं और भी बंद हो सकते हैं। नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। यमुना नदी के बढ़े हुए जल स्तर की चपेट में कांवरा और कबूलपुर के रेनीवेल आ गए हैं। बुधवार को दोनों जगह तैनात कर्मचारियों को बाहर निकाला गया। दोनों रेनीवेल को बंद कर दिया गया है। सड़क से आधा किलोमीटर दूर रेनीवेल के चारों ओर पानी की पानी दिखाई दे रहा है।
यहां तक जाने का संपर्क भी टूट गया है। बिजली कटवा दी गई है। इन दोनों रेनीवेल से लाइन नंबर चार और आठ में पेयजल सप्लाई होता है, जो बंद हो गया है। इससे मुख्य रूप से सैनिक काॅलोनी व आसपास का क्षेत्र प्रभावित हो सकता है। यहां बने एक बूस्टिंग स्टेशन को भी बंद कर दिया है। बाकी रेनीवेल के चारों ओर पानी आ गया है।
फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का दावा है कि पानी अंदर नहीं घुसा है और 19 रेनीवेल अभी चालू हैं। हालांकि इनमें से कई रेनीवेल ऐसे हैं, जहां तक पहुंचने वाली सड़क पानी से लबालब हो गई है। यदि शाम तक या देर रात तक पानी इसी तरह बढ़ता रहा ताे रेनीवेल बंद किए जा सकते हैं। पानी इनके अंदर घुस सकता है।
वैसे भी यमुना नदी का जलस्तर देर रात तक लगातार बढ़ने की आशंका जाहिर की गई है। इसलिए खतरा पैदा हो गया है। यदि ऐसा हुआ तो पेयजल सप्लाई प्रभावित हो जाएगी। क्योंकि शहर को 22 रेनीवेल से पेयजल सप्लाई की जाती है।
इसके लिए यमुना नदी किनारे बसे हुए मोठूका, घरोड़ा, मंझावली, कांवरा,भूपानी, ददसिया, कबूलपुर गांव में रेनीवेल लगाए हुए हैं। 150 से अधिक ट्यूबवेल से पानी आता है। इनसे 200 एमएलडी से अधिक पानी आता है। याद रहे 2023 में बाढ़ की वजह से सभी रेनीवेल पानी में डूब गए थे।
कई दिन तक पेयजल सप्लाई प्रभावित हो गई थी। इसलिए शहरवासियों को पहले से ही अलर्ट रहने की जरूरत है। ताकि पानी की दिक्कत न हो। प्राधिकरण के एसडीओ जितेंद्र सिंह ने बताया कि दो रेनीवेल से संपर्क बिल्कुल टूट गया है।
आधा किलोमीटर तक पानी ही पानी है। इसलिए अंदर जाने में खतरा है। अब जल स्तर कम होने पर ही रेनीवेल चालू होंगे। बाकी 19 रेनीवेल फिलहाल चल रहे हैं।
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