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    एनसीआर के शहरों से हटेंगे डीजल से चलने वाले ऑटो रिक्शा, 1 जनवरी से CNG व इलेक्ट्रिक ऑटो ही होंगे पंजीकृत

    By Susheel BhatiaEdited By: Abhishek Tiwari
    Updated: Thu, 01 Dec 2022 02:00 PM (IST)

    दिली में वायु गुणवत्ता सूचकांक तीन सौ के ऊपर बना हुआ है। दिल्ली की सड़कों पर से पहले से ही डीजल ऑटो रिक्शा हटाए जा चुके हैं। आयोग का लक्ष्य है कि एक जनवरी-2027 तक सड़कों पर सिर्फ सीएनजी और इलेक्ट्रिक ऑटो ही चलते दिखाई दें।

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    एनसीआर के शहरों से हटेंगे डीजल से चलने वाले ऑटो रिक्शा

    फरीदाबाद, जागरण संवाददाता। वायु प्रदूषण का बड़ा कारण माने जाने वाले डीजल ऑटो रिक्शा को दिल्ली-एनसीआर की सड़कों से हटाने की तैयारी शुरू हो गई है। एक जनवरी-2023 से सीएनजी और इलेक्ट्रिक ऑटो ही विभिन्न जिलों के क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण में पंजीकृत होंगे।

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    डीजल ऑटो पूरी तरह से हटाने के निर्देश

    राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सड़कों पर से पहले से ही डीजल ऑटो रिक्शा हटाए जा चुके हैं, अब वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने हरियाणा, यूपी व राजस्थान सरकार के मुख्य सचिवों को पत्र भेज कर एनसीआर के अन्य जिलों की सड़कों से 31 दिसंबर 2026 तक डीजल ऑटो पूरी तरह से हटाने के निर्देश जारी किए हैं।

    यह प्रक्रिया क्रमवार शुरू की जाएगी। इसके लिए गुरुग्राम, फरीदाबाद, गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद के लिए समय सीमा 31 दिसंबर-2024 तय की गई है, जबकि सोनीपत, रोहतक, झज्जर, बागपत के लिए समय सीमा 31 दिसंबर-2025 और एनसीआर के अन्य शहरों के लिए सीमा 30 दिसंबर-2026 है।

    आयोग का लक्ष्य है कि एक जनवरी-2027 तक सड़कों पर सिर्फ सीएनजी और इलेक्ट्रिक ऑटो ही चलते दिखाई दें। आयोग के सदस्य सचिव अरविंद नोटियाल की ओर जो निर्देश जारी हुए हैं, उसके अनुसार संबंधित राज्यों की एजेंसियों इन निर्देशों का पूरी तरह से प्रचार करें और सख्ती से पालन करने की तैयारी शुरू कर दें।

    300 से पार पहुंचा हुआ है वायु गुणवत्ता सूचकांक

    यहां यह बता दें कि दिल्ली-एनसीआर की हवा में पीएम 2.5 का स्तर अक्टूबर माह से बढ़ना शुरू हो जाता है। यह वायु गुणवत्ता सूचकांक इन दिनों भी तीन सौ से पार पहुंचा हुआ है, जबकि दीपावली के आसपास और उसके बाद के कुछ दिनों में यह 500 के भी पार पहुंच गया था, तब सांस लेना भी मुश्किल हो रहा था। पिछले कुछ वर्षों से लगातार यही स्थिति रहने के कारण ग्रेप लागू करना पड़ता है, जिसके तहत विभिन्न पाबंदियां लगा दी जाती हैं।

    इसका सीधा असर उद्योग धंधों पर भी पड़ता है। इसे देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग लगातार विभिन्न ऐसे कदम उठा रहा है, जिससे हवा में पीएम 2.5 का स्तर मानकों के अनुरूप नियंत्रण में रहे। इसी कड़ी में अब डीजल ऑटो रिक्शा पर पाबंदी लगाने की तैयारी शुरू हो गई है।